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श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए वडोदरा से दरभंगा पहुंचे मजदूर, किराया वसूले जाने पर जताई नाराजगी

मजदूरों ने कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन में उनसे 800 रुपये तक किराया वसूला गया. भाड़ा नहीं दे पाने वाले लोगों को नहीं आने दिया गया. हालांकि मजदूरों ने कहा कि ट्रेन में कोई दिक्कत नहीं हुई, समय पर भोजन और पानी दिया गया.

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Published : May 9, 2020, 11:31 PM IST

Updated : May 10, 2020, 12:18 PM IST

दरभंगा: दूसरे प्रदेशों में फंसे श्रमिकों को लेकर ट्रेनों के बिहार आने का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में 1200 से ज्यादा मजदूरों और उनके परिजनों को लेकर बड़ौदा से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन शनिवार की शाम दरभंगा पहुंची. इस ट्रेन में दरभंगा, मधुबनी, सारण, सिवान, पूर्णिया और नवादा समेत कई जिलों के मजदूर थे.

'भाड़ा नहीं दे पाने वाले लोगों को नहीं आने दिया गया'
मजदूरों ने कहा कि उनसे 800 रुपये तक किराया वसूला गया. भाड़ा नहीं दे पाने वाले लोगों को नहीं आने दिया गया. हालांकि मजदूरों ने कहा कि ट्रेन में कोई दिक्कत नहीं हुई, समय पर भोजन और पानी दिया गया. नवादा के कौवाकोल के एक श्रमिक शीतल प्रसाद ने कहा कि उनसे बतौर किराया 800 रुपये वसूले गए. उन्होंने कहा कि ट्रेन अगर उनके किसी नजदीकी स्टेशन पर रुकती तो ज्यादा बेहतर होता. दरभंगा से नवादा की दूरी बहुत अधिक है. आगे रात भर बस का सफर तय करना पड़ेगा.

देखें रिपोर्ट.

सरकार पर जाहिर की नाराजगी
सारण के जलालपुर के एक मजदूर विक्रम ठाकुर ने भी किराया देने की बात कही. उन्होंने कहा कि उनसे भी 725 रुपये भाड़े के रूप में वसूले गए हैं. उन्होंने सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पता नहीं नीतीश सरकार कौन सी मुफ्त ट्रेन चला रही है. जो लोग किराए के पैसे नहीं चुका पा रहे हैं वे वहीं फंसे हुए हैं. उन्हें आने नहीं दिया जा रहा है.

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वडोदरा से दरभंगा पहुंचे मजदूर

दरभंगा: दूसरे प्रदेशों में फंसे श्रमिकों को लेकर ट्रेनों के बिहार आने का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में 1200 से ज्यादा मजदूरों और उनके परिजनों को लेकर बड़ौदा से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन शनिवार की शाम दरभंगा पहुंची. इस ट्रेन में दरभंगा, मधुबनी, सारण, सिवान, पूर्णिया और नवादा समेत कई जिलों के मजदूर थे.

'भाड़ा नहीं दे पाने वाले लोगों को नहीं आने दिया गया'
मजदूरों ने कहा कि उनसे 800 रुपये तक किराया वसूला गया. भाड़ा नहीं दे पाने वाले लोगों को नहीं आने दिया गया. हालांकि मजदूरों ने कहा कि ट्रेन में कोई दिक्कत नहीं हुई, समय पर भोजन और पानी दिया गया. नवादा के कौवाकोल के एक श्रमिक शीतल प्रसाद ने कहा कि उनसे बतौर किराया 800 रुपये वसूले गए. उन्होंने कहा कि ट्रेन अगर उनके किसी नजदीकी स्टेशन पर रुकती तो ज्यादा बेहतर होता. दरभंगा से नवादा की दूरी बहुत अधिक है. आगे रात भर बस का सफर तय करना पड़ेगा.

देखें रिपोर्ट.

सरकार पर जाहिर की नाराजगी
सारण के जलालपुर के एक मजदूर विक्रम ठाकुर ने भी किराया देने की बात कही. उन्होंने कहा कि उनसे भी 725 रुपये भाड़े के रूप में वसूले गए हैं. उन्होंने सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पता नहीं नीतीश सरकार कौन सी मुफ्त ट्रेन चला रही है. जो लोग किराए के पैसे नहीं चुका पा रहे हैं वे वहीं फंसे हुए हैं. उन्हें आने नहीं दिया जा रहा है.

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वडोदरा से दरभंगा पहुंचे मजदूर
Last Updated : May 10, 2020, 12:18 PM IST
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