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लचीली अर्थव्यवस्था के लिए निष्पक्ष ऑडिट जरूरी: RBI गवर्नर

आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) शक्तिकांत दास ने बताया कि इस साल जनवरी में वाणिज्यिक बैंकों (Commercial Banks) के लिए जोखिम आधारित आंतरिक लेखा परीक्षा प्रणाली को मजबूत किया गया. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही RBI ने लचीले वित्तीय क्षेत्र के निर्माण के लिए बैंकों, एनबीएफसी में मजबूत प्रशासनिक ढांचे पर जोर दिया.

RBI गवर्नर
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Published : Oct 25, 2021, 1:04 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shashikant Das) ने सोमवार को कहा कि एक लचीली अर्थव्यवस्था के लिए निष्पक्ष और मजबूत ऑडिट व्यवस्था जरूरी है, क्योंकि इससे नागरिकों में भरोसा पैदा होता है. उन्होंने नेशनल एकेडमी ऑफ ऑडिट एंड अकाउंट्स (National Academy of Audit and Accounts) में अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि ऑडिट देश के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि सार्वजनिक व्यय के फैसले इन्हीं रिपोर्ट पर आधारित होते हैं.

उन्होंने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर पहले से अधिक आर्थिक फैसले किए जा रहे हैं, इसलिए गलत जानकारी के चलते अपेक्षा से कमतर निर्णय हो सकता है. उन्होंने कहा कि ऑडिट की गुणवत्ता में सुधार की जरूरत है. इसलिए रिजर्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के ऑडिट में सुधार के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (Institute of Chartered Accountants of India- ICAI) की सलाह से कई कदम उठाए हैं.

पढ़ें : रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर ने एनबीएफसी से कहा, ग्राहकों के हितों की रक्षा को लेकर समझौता नहीं

दास ने कहा कि RBI मानक में सुधार के लिए लगातार ऑडिटिंग के हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है.

आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) ने बताया कि इस साल जनवरी में वाणिज्यिक बैंकों (Commercial Banks) के लिए जोखिम आधारित आंतरिक लेखा परीक्षा प्रणाली को मजबूत किया गया. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही RBI ने लचीले वित्तीय क्षेत्र के निर्माण के लिए बैंकों, एनबीएफसी में मजबूत प्रशासनिक ढांचे पर जोर दिया.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shashikant Das) ने सोमवार को कहा कि एक लचीली अर्थव्यवस्था के लिए निष्पक्ष और मजबूत ऑडिट व्यवस्था जरूरी है, क्योंकि इससे नागरिकों में भरोसा पैदा होता है. उन्होंने नेशनल एकेडमी ऑफ ऑडिट एंड अकाउंट्स (National Academy of Audit and Accounts) में अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि ऑडिट देश के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि सार्वजनिक व्यय के फैसले इन्हीं रिपोर्ट पर आधारित होते हैं.

उन्होंने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर पहले से अधिक आर्थिक फैसले किए जा रहे हैं, इसलिए गलत जानकारी के चलते अपेक्षा से कमतर निर्णय हो सकता है. उन्होंने कहा कि ऑडिट की गुणवत्ता में सुधार की जरूरत है. इसलिए रिजर्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के ऑडिट में सुधार के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (Institute of Chartered Accountants of India- ICAI) की सलाह से कई कदम उठाए हैं.

पढ़ें : रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर ने एनबीएफसी से कहा, ग्राहकों के हितों की रक्षा को लेकर समझौता नहीं

दास ने कहा कि RBI मानक में सुधार के लिए लगातार ऑडिटिंग के हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है.

आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) ने बताया कि इस साल जनवरी में वाणिज्यिक बैंकों (Commercial Banks) के लिए जोखिम आधारित आंतरिक लेखा परीक्षा प्रणाली को मजबूत किया गया. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही RBI ने लचीले वित्तीय क्षेत्र के निर्माण के लिए बैंकों, एनबीएफसी में मजबूत प्रशासनिक ढांचे पर जोर दिया.

(पीटीआई-भाषा)

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