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सिविल सर्जन के निजी क्लीनिक में इलाज के दौरान महिला की मौत, परिजनों ने काटा बवाल - Begusarai Sadar Hospital

बेगूसराय उपचार अस्पताल में इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों की मनमानी के कारण महिला का इलाज सही समय पर नहीं होने से उसकी मौत हुई है. पढ़ें पूरी खबर...

सीएस के निजी क्लीनिक में ईलाज के दौरान महिला की मौत
सीएस के निजी क्लीनिक में ईलाज के दौरान महिला की मौत
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Published : Sep 10, 2022, 7:25 AM IST

Updated : Sep 10, 2022, 2:12 PM IST

बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में एक महिला की निजी क्लीनिक में इलाज के दौरान मौत (Woman died in private hospital at Begusarai) हो गई. घटना जिले के नगर थाना क्षेत्र के उपचार अस्पताल की है. जहां अस्पताल में महिला को इलाज के लिए लाया गया था. परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों की मनमानी के कारण महिला का इलाज सही समय पर नहीं होने से उसकी मौत हुई है. ये निजी क्लीनिक बेगूसराय सिविल सर्जन डॉक्टर प्रमोद कुमार सिंह का बताया गया है. घटना के बाद परिजनों ने क्लीनिक के बाहर जमकर हंगामा किया.

ये भी पढ़ेंः ज्वैलर्स के घर डकैतों का तांडव, बेटे को चाकू मारकर दो घंटे तक मचाई लूटपाट, पुलिस बेखबर

परिजनों ने काटा बवाल

घटना के बाद से परिजन हुए उग्र: स्थिति उस वक्त और बिगड़ गई जब डॉक्टर के स्टाफ द्वारा एक निजी एंबुलेंस पर शव को जबरन रखकर उसे सदर अस्पताल भेज दिया. इतना ही नहीं एंबुलेंस चालक एंबुलेंस छोड़कर मौके से फरार हो गया. इस घटना के बाद से परिजन और भी उग्र हो गए और घंटों बेगूसराय सदर अस्पताल (Begusarai Sadar Hospital) से लेकर जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर बवाल काटा.

परिजनों का ये है आरोप: परिजनों ने बताया कि बीते 6 सितम्बर को टीवी रोग की इलाज के लिए उसे बेगूसराय सदर अस्पताल लाया जहां. इस बीच बेगूसराय के सिविल सर्जन डॉक्टर प्रमोद कुमार सिंह के निजी अस्पताल में मरीज को भर्ती कराया था. घरवालों ने बताया कि तीन दिनों की इलाज के बाद ही उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. मृतिका के बड़े पिता ने आरोप लगाया है कि उसके हाथ पांव अधिक ठंडा होने पर डॉक्टर से पटना रेफर करने की बात कही तो डॉक्टरों ने उसे रेफर करने से मना कर दिया और ठीक होने का भरोसा दिलाया लेकिन उसकी बेटी की मौत हो गई.

घटना स्थल पर पहुंची पुलिस: परिजनों ने कहा कि डॉक्टर के द्वारा बताया गया कि मरीज के फेफरे में पानी है. जिसके इलाज के लिए पच्चीस हजार रूपए जमा करवाया. जेवर बंधक रख कर पैसा जमा किया फिर भी उसकी मौत हो गई. फिलहाल मौत की सूचना मिलते ही नगर थाने की पुलिस दल बल के साथ घटना स्थल पहुंच कर डॉक्टरों की मदद से आक्रोशित लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया.

डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप: पुलिस के समझाने के बाद जाकर लोगों का गुस्सा कम हुआ और परिजन मृतिका के शव को अपने साथ लेकर घर गयें. इस संबंध में लड़की के चाचा एस राज मंडल ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा लगातार पटना रेफर की बात कही गई पर पर डॉक्टर ने पटना रेफर कर खुद ही इलाज करने का आश्वासन देते रहे.

"डॉक्टर के इलाज में लापरवाही के कारण लगातार पटना रेफर की बात मैंने कहा पर डॉक्टर ने पटना रेफर करने के वजाय खुद ही इलाज करने का आश्वासन देते रहे " - एस राज मंडल, मृतिका के चाच


ये भी पढ़ें- नवादा: कौआकोल में पति-पत्नी की संदेहास्पद मौत, पुलिस ने बगैर पोस्टमार्टम के ही कराया दाह संस्कार

बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में एक महिला की निजी क्लीनिक में इलाज के दौरान मौत (Woman died in private hospital at Begusarai) हो गई. घटना जिले के नगर थाना क्षेत्र के उपचार अस्पताल की है. जहां अस्पताल में महिला को इलाज के लिए लाया गया था. परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों की मनमानी के कारण महिला का इलाज सही समय पर नहीं होने से उसकी मौत हुई है. ये निजी क्लीनिक बेगूसराय सिविल सर्जन डॉक्टर प्रमोद कुमार सिंह का बताया गया है. घटना के बाद परिजनों ने क्लीनिक के बाहर जमकर हंगामा किया.

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परिजनों ने काटा बवाल

घटना के बाद से परिजन हुए उग्र: स्थिति उस वक्त और बिगड़ गई जब डॉक्टर के स्टाफ द्वारा एक निजी एंबुलेंस पर शव को जबरन रखकर उसे सदर अस्पताल भेज दिया. इतना ही नहीं एंबुलेंस चालक एंबुलेंस छोड़कर मौके से फरार हो गया. इस घटना के बाद से परिजन और भी उग्र हो गए और घंटों बेगूसराय सदर अस्पताल (Begusarai Sadar Hospital) से लेकर जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर बवाल काटा.

परिजनों का ये है आरोप: परिजनों ने बताया कि बीते 6 सितम्बर को टीवी रोग की इलाज के लिए उसे बेगूसराय सदर अस्पताल लाया जहां. इस बीच बेगूसराय के सिविल सर्जन डॉक्टर प्रमोद कुमार सिंह के निजी अस्पताल में मरीज को भर्ती कराया था. घरवालों ने बताया कि तीन दिनों की इलाज के बाद ही उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. मृतिका के बड़े पिता ने आरोप लगाया है कि उसके हाथ पांव अधिक ठंडा होने पर डॉक्टर से पटना रेफर करने की बात कही तो डॉक्टरों ने उसे रेफर करने से मना कर दिया और ठीक होने का भरोसा दिलाया लेकिन उसकी बेटी की मौत हो गई.

घटना स्थल पर पहुंची पुलिस: परिजनों ने कहा कि डॉक्टर के द्वारा बताया गया कि मरीज के फेफरे में पानी है. जिसके इलाज के लिए पच्चीस हजार रूपए जमा करवाया. जेवर बंधक रख कर पैसा जमा किया फिर भी उसकी मौत हो गई. फिलहाल मौत की सूचना मिलते ही नगर थाने की पुलिस दल बल के साथ घटना स्थल पहुंच कर डॉक्टरों की मदद से आक्रोशित लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया.

डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप: पुलिस के समझाने के बाद जाकर लोगों का गुस्सा कम हुआ और परिजन मृतिका के शव को अपने साथ लेकर घर गयें. इस संबंध में लड़की के चाचा एस राज मंडल ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा लगातार पटना रेफर की बात कही गई पर पर डॉक्टर ने पटना रेफर कर खुद ही इलाज करने का आश्वासन देते रहे.

"डॉक्टर के इलाज में लापरवाही के कारण लगातार पटना रेफर की बात मैंने कहा पर डॉक्टर ने पटना रेफर करने के वजाय खुद ही इलाज करने का आश्वासन देते रहे " - एस राज मंडल, मृतिका के चाच


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Last Updated : Sep 10, 2022, 2:12 PM IST
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