नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को यहां बुनियादी ढांचा क्षेत्र से जुड़े उद्योगों और कारोबार जगत के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. देश में गहराती आर्थिक सुस्ती के मौजूदा दौर में बुनियादी ढांचा क्षेत्र को आर्थिक वृद्धि की गति तेज करने और रोजगार सृजन बढ़ाने के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
वित्त मंत्री की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रतिनिधियों के साथ पिछले महीने से अलग अलग बैठकें हो रही हैं. उसी कड़ी में यह बैठक हुई है. वित्त मंत्री ने सबसे पहले इस कड़ी में बैंकिंग क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिये गये अपने भाषण में कहा था कि सरकार देश में आधुनिक स्तरीय ढांचागत सुविधाओं के विकास में 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
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इससे निवेश से देश की सकल अर्थव्यवस्था के आकार को दोगुना कर 5,000 अरब डालर तक पहुंचाने में मदद मिलेगी. वित्त मंत्री के साथ हुई बैठक से बाहर निकले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के चेयरमैन एन एन सिन्हा ने कहा निर्माण क्षेत्र में खर्च पिछले साल के मुकाबले अधिक हुआ है.
उन्होंने कहा, "हमने अपने लिये जो लक्ष्य तय किये हैं, उनके लिये ठेके देने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. अब तक हमने 600 किलोमीटर की सड़क परियोजनाओं के लिये ठेके दे दिये हैं."
एचसीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजित गुलाबचंद ने कहा कि क्षेत्र को ज्यादा से ज्यादा निवेशकों के अनुकूल बनाने की जरूरत है. वित्त मंत्री के साथ बैठक में अवसंरचना क्षेत्र के समक्ष आ रही चुनौतियों और परेशानियों पर विचार विमर्श किया गया. क्षेत्र की परियोजनाओं के वित्तपोषण, भूमि अधिग्रहण से जुड़ी समस्याओं पर भी गौर किया गया.