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वैश्विक रुख व कंपनियों के तिमाही नतीजों से तय होगी शेयर बाजारों की दिशा

अप्रैल के थोक मुद्रास्फीति के आंकड़े, वैश्विक रुझान और कंपनियों के तिमाही नतीजे इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे. विश्लेषकों ने यह राय जताई है.

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Published : May 15, 2022, 11:41 AM IST

नई दिल्ली: वैश्विक रुख व कंपनियों के तिमाही नतीजों से ही शेयर बाजारों की दिशा तय होगी. इसके अलावा बाजार भागीदारों की निगाह विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुख पर भी रहेगी, जो पिछले कुछ दिनों से घरेलू बाजारों में बिकवाल बने हुए हैं.

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि मुद्रास्फीति और केंद्रीय बैंकों द्वारा अपने मौद्रिक रुख को सख्त करना दुनियाभर के बाजारों के लिए चिंता का विषय है. स्थानीय बाजार में मंदड़िये हावी हैं लेकिन उन्होंने कुछ अधिक बिकवाली की है जिससे उनके रुख में बदलाव आ सकता है. मीणा ने कहा कि अमेरिकी बाजार में बिकवाली चल रही है. विशेष रूप से निवेशक प्रौद्योगिकी शेयर बेच रहे हैं. हालांकि पिछले दो कारोबारी सत्रों में कुछ स्थिरता देखने को मिली हैं. ऐसे में आगे कुछ राहत की उम्मीद की जा सकती है.

उन्होंने कहा कि इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर बड़े घटनाक्रमों के अभाव में बाजार की दिशा वैश्विक रुझानों से तय होगी. हालांकि कंपनियों के चौथी तिमाही के परिणामों के मद्देनजर कुछ शेयर विशेष गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं. उनका मानना है कि घरेलू मोर्चे पर जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) 17 मई को सूचीबद्ध होना है और यह प्रमुख उत्प्रेरक साबित हो सकता है. उन्होंने कहा कि एफआईआई बिकवाली कर रहे हैं, ऐसे में घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) इसकी भरपाई करने की कोशिश कर सकते हैं. ऐसे में उनके रुख पर भी सभी की निगाह रहेगी.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा डॉलर इंडेक्स का रुख, कच्चे तेल के दाम और रुपये का उतार-चढ़ाव भी घरेलू बाजारों के लिए महत्वपूर्ण रहेगा. विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों की निगाह अप्रैल के थोक मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर भी रहेगी, जो मंगलवार को आने हैं. कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि बांड पर बढ़ता प्रतिफल, मुद्रास्फीति का ऊंचा स्तर और वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक रुख को सख्त किए जाने का निकट भविष्य में बाजार की धारणा पर असर पड़ेगा.

यह भी पढ़ें- सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से आठ कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2.48 लाख करोड़ रुपये घटा

उन्होंने कहा कि तिमाही नतीजों की वजह से कुछ शेयर विशेष गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं. इस सप्ताह भारती एयरटेल, डीएलएफ, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, आईटीसी, आईडीएफसी, जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज और एनटीपीसी के तिमाही नतीजे आने हैं. बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,041.96 अंक या 3.72 प्रतिशत नीचे आया. वहीं निफ्टी में 629.10 अंक या 3.83 प्रतिशत का नुकसान रहा. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि रुपये की कमजोरी, ऊंची मुद्रास्फीति और चीन में लॉकडाउन की वजह से पिछले सप्ताह बाजारों में उतार-चढ़ाव रहा. उन्होंने कहा कि आगे चलकर फेडरल रिजर्व के उपायों से मुद्रास्फीति में गिरावट की रफ्तार से बाजार की दिशा तय होगी.

(एजेंसी)

नई दिल्ली: वैश्विक रुख व कंपनियों के तिमाही नतीजों से ही शेयर बाजारों की दिशा तय होगी. इसके अलावा बाजार भागीदारों की निगाह विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुख पर भी रहेगी, जो पिछले कुछ दिनों से घरेलू बाजारों में बिकवाल बने हुए हैं.

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि मुद्रास्फीति और केंद्रीय बैंकों द्वारा अपने मौद्रिक रुख को सख्त करना दुनियाभर के बाजारों के लिए चिंता का विषय है. स्थानीय बाजार में मंदड़िये हावी हैं लेकिन उन्होंने कुछ अधिक बिकवाली की है जिससे उनके रुख में बदलाव आ सकता है. मीणा ने कहा कि अमेरिकी बाजार में बिकवाली चल रही है. विशेष रूप से निवेशक प्रौद्योगिकी शेयर बेच रहे हैं. हालांकि पिछले दो कारोबारी सत्रों में कुछ स्थिरता देखने को मिली हैं. ऐसे में आगे कुछ राहत की उम्मीद की जा सकती है.

उन्होंने कहा कि इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर बड़े घटनाक्रमों के अभाव में बाजार की दिशा वैश्विक रुझानों से तय होगी. हालांकि कंपनियों के चौथी तिमाही के परिणामों के मद्देनजर कुछ शेयर विशेष गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं. उनका मानना है कि घरेलू मोर्चे पर जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) 17 मई को सूचीबद्ध होना है और यह प्रमुख उत्प्रेरक साबित हो सकता है. उन्होंने कहा कि एफआईआई बिकवाली कर रहे हैं, ऐसे में घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) इसकी भरपाई करने की कोशिश कर सकते हैं. ऐसे में उनके रुख पर भी सभी की निगाह रहेगी.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा डॉलर इंडेक्स का रुख, कच्चे तेल के दाम और रुपये का उतार-चढ़ाव भी घरेलू बाजारों के लिए महत्वपूर्ण रहेगा. विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों की निगाह अप्रैल के थोक मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर भी रहेगी, जो मंगलवार को आने हैं. कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि बांड पर बढ़ता प्रतिफल, मुद्रास्फीति का ऊंचा स्तर और वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक रुख को सख्त किए जाने का निकट भविष्य में बाजार की धारणा पर असर पड़ेगा.

यह भी पढ़ें- सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से आठ कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2.48 लाख करोड़ रुपये घटा

उन्होंने कहा कि तिमाही नतीजों की वजह से कुछ शेयर विशेष गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं. इस सप्ताह भारती एयरटेल, डीएलएफ, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, आईटीसी, आईडीएफसी, जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज और एनटीपीसी के तिमाही नतीजे आने हैं. बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,041.96 अंक या 3.72 प्रतिशत नीचे आया. वहीं निफ्टी में 629.10 अंक या 3.83 प्रतिशत का नुकसान रहा. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि रुपये की कमजोरी, ऊंची मुद्रास्फीति और चीन में लॉकडाउन की वजह से पिछले सप्ताह बाजारों में उतार-चढ़ाव रहा. उन्होंने कहा कि आगे चलकर फेडरल रिजर्व के उपायों से मुद्रास्फीति में गिरावट की रफ्तार से बाजार की दिशा तय होगी.

(एजेंसी)

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