बेगूसराय: बिहार में शराबबंदी को कड़ाई से लागू करने के लिए सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है. फिर भी शराब की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही. आए दिन छापेमारी चल रही है और शराब भी बरामद की जा रही है. इसी सिलसिले में बेगूसराय के उत्पाद पुलिस को भी बड़ी सफलता हाथ लगी है. यहां लहसून की बोरियों में शराब को छिपाकर ले जाया (Liquor smuggling hiding in garlic sacks) जा रहा था. गुप्त सूचना के आधार पर एक ट्रक पर लदी 200 से अधिक विदेशी शराब की कार्टन बरामद की गई. उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि नीमा चांदपुरा थाना क्षेत्र के चंदपुरा के पास एक ट्रक में शराब लेकर जा रहा है. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई कर ट्रक में रखे लहसून बोरियों के बीच शराब को छुपाकर रखा गया था.
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200 कार्टन से अधिक शराब बरामदः पुलिस को मिली सूचना के आधार पर उत्पाद पुलिस ने चांदपुरा थाना क्षेत्र के चंदपुरा के पास छापेमारी करने के लिए पहुंची. चंदपुरा के पास एक ट्रक खड़ा था. उसकी तलाशी ली गई तो उसमें लहसुन का बोरा लदा था. इसके अंदर अंदर तकरीबन 200 से अधिक विदेशी शराब का कार्टून रखा हुआ था. फिलहाल उत्पाद पुलिस ट्रक को जब्त कर लिया और आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है. बताया जाता है कि शराब की कीमत लाखों में है.
"हमलोगों को सूचना मिली थी कि चंदपुरा के पास एक ट्रक में शराब रखी हुई है. इस सूचना के आधार पर जब वहां पहुंचे तो एक खेत में ट्रक संदिग्ध अवस्था में खड़ा था. उसमें शराब लहसून के बीच रखा गया था. अनुमान है कि 200 पेटी से ज्यादा अंग्रेजी शराब ट्रक में रखी हुई थी" - अविनाश प्रकाश, उत्पाद अधीक्षक
बिहार में साल 2016 से पूर्ण शराबबंदी : गौरतलब है कि अप्रैल में पहली बार शराब पीने के अपराध में 3075 अभियुक्तों को पकड़ा गया. जिनसे करीब 52 लाख 26 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया. वहीं, मई में 5887 लोगो की गिरफ्तारी की गई है. और 1.39 करोड़ की वसूली की गई है. वहीं, जून में 8651 गिरफ्तारी, 2.06 करोड़ वसूली, जुलाई में 11,557 गिरफ्तारी, 2.90 करोड़ वसूली, अगस्त में 18,757 गिरफ्तारी, 5.63 करोड़ वसूली, सितंबर 20,690 गिरफ्तारी, 5.03 करोड़ वसूली की गई है. इसके अलावा संशोधन कानून से पहले दर्ज मामलों में 3559 अभियुक्तों को भी धारा 37 के तहत दो से पांच हजार रुपये जुर्माना लेकर छोड़ा गया है.
शराबबंदी से 2022 में सरकार को हुआ फायदाः शराबबंदी के कारण कहीं ना कहीं राज्य सरकार को एक ओर करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा था. वहीं, साल 2022 में बिहार में इस साल अप्रैल में शराबबंदी संशोधन कानून लागू होने के बाद से छह माह में 72 हजार से अधिक अभियुक्त पहली बार शराब पीते हुए पकड़े गए हैं. इनमें पुलिस ने 38 हजार से अधिक जबकि मद्य निषेध विभाग ने 30 हजार से अधिक शराबियों को पकड़ा है. इन शराबियों को नियमानुसार, दो से पांच हजार रुपये जुर्माना लेकर छोड़ा गया है. जिससे सरकार को 17.53 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है.