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बाढ़ से हुई क्षति का आंकलन करने भागलपुर पहुंची केंद्रीय टीम

बाढ़ ग्रस्त इलाकों का जायजा लेने के लिये केंद्रीय टीम भागलपुर पहुंची. समीक्षा भवन में खगड़िया, भागलपुर, बेगूसराय जिले के जिलाधिकारियों के साथ टीम ने समीक्षा बैठक की. पढ़िए पूरी खबर..

Bihar Flood
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Published : Sep 7, 2021, 1:01 PM IST

भागलपुर: बिहार में बाढ़ (Bihar Flood) क्षति का आंकलन करने के लिए केंद्रीय टीम (Central Team) सोमवार को पटना पहुंची थी. आज केंद्रीय टीम भागलपुर पहुंची है. टीम लगातार समीक्षा बैठककर बाढ़ से हुए नुकसान का आंकलन कर रही है. समीक्षा भवन में खगड़िया, भागलपुर, बेगूसराय जिले के जिलाधिकारी के साथ समीक्षा बैठक की गई. 5 सदस्य टीम अपर सचिव राकेश कुमार सिंह के नेतृत्व में भागलपुर पहुंची.

यह भी पढ़ें- बोले CM नीतीश- बाढ़ से अभी अलर्ट रहने की जरूरत, केंद्र से मदद मिलने पर होगी सहूलियत

केंद्रीय टीम बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के बाद अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी और इसी के आधार पर नुकसान की भरपाई के लिए राशि संबंधित जिलों को भेजी जाएगी. इस लिहाज से केंद्रीय टीम का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण है.

इससे पहले सोमवार को 6 सदस्यीय केंद्रीय टीम बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए दरभंगा (Darbhanga) पहुंची थी. जहां टीम ने दरभंगा से हेलीकॉप्टर पर सवार होकर समस्तीपुर (Samastipur), मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) और दरभंगा जिले के बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया था. जिसके बाद अधिकारियों ने तीनों जिलों के डीएम के साथ बैठकर बाढ़ से हुए नुकसान के संबंध में जानकारी ली थी.

बता दें कि बिहार सरकार की ओर से क्षति का आंकलन किया गया है. बाढ़ से क्षति (Flood Damages In Bihar) का डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट द्वारा 1168.59 करोड़, एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट द्वारा 661.16 करोड़, एनिमल हसबेंडरी एंड फिशरीज 4.04 करोड़, रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के द्वारा 203.14 करोड़, ग्रामीण विभाग द्वारा 234.70 करोड़, वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट द्वारा 1469.99 करोड़, ऊर्जा विभाग द्वारा 14.37 करोड़, पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग के दौरा 7.86 करोड़ का आकलन किया गया है. कुल 3763.85 करोड़ क्षति का आंकलन किया गया है.

बता दें कि 2017 में केंद्र से 1700 करोड़ की मदद मिली थी. 2019 में करीब 1000 करोड़ की आर्थिक सहायता केंद्र से मिली थी और 2020 में केंद्र सरकार से 1255 करोड़ की मदद मिली थी.

बिहार में इस साल 26 जिले के लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इस बार जून के महीने से ही बाढ़ का सामना बिहार को करना पड़ा है और अभी भी बाढ़ समाप्त हो गई है, ऐसा नहीं है. बिहार में बाढ़ से इस साल भी 200 करोड़ से अधिक पथ निर्माण विभाग की सड़कों का अब तक नुकसान हो चुका है. ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों का भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. इसके साथ ही कई विभागों और केंद्र सरकार की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है. निजी संपत्ति को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है.

मालूम हो कि पहले राज्य सरकार की रिपोर्ट के आधार पर ही केंद्र सरकार अधिकारियों को भेजती थी और बिहार सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान का जो आकलन किया है और कितना सही है, उसकी जांच करते थे. लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के केंद्र में आने के बाद से अब केंद्र सरकार क्षति आकलन के लिए पहले ही अधिकारियों को भेज देती है और अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकारों को मदद भी पहुंचाती है.

यह भी पढ़ें- बिहार ने केंद्रीय टीम को बाढ़ से 3763 करोड़ की क्षति का दिया आंकलन

यह भी पढ़ें- गोपालगंज: बाढ़ के पानी से ध्वस्त हुई पुलिया, 25 हजार की आबादी का आवागमन ठप

भागलपुर: बिहार में बाढ़ (Bihar Flood) क्षति का आंकलन करने के लिए केंद्रीय टीम (Central Team) सोमवार को पटना पहुंची थी. आज केंद्रीय टीम भागलपुर पहुंची है. टीम लगातार समीक्षा बैठककर बाढ़ से हुए नुकसान का आंकलन कर रही है. समीक्षा भवन में खगड़िया, भागलपुर, बेगूसराय जिले के जिलाधिकारी के साथ समीक्षा बैठक की गई. 5 सदस्य टीम अपर सचिव राकेश कुमार सिंह के नेतृत्व में भागलपुर पहुंची.

यह भी पढ़ें- बोले CM नीतीश- बाढ़ से अभी अलर्ट रहने की जरूरत, केंद्र से मदद मिलने पर होगी सहूलियत

केंद्रीय टीम बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के बाद अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी और इसी के आधार पर नुकसान की भरपाई के लिए राशि संबंधित जिलों को भेजी जाएगी. इस लिहाज से केंद्रीय टीम का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण है.

इससे पहले सोमवार को 6 सदस्यीय केंद्रीय टीम बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए दरभंगा (Darbhanga) पहुंची थी. जहां टीम ने दरभंगा से हेलीकॉप्टर पर सवार होकर समस्तीपुर (Samastipur), मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) और दरभंगा जिले के बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया था. जिसके बाद अधिकारियों ने तीनों जिलों के डीएम के साथ बैठकर बाढ़ से हुए नुकसान के संबंध में जानकारी ली थी.

बता दें कि बिहार सरकार की ओर से क्षति का आंकलन किया गया है. बाढ़ से क्षति (Flood Damages In Bihar) का डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट द्वारा 1168.59 करोड़, एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट द्वारा 661.16 करोड़, एनिमल हसबेंडरी एंड फिशरीज 4.04 करोड़, रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के द्वारा 203.14 करोड़, ग्रामीण विभाग द्वारा 234.70 करोड़, वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट द्वारा 1469.99 करोड़, ऊर्जा विभाग द्वारा 14.37 करोड़, पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग के दौरा 7.86 करोड़ का आकलन किया गया है. कुल 3763.85 करोड़ क्षति का आंकलन किया गया है.

बता दें कि 2017 में केंद्र से 1700 करोड़ की मदद मिली थी. 2019 में करीब 1000 करोड़ की आर्थिक सहायता केंद्र से मिली थी और 2020 में केंद्र सरकार से 1255 करोड़ की मदद मिली थी.

बिहार में इस साल 26 जिले के लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इस बार जून के महीने से ही बाढ़ का सामना बिहार को करना पड़ा है और अभी भी बाढ़ समाप्त हो गई है, ऐसा नहीं है. बिहार में बाढ़ से इस साल भी 200 करोड़ से अधिक पथ निर्माण विभाग की सड़कों का अब तक नुकसान हो चुका है. ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों का भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. इसके साथ ही कई विभागों और केंद्र सरकार की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है. निजी संपत्ति को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है.

मालूम हो कि पहले राज्य सरकार की रिपोर्ट के आधार पर ही केंद्र सरकार अधिकारियों को भेजती थी और बिहार सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान का जो आकलन किया है और कितना सही है, उसकी जांच करते थे. लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के केंद्र में आने के बाद से अब केंद्र सरकार क्षति आकलन के लिए पहले ही अधिकारियों को भेज देती है और अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकारों को मदद भी पहुंचाती है.

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