भागलपुर: बिहार के भागलपुर जिले के सनहौला में पंचायत चुनाव ( Panchayat Election) नामांकन के दौरान 2 दर्जन से अधिक फर्जी कास्ट सर्टिफिकेट ( Fake Cast Certificate ) बनाने का मामला सामने आया है. मामला उजागर होने के बाद फर्जी सर्टिफिकेट निर्गत करने वाले कर्मचारियों में हड़कंप मच हुआ है. उनके ऊपर कार्रवाई की तलवार भी लटक रही है. अधिकतर फर्जी कास्ट सर्टिफिकेट सनहौला प्रखंड से निर्गत हुआ है. सर्टिफिकेट निर्गत का समय अवधि भी चुनावी नामांकन के दौरान का ही है. ऐसे में जाति सर्टिफिकेट निर्गत करने से संबंधित अधिकारी के कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे हैं और उनके ऊपर अब विभागीय कार्रवाई होने के भी आसार हैं.
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पंचायत चुनाव में आरक्षण का लाभ लेने के लिए सैकड़ों की संख्या में अभ्यार्थियों ने तत्काल कास्ट सर्टिफिकेट बनवाया है. ऐसे अभ्यर्थियों का सर्टिफिकेट निर्गत करने के दौरान आवश्यक दस्तावेज की जांच नहीं की गई है. ऐसे में शनिवार को स्कूटनी के दौरान 3 दर्जन से अधिक ऐसे मामले सामने आए हैं जो मूल निवासी झारखंड के हैं. इसके बावजूद उनका सर्टिफिकेट बिहार से बन गया है. सनहौला प्रखंड के अंचल पदाधिकारी ने कास्ट निर्गत करने वाले अपने सभी कर्मचारियों को शो कॉज नोटिस जारी किया है और लिखित में जवाब देने के लिए कहा है.
फर्जी सर्टिफिकेट जमा करने के खिलाफ आवेदन देने वाले सुभाष साह ने बताया कि पाठकडिह पंचायत की रहने वाली माधुरी देवी, पति जयकांत साह नामांकन के दौरान बिहार से बने जाति प्रमाण पत्र को संलग्न किया है. जो पूरी तरह से गलत है. उन्होंने बताया कि माधुरी देवी पिता विजय साह, माता शांति देवी झारखंड की मूल निवासी हैं. उनके माता और पिता का नाम पथरगामा विधानसभा 2021 के मतदाता सूची में नाम भी अंकित है. लेकिन माधुरी देवी के पति जय कांत साह ने गलत तरीके से माधुरी देवी के माता-पिता को बिहार के सनहौला में पाठकडिह का निवासी बता कर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बना लिया गया है.
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सुभाष साह ने बताया कि उनके खिलाफ हमने यहां आवेदन दिया है. आवेदन को स्वीकृत नहीं किया गया है. सनहौला अंचल अधिकारी ठुईया उरांव ने कहा कि उनके भी संज्ञान में ऐसे कई मामले आए हैं. इसको लेकर उन्हें अभी स्कूटनी के दौरान वरीय पदाधिकारी से फटकार भी लगी है. गलत तरीके से हमारे कर्मचारियों ने जाति प्रमाण पत्र बनाया है. उनसे लिखित में जवाब मांगा जाएगा. सभी के ऊपर कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा. उन्होंने कहा कि हमने इन लोगों के ऊपर विश्वास कर डोंगल दिया था. हमारे कर्मचारियों ने मुझे धोखा देते हुए फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र बनाया है.
'जाति प्रमाण पत्र बनाने के दौरान सभी दस्तावेजों की जांच जरूरी है. इसके बावजूद इन लोगों ने फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र को निर्गत किया है. अभी जाति प्रमाण पत्र जितने बने हैं उसको रद्द नहीं किया जा सकता है. लेकिन उस पर कार्रवाई के लिए जरूर लिखा जाएगा.' : ठुईया उरांव, अंचल अधिकारी
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सनहौला प्रखंड के तारड पंचायत की रहने वाली पिंकी कुमारी मूल निवासी झारखंड के गोड्डा जिले के मैहरमा अंचल के बाराहाट की रहने वाली हैं. उन्होंने नामांकन के दौरान झारखंड से निर्गत जाति प्रमाण पत्र संलग्न किया था. जैसे ही उन्हें पता चला की उनका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा. आनन-फानन में सनहौला से जाति प्रमाण पत्र बना लिया और आसानी से बन भी गया. पिंकी कुमारी का कास्ट सर्टिफिकेट बनाने के दौरान अधिकारियों ने आवश्यक दस्तावेज की जांच नहीं की. पिंकी कुमारी वार्ड सदस्य के लिए नामांकन दाखिल की हैं.
इसी तरह सनहौला प्रखंड के बोडपाठकडिह वार्ड नंबर 4 से सिंपी कुमारी ने नामांकन कराया था. नामांकन के दौरान इन्होंने भी जाति प्रमाण पत्र झारखंड का जमा किया था लेकिन आज उन्होंने उसे बदलकर बिहार का जमा कराया है. बता दें कि किसी भी महिला का जाति प्रमाण पत्र उनके पिता के नाम से बनता है और पिता जिस राज्य के मूल निवासी हैं. उसी राज्य से जाति निर्गत होता है.
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