भागलपुर: प्रदेश की मिनी राजधानी के नाम से मशहूर भागलपुर अब जल्द ही नए कलेवर में देखने को मिलेगा. बता दें कि जिले के स्मार्ट सिटी योजना के लिए टेंडर प्रोसेस किया जा रहा है. इसके लिए आई ट्रिपल सी के तहत पूरे शहर को स्मार्ट बनाने के लिए प्लान तैयार हो चुका है.
30 से ज्यादा कंपनियों ने लिया टेंडर प्रोसेस में भाग
स्मार्ट सिटी के लिए टेंडर का काम अब फाइनल स्टेज में पहुंच चुका है. इसके लिए 30 कंपनियों ने आई ट्रिपल सी के तहत रोड के लिए टेंडर प्रोसेस में भाग लिया. बताया जा रहा है कि जल्द ही किसी बेहतर कंपनी को इस कार्य के लिए चुना जाएगा. जिसके बाद जिले की सड़के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत स्मार्ट दिखने लगेगी.
'डीपीआर तैयार नहीं होने के कारण हुआ था विलंब'
इस बाबत जिला आयुक्त वंदना किनी ने कहा कि डीपीआर तैयार नहीं होने की वजह से इस कार्य में अपेक्षाकृत विलंब हुआ. जल्द ही लगभग 35 करोड़ की डीपीआर सैंडिस कंपाउंड के सौंदर्यीकरण और नए कार्यों के लिए तैयार किया जाएगा. जिसके बाद योजना टेंडर प्रोसेस में आ जाएंगे और कार्य शुरू कर दिए जाएंगे.
'निगम के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों में था विवाद'
गौरतलब है कि स्मार्ट सिटी के तौर पर जिले को विकसित की 5 साल पूर्व घोषणा हुई थी, लेकिन ये योजनाएं निगम के अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के बीच विवाद की वजह से अधर में लटकी हुई थी. इसको लेकर आयुक्त वंदना किनी ने तत्कालीन पीडीएमसी को अयोग्य करार देते हुए निलंबित कर दिया था. जिसके बाद उन्होंने नए पीडीएमसी को नियुक्त किया था. इस कार्य के लिए पीडीएमसी 2 योजनाओं का डीपीआर तैयार कर इसके लिए टेंडर प्रोसेस निकाल चुके हैं. टेंडर प्रोसेस पूर्ण होने के बाद आईसीसी रोड और सैंडिस कंपाउंड का सौंदर्यीकरण का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा.