दरभंगा: बीते रविवार को दिल्ली में लगी आग में जिले के अखलाक की भी मौत हो गई थी. शव गांव पहुंचने के बाद गुरुवार को उसके पैतृक गांव में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. कमतौल थाना क्षेत्र स्थित उसके गांव बहुआरा बुजुर्ग में जब शव यात्रा निकली, तो पूरे गांव में मातम का माहौल बन गया. गांव के लोगों और परिजनों ने उन्हें कब्रिस्तान में दफनाया.
फैक्ट्री में आग लगने से मौत
अग्निकांड के प्रत्यक्षदर्शी मो. लाडले ने बताया कि वे लोग सोए हुए थे. इसी दौरान फैक्ट्री में आग लग गई. कुछ लोग वहां से निकल गए, लेकिन बहुत सारे लोगों की जलने और दम घुटने से मौत हो गई. इसमें अखलाक भी शामिल थे. इस अग्निकांड में अखलाक के साले की भी जलने से मौत हो गई. उन्होंने बताया कि रविवार की रात उनके बेटे ने फैक्ट्री में आग लगने की सूचना दी थी और बताया था कि भागने का कोई रास्ता नहीं है. बाद में पता चला कि उनके दामाद अखलाक सहित उनके 12 साल के बेटे आदिल की भी मौत हो गई. वहीं, उनके 2 बेटों परवेज और दिलरेज की हालत गंभीर है, जिनका दिल्ली में इलाज चल रहा है.
मरने वालों में बिहार के मजदूर
बता दें कि रविवार की सुबह दिल्ली के मंडी बाजार में जैकेट बनाने वाली फैक्टरी में शार्ट सर्किट से आग लग गई थी. जिसमें 50 लोगों की मौत हो गई. वहीं, सैकड़ों लोग झुलस गए थे, जो अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं. इस भीषण अग्निकांड में मरे अधिकतर मजदूर बिहार के रहने वाले थे. दिल्ली सरकार ने अपने खर्च पर सभी मृतकों के शव को उनके घर भेजा है.
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