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दिल्ली अग्निकांड के मृतक दरभंगा के अखलाक को किया गया सुपुर्द-ए-खाक, गांव में पसरा मातम

रविवार की सुबह दिल्ली के मंडी बाजार में जैकेट बनाने वाली फैक्टरी में शार्ट सर्किट से आग लग गई थी. जिसमें 50 लोगों की मौत हो गई. वहीं, सैकड़ों लोग झुलस गए थे, जो अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं.

darbhanga
अंतिम संस्कार
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Published : Dec 13, 2019, 8:35 AM IST

दरभंगा: बीते रविवार को दिल्ली में लगी आग में जिले के अखलाक की भी मौत हो गई थी. शव गांव पहुंचने के बाद गुरुवार को उसके पैतृक गांव में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. कमतौल थाना क्षेत्र स्थित उसके गांव बहुआरा बुजुर्ग में जब शव यात्रा निकली, तो पूरे गांव में मातम का माहौल बन गया. गांव के लोगों और परिजनों ने उन्हें कब्रिस्तान में दफनाया.

फैक्ट्री में आग लगने से मौत
अग्निकांड के प्रत्यक्षदर्शी मो. लाडले ने बताया कि वे लोग सोए हुए थे. इसी दौरान फैक्ट्री में आग लग गई. कुछ लोग वहां से निकल गए, लेकिन बहुत सारे लोगों की जलने और दम घुटने से मौत हो गई. इसमें अखलाक भी शामिल थे. इस अग्निकांड में अखलाक के साले की भी जलने से मौत हो गई. उन्होंने बताया कि रविवार की रात उनके बेटे ने फैक्ट्री में आग लगने की सूचना दी थी और बताया था कि भागने का कोई रास्ता नहीं है. बाद में पता चला कि उनके दामाद अखलाक सहित उनके 12 साल के बेटे आदिल की भी मौत हो गई. वहीं, उनके 2 बेटों परवेज और दिलरेज की हालत गंभीर है, जिनका दिल्ली में इलाज चल रहा है.

दरभंगा में हुआ अंतिम संस्कार

मरने वालों में बिहार के मजदूर
बता दें कि रविवार की सुबह दिल्ली के मंडी बाजार में जैकेट बनाने वाली फैक्टरी में शार्ट सर्किट से आग लग गई थी. जिसमें 50 लोगों की मौत हो गई. वहीं, सैकड़ों लोग झुलस गए थे, जो अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं. इस भीषण अग्निकांड में मरे अधिकतर मजदूर बिहार के रहने वाले थे. दिल्ली सरकार ने अपने खर्च पर सभी मृतकों के शव को उनके घर भेजा है.

ये भी पढ़ें- ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट : ऐसा लग रहा था जनाजा नहीं 'जान' निकल रहा हो

दरभंगा: बीते रविवार को दिल्ली में लगी आग में जिले के अखलाक की भी मौत हो गई थी. शव गांव पहुंचने के बाद गुरुवार को उसके पैतृक गांव में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. कमतौल थाना क्षेत्र स्थित उसके गांव बहुआरा बुजुर्ग में जब शव यात्रा निकली, तो पूरे गांव में मातम का माहौल बन गया. गांव के लोगों और परिजनों ने उन्हें कब्रिस्तान में दफनाया.

फैक्ट्री में आग लगने से मौत
अग्निकांड के प्रत्यक्षदर्शी मो. लाडले ने बताया कि वे लोग सोए हुए थे. इसी दौरान फैक्ट्री में आग लग गई. कुछ लोग वहां से निकल गए, लेकिन बहुत सारे लोगों की जलने और दम घुटने से मौत हो गई. इसमें अखलाक भी शामिल थे. इस अग्निकांड में अखलाक के साले की भी जलने से मौत हो गई. उन्होंने बताया कि रविवार की रात उनके बेटे ने फैक्ट्री में आग लगने की सूचना दी थी और बताया था कि भागने का कोई रास्ता नहीं है. बाद में पता चला कि उनके दामाद अखलाक सहित उनके 12 साल के बेटे आदिल की भी मौत हो गई. वहीं, उनके 2 बेटों परवेज और दिलरेज की हालत गंभीर है, जिनका दिल्ली में इलाज चल रहा है.

दरभंगा में हुआ अंतिम संस्कार

मरने वालों में बिहार के मजदूर
बता दें कि रविवार की सुबह दिल्ली के मंडी बाजार में जैकेट बनाने वाली फैक्टरी में शार्ट सर्किट से आग लग गई थी. जिसमें 50 लोगों की मौत हो गई. वहीं, सैकड़ों लोग झुलस गए थे, जो अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं. इस भीषण अग्निकांड में मरे अधिकतर मजदूर बिहार के रहने वाले थे. दिल्ली सरकार ने अपने खर्च पर सभी मृतकों के शव को उनके घर भेजा है.

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Intro:दरभंगा। बीते रविवार की रात दिल्ली की अनाज मंडी की एक बैग फैक्ट्री में आग लगने की वजह से जिंदा जल कर मरे अखलाक का गुरुवार को उनके पैतृक गांव कमतौल थाना क्षेत्र के बहुआरा बुजुर्ग में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनकी शवयात्रा जब निकली तो गांव का माहौल गमगीन हो गया। गांव के लोगों और सगे-संबंधियों ने उन्हें कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया। Body:अग्निकांड के चश्मदीद मो. लाडले ने बताया कि वे लोग सोए हुए थे। इसी दौरान फैक्ट्री में आग लग गई। जो लोग निकल सकते थे वे निकल गए लेकिन बहुत सारे लोगों की जल कर मौत हो गई। इनमें अखलाक भी शामिल थे।

वहीं, अखलाक के ससुर मो. हकीम ने बताया कि उन्हें रविवार की रात फैक्ट्री में आग लगने की सूचना उनके बेटे ने दी। उन्होंने सबको भाग जाने को कहा लेकिन बेटे ने कहा कि भागने का कोई रास्ता नहीं है। आखिरकार उनके 12 साल के बेटे आदिल और दामाद अखलाक की जलकर मौत हो गई। जबकि उनके दो बेटों परवेज और दिलरेज का गंभीर हालत में अब भी दिल्ली में इलाज चल रहा है। Conclusion:बता दें कि इस भीषण अग्निकांड में मारे गए अधिकतर मजदूर बिहार के दरभंगा, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी आदि जिलों के रहने वाले थे। दिल्ली सरकार ने अपने खर्च पर सभी मजदूरों के शव उनके् घर भेजे हैं।

बाइट 1- मो. लाडले, चश्मदीद.
बाइट 2- मो. हकीम, मृतक के ससुर.

विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
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