मुंबई: कोरोना वायरस के भय से बाजारों में भारी गिरावट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने विदेशी विनिमय बाजार में नकद धन का पर्याप्त प्रवाह सुनिश्चित करने उपायों की घोषणा की है जिसमें मुद्रा अदला बदली के तहत दो अरब डॉलर के अनुबंधों की नीलामी शामिल है. अदला-बदली के तहत डॉलर के लिए अनुबंध की पहली नीलामी सोमवार को होगी.
रिजर्व बैंक ने कहा, "वित्तीय बाजार की परिस्थितियों की समीक्षा के बाद बाजार में अमेरिकी डॉलर की जरूरत को देखते हुए विदेशी विनिमय विनिमय बाजार में नकदी प्रवाह बढ़ाने के उद्येश्य से डॉलर की अदला बदली के छह महीने के अनुबंध किए जाने का निर्णय लिया गया है."
ये भी पढ़ें- सुनील मित्तल का दावा, एयरटेल ने 13,000 करोड़ रुपये का पूरा बकाया भुगतान किया
केंद्रीय बैंक ने कहा, "इसकी शुरुआत 16 मार्च को दो अरब डॉलर के सौदे के साथ होगी."
इसके तहत इच्छुक बैंक रिजर्व बैंक से अमेरिकी मुद्रा का हाजिर सौदा करेंगे तथा इसके साथ ही अनुबंध की अवधि की समाप्ति पर वे उतने ही डॉलर के बराबर की विदेशी मुद्रा निर्धारित दर पर बेचने का करार करेंगे.
रिजर्व बैंक ने कहा कि कोरोनावायरस का संक्रमण फैलने, कच्चा तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें गिरने तथा विकसित अर्थव्यवस्थाओं में बांड से आय में गिरावट आने से दुनिया भर में वित्तीय बाजार में बिकवाली का दबाव देखने को मिल रहा है.
सुरक्षित निवेश की ओर निवेशकों के भागने से सभी संपत्ति श्रेणियों में उथल-पुथल देखने को मिल रही है. कई उभरते बाजारों की मुद्राएं गिरावट के दबाव से जूझ रही हैं. रिजर्व बैंक ने कहा कि छह मार्च 2020 को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 487.24 अरब डॉलर था. यह किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिये पर्याप्त है.
रिजर्व बैंक ने राज्य सरकारों से कहा- निजी बैंकों से जमा नहीं निकालें
भारतीय रिजर्व बैंक ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे निजी क्षेत्र के बैंकों से अपनी जमा नहीं निकालें और उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह धारणा कि निजी क्षेत्र के बैंकों में जमा सुरक्षित नहीं है, तथ्यों पर आधारित नहीं है. यह धारणा पूरी तरह गलत है.
रिजर्व बैंक ने इस बारे में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि निजी क्षेत्र के बैंकों से जमा को निकालने से बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता प्रभावित हो सकती है.
रिजर्व बैंक को यह पत्र इसलिए लिखना पड़ा है क्योंकि इस तरह की खबरें आ रही हैं कि कुछ राज्य सरकारों ने अपने सरकारी निकायों और अन्य इकाइयों से निजी क्षेत्र के बैंकों में रखे अपने कोष को सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों में स्थानांतरित करने की सलाह दी है.
निजी क्षेत्र के यस बैंक में संकट के बाद राज्य सरकारों द्वारा इस तरह का कदम उठाया जा रहा है. रिजर्व बैंक ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर दिया है और बैंक के जमाकर्ताओं के लिए निकासी की सीमा तय कर दी है.
सरकार ने वित्तीय सेवा सचिव पांडा को रिजर्व बैंक के बोर्ड में मनोनीत किया
सरकार ने वित्तीय सेवा सचिव देवाशीष पांडा को भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड में मनोनीत किया है.
रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा, "केंद्र सरकार ने वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में सचिव देवाशीष पांडा को भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड में राजीव कुमार की जगह निदेशक मनोनीत किया है."
(पीटीआई-भाषा)