दरभंगा: कोरोना महामारी की वजह से जारी लॉकडाउन के कारण लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. कहीं कोई जिंदगी की जंग लड़ रहा है, तो कहीं मरने के बाद भी लोगों को कफन नहीं मिल रहा. दरभंगा के बेता हॉस्पीटल रोड में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां बीमारी से मौत के बाद मासूम बच्ची के परिजनों को कफन के लिए घंटों मशक्कत करनी पड़ी.
पूरा शहर घूम आने के बाद भी कफन नहीं मिल सका. आखिरकार एक एनजीओ मानवाधिकार इमरजेंसी सोशल हेल्पलाइन ने परिवार की मदद की और कफन उपलब्ध कराया. तब जाकर कहीं बच्ची की अर्थी उठ सकी.
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बीमारी से हुई मौत
मृत बच्ची की चाची ने बताया कि उनकी बच्ची की मौत बीमारी की वजह से हो गई. उसके बाद अंत्योष्टि के लिए कफन की जरूरत थी. उन लोगों ने शहर के कई बाजारों में जाकर कफन ढूंढा. लेकिन दुकानें बंद होने की वजह से कहीं कफन नहीं मिला. आखिरकार थक-हारकर वे लोग बेता ओपी पुलिस के पास पहुंचे और उनसे मदद मांगी. पुलिस ने उन्हें मानवाधिकार इमरजेंसी सोशल हेल्पलाइन के पास भेज दिया. यहां आने के बाद उन्हें कफन मिल गया.
एनजीओ ने की मदद
मानवाधिकार इमरजेंसी सोशल हेल्पलाइन के प्रदेश अध्यक्ष अभिजीत कुमार ने बताया कि कुछ महिलाएं रोती हुई उनके कार्यालय में मदद के लिए आईं थीं. पहले तो लगा कि राशन या खाने-पीने का सामान मांगने आई हैं. लेकिन महिलाओं को अपने परिवार की मृत बच्ची के लिए कफन की जरूरत थी. इसलिए पुलिस ने उन्हें संगठन के पास भेजा था. जिसके बाद उन्होंने कोशिश करके उन्हें कफन दिलवा दिया.