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झिझक छोड़ आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिए निवेश करे उद्योग: सीतारमण

बजट के बाद उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) में परिचर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार उद्योग के रास्ते को आसान बनाने का काम करेगी और जो भी समस्या होगी, उसे दूर किया जाएगा.

झिझक छोड़ आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिए निवेश करे उद्योग: सीतारमण
झिझक छोड़ आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिए निवेश करे उद्योग: सीतारमण
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Published : Feb 4, 2020, 10:33 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 5:05 AM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि उद्योग को झिझक छोड़कर देश की आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिये निवेश करने की जरूरत है. उन्होंने वृद्धि को गति देने में भागीदारी पर जोर देते हुए कहा कि सरकार पहले ही कई उपाय शुरू कर चुकी है और कई अन्य कदम उठाने को इच्छुक है.

बजट के बाद उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) में परिचर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही कंपनी कर में कटौती कर चुकी है, न्यूनतम वैकल्पिक कर हटाया और अब लाभांश वितरण कर समाप्त किया गया है.

वित्त मंत्री ने कहा, "हमारा रुख यह है कि हम संपत्ति सृजन पर खर्च करेंगे और उसका व्यापक प्रभाव होगा. इससे उद्योग को लाभ होगा. इसीलिए हम उम्मीद करते हैं कि आप अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये आगे आयें."

ये भी पढ़ें- बैंक जमा पर पांच लाख रुपये का बीमा कवर लागू हुआ

सीतारमण ने कहा कि आज की परिस्थिति में केवल सरकार के खर्च से आर्थिक वृद्धि में तेजी नहीं लाई जा सकती है. जो हम चाहते है. मेरा मानना है कि उद्योग को झिझक छोड़नी चाहिए.

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिये और कदम उठाने को इच्छुक हैं.

वित्त मंत्री ने कहा, "हमने वह सब किया जो हम कर सकते हैं. हम दरवाजा बंद नहीं कर रहे हैं. हम अब भी और कदम उठाने को तैयार हैं. लेकिन मैं चाहती हूं कि सरकार की तरफ से यह सार्थक हस्तक्षेप हो."

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि उद्योग को झिझक छोड़कर देश की आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिये निवेश करने की जरूरत है. उन्होंने वृद्धि को गति देने में भागीदारी पर जोर देते हुए कहा कि सरकार पहले ही कई उपाय शुरू कर चुकी है और कई अन्य कदम उठाने को इच्छुक है.

बजट के बाद उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) में परिचर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही कंपनी कर में कटौती कर चुकी है, न्यूनतम वैकल्पिक कर हटाया और अब लाभांश वितरण कर समाप्त किया गया है.

वित्त मंत्री ने कहा, "हमारा रुख यह है कि हम संपत्ति सृजन पर खर्च करेंगे और उसका व्यापक प्रभाव होगा. इससे उद्योग को लाभ होगा. इसीलिए हम उम्मीद करते हैं कि आप अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये आगे आयें."

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सीतारमण ने कहा कि आज की परिस्थिति में केवल सरकार के खर्च से आर्थिक वृद्धि में तेजी नहीं लाई जा सकती है. जो हम चाहते है. मेरा मानना है कि उद्योग को झिझक छोड़नी चाहिए.

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिये और कदम उठाने को इच्छुक हैं.

वित्त मंत्री ने कहा, "हमने वह सब किया जो हम कर सकते हैं. हम दरवाजा बंद नहीं कर रहे हैं. हम अब भी और कदम उठाने को तैयार हैं. लेकिन मैं चाहती हूं कि सरकार की तरफ से यह सार्थक हस्तक्षेप हो."

(पीटीआई-भाषा)

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झिझक छोड़ आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिए निवेश करे उद्योग: सीतारमण

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि उद्योग को झिझक छोड़कर देश की आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिये निवेश करने की जरूरत है. 

बजट के बाद उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) में परिचर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार उद्योग के रास्ते को आसान बनाने का काम करेगी और जो भी समस्या होगी, उसे दूर किया जाएगा. 

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सीतारमण ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि आज यह स्थिति है कि केवल सरकार के खर्च से आर्थिक वृद्धि में तेजी आ सकती है."

सीतारमण ने शनिवार को 2020-21 का बजट पेश किया था. उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि उद्योग को जो झिझक है, उससे बाहर आना चाहिए."



बिजनेस न्यूज, 10% TDS only on dividend paid by mutual funds, not on redemption of units, म्यूचुअल फंड के लाभांश भुगतान पर ही टीडीएस लगेगा, यूनिट भुनाने पर नहीं

10% TDS only on dividend paid by mutual funds, not on redemption of units: Tax dept

म्यूचुअल फंड के लाभांश भुगतान पर ही टीडीएस लगेगा, यूनिट भुनाने पर नहीं: कर विभाग

नई दिल्ली: कर विभाग ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि बजट में 10 प्रतिशत टीडीएस का प्रस्ताव केवल म्यूचुअल फंड द्वारा दिये गये लाभांश पर लागू होगा. यह यूनिट को भुनाने से होने वाले लाभ पर लागू नहीं होगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में कंपनियों और म्यूचुअल फंड द्वारा शेयरधारकों या यूनिटधारकों को भुगतान किये जाने वाले लाभांश वितरण कर (डीडीटी) को समाप्त कर दिया है.

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इसकी जगह यह प्रस्ताव किया गया कि कंपनी या म्यूचुअल फंड के अपने शेयरधारकों या यूनिटधारकों को किये गये लाभांश भुगतान पर 10 प्रतिशत की दर से स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) होगी. यह कर कटौती तब होगी जब लाभांश या आय साल में 5,000 रुपये से अधिक होगी.

एक बयान में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि ये सवाल पूछे गये थे कि क्या म्यूचुअल फंड को यूनिट भुनाने से होने वाले पूंजी लाभ पर भी टीडीएस काटने की जरूरत है.म्यूचुअल फंड उद्योग के संगठन एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड ने कर विभाग से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा था.

सीबीडीटी ने कहा, "यह स्पष्ट किया जाता है कि प्रस्तावित धारा के तहत म्यूचुअल फंड को केवल लाभांश पर 10 प्रतिशत की दर से टीडीएस काटना है. उन्हें पूंजी लाभ पर कर काटने की जरूरत नहीं है."


Conclusion:
Last Updated : Feb 29, 2020, 5:05 AM IST
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