भागलपुर: भागलपुर के ततारपुर थाना क्षेत्र के काजवलीचक में तीन मार्च की रात करीब 11.30 बजे हुए भीषण धमाके (Bhagalpur Blast Case) में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है. ब्लास्ट में जख्मी आयशा की मौत एक निजी क्लिनिक में हो गई. आयशा को पहले जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल भागलपुर (Jawaharlal Nehru Medical College Hospital Bhagalpur) में भर्ती कराया गया था. उसके बाद उसे बेहतर इलाज के लिए सिलीगुड़ी ले जाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया. जबकि बाइपास में फेंके गये मलबे से एक और शव बरामद होने के बाद घटना में मौत का आंकड़ा 16 पहुंच गया. हालांकि इसकी जांच चल रही है. अन्य घायलों का भागलपुर में इलाज चल रहा है.
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तोड़े जा रहे क्षतिग्रस्त मकान: उस धमाके में चार मकान ढह गए थे. इसके साथ अन्य कई मकानों को काफी नुकसान पहुंचा था. पुलिस ने घटनास्थल को उसी समय सील कर दिया था. शनिवार को घटनास्थल पर भवन निर्माण विभाग और नगर निगम की टीम भी पहुंची. वहां पर टीम ने क्षतिग्रस्त मकानों के मालिक से बात की और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हिस्से को तोड़कर हटाने की अनुमति मांगी. उसके बाद मकान से सामान हटाये गये.
अब वहां पर क्षतिग्रस्त मकानों को तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है. एसडीआरएफ की टीम, नगर निगम कर्मी और मजदूरों को इस काम में लगाया गया है. शनिवार की दोपहर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन और एसएसपी बाबूराम घटनास्थल का दौरा कर हालात का जायजा लिया. धमाके में प्रभावित परिवार के बचे सदस्यों के लिए राहत और पुनर्वास का मुद्दा पूर्व उप महापौर डॉ. प्रीति शेखर ने दोनों अधिकारियों के समक्ष सवाल उठाया.
एटीएस ने एकत्रित किया नमूना: विस्फोट की रात ही एटीएस की विशेष टीम पटना से भागलपुर पहुंच गयी थी. शनिवार की सुबह टीम जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंची. टीम ने जमींदोज हुए मकान के मलबे को बारीकी से देखा (ATS investigation in Bhagalpur blast) और वहां मौजूद लोगों से बात की. इस टीम ने घटनास्थल का मुआयना कर जांच के लिए नमूने एकत्रित किये. इसके साथ यह टीम विस्फोट के संबंध में जरूरी जांच में जुट गयी है. टीम के अधिकारी धमाके में इस्तेमाल विस्फोटक के स्त्रोत, तस्करी आदि की गंभीरता से जांच कर रहे हैं. लगभग तीन घंटे की जांच के बाद टीम वहां से रवाना हो गयी. एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक मलबा पूरी तरह से हटाने के बाद रविवार को फिर से जांच के लिए टीम घटनास्थल पर आयेगी. अधिकारी ने बताया कि जांच रिपोर्ट विभाग को सौंप दी जायेगी.
मो. आजाद की तलाश तेज: इस विस्फोट कांड के मुख्य आरोपी मो. आजाद की तलाश तेज कर दी गयी है. पुलिस उसे दबोचने के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही है. इस काम भागलपुर पुलिस की विशेष टीम को लगाया गया है. एसएसपी बाबूराम ने दावा किया कि जल्द ही उसकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी. एसएसपी ने ततारपुर थानाध्यक्ष की लापरवाही स्वीकारी है. उन्होंने कहा कि इस मामले में थानाध्यक्ष की लापरवाही स्पष्ट है.
जांच में मिले हैं कई सबूतः आपको बताएं कि एसडीपीओ सिटी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है, जिसमें एसएचओ मुजाहिदपुर, हबीबपुर, सबोर, जोकसर एसआई सुनील झा एवं अन्य लोगों को शामिल किया गया है. एसआईटी वैज्ञानिक अनुसंधान से यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि आखिर इतना बड़ा विस्फोट क्यों हुआ. यह जानना अहम है कि मौके पर से जांच के दौरान कई ऐसे सबूत मिले हैं, जो किसी भारी बम बनाने की तरफ इशारा कर रहे हैं. बारूद के अंश, भारी मात्रा में कीलों का मिलना यह चीख-चीखकर कह रहा है कि वहां घातक बम बनाए जा रहे होंगे. जांच के दौरान काफी केमिकलों की भी बरामदगी की बात सामने आ रही है. धमाके के मलबे को जहां फेंका गया ता, वहां पर एसआईटी ने जांच की. जांच में सुतली भी बरामद की गई.
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मौके पर से मिले हैं कील और केमिकलः जानकारों के मुताबिक घातक बम बनाने में कील और केमिकल का इस्तेमाल होता है. कील, केमिकल और सुतली मिलना केवल पटाखा बनाने की तरफ इशारा नहीं करता है. बल्कि बताता है कि अपराधियों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले घातक बम यहां बनाए जा रहे होंगे. जानकारी के लिए बता दें कि डीजीपी ने भी प्रेस कांफ्रेंस में केमिकल मिलने की बात की थी और शनिवार को सुतली भी मिला. शक की सूई घातक बम बनाने की तरफ इसलिए इशारा करवा रही है क्योंकि जहां धमाका हुआ वहां अवैध रूप से पटाखा बनाया जा रहा था.
बता दें कि क्षतिग्रस्त मकान का मलबा ग्लोकल अस्पताल के पास कचरा डंप किया जा रहा है. भागलपुर पुलिस द्वारा गठित एसआईटी को कचरे में एक व्यक्ति का बॉडी पार्ट मिला है. एसएसपी बाबूराम के अनुसार घटनास्थल से महेंद्र मंडल का क्षत-विक्षत शव मिला था. संभावना जतायी जा रही है कि कचरे से मिला बॉडी पार्ट महेंद्र मंडल का हो सकता है. मंहेंद्र मंडल का अंतिम संस्कार हो चुका है. पुलिस अब उसके परिजनों से संपर्क कर बॉडी पार्ट के पहचान कराने का प्रयास कर रही है.
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