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कॉरपोरेट कर में कटौती पर अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अध्यादेश की जगह विधेयक लाने का फैसला किया गया है. सूत्रों ने कहा कि इस विधेयक को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है.

कॉरपोरेट कर में कटौती पर अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक को मंजूरी
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Published : Nov 20, 2019, 11:44 PM IST

Updated : Nov 20, 2019, 11:52 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 22 प्रतिशत करने संबंधी अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक को बुधवार को मंजूरी दी. सरकार ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए ये उपाय किए थे.

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अध्यादेश की जगह विधेयक लाने का फैसला किया गया है.

सूत्रों ने कहा कि इस विधेयक को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है.

सीतारमण ने 20 सितंबर को कहा था कि कॉरपोरेट कर और अन्य उपायों से सरकारी खजाने को सालाना 1.45 करोड़ रुपये की हानि होने का अनुमान है.

ये भी पढ़ें: कैबिनेट ने बीपीसीएल समेत 4 अन्य सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश की दी मंजूरी

इस फैसले के बाद, घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर कम होकर 22 प्रतिशत पर आ गई थी. हालांकि इसके लिये शर्त थी कि वे किसी प्रोत्साहन का लाभ नहीं लेंगे. एक अक्टूबर 2019 या इसके बाद गठित नई घरेलू विनिर्माण कंपनी के लिए कर की दर को घटाकर 15 प्रतिशत किया गया था.

इसके अलावा, जिन सूचीबद्ध कंपनियों ने पांच जुलाई से पहले शेयरों की पुनर्खरीद की घोषणा की है, उन्हें भी किसी प्रकार का कर नहीं देना होगा.

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 22 प्रतिशत करने संबंधी अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक को बुधवार को मंजूरी दी. सरकार ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए ये उपाय किए थे.

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अध्यादेश की जगह विधेयक लाने का फैसला किया गया है.

सूत्रों ने कहा कि इस विधेयक को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है.

सीतारमण ने 20 सितंबर को कहा था कि कॉरपोरेट कर और अन्य उपायों से सरकारी खजाने को सालाना 1.45 करोड़ रुपये की हानि होने का अनुमान है.

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इस फैसले के बाद, घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर कम होकर 22 प्रतिशत पर आ गई थी. हालांकि इसके लिये शर्त थी कि वे किसी प्रोत्साहन का लाभ नहीं लेंगे. एक अक्टूबर 2019 या इसके बाद गठित नई घरेलू विनिर्माण कंपनी के लिए कर की दर को घटाकर 15 प्रतिशत किया गया था.

इसके अलावा, जिन सूचीबद्ध कंपनियों ने पांच जुलाई से पहले शेयरों की पुनर्खरीद की घोषणा की है, उन्हें भी किसी प्रकार का कर नहीं देना होगा.

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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 22 प्रतिशत करने संबंधी अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक को बुधवार को मंजूरी दी. सरकार ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए ये उपाय किए थे.

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अध्यादेश की जगह विधेयक लाने का फैसला किया गया है.

सूत्रों ने कहा कि इस विधेयक को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है.

सीतारमण ने 20 सितंबर को कहा था कि कॉरपोरेट कर और अन्य उपायों से सरकारी खजाने को सालाना 1.45 करोड़ रुपये की हानि होने का अनुमान है.

इस फैसले के बाद, घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर कम होकर 22 प्रतिशत पर आ गई थी. हालांकि इसके लिये शर्त थी कि वे किसी प्रोत्साहन का लाभ नहीं लेंगे. एक अक्टूबर 2019 या इसके बाद गठित नई घरेलू विनिर्माण कंपनी के लिए कर की दर को घटाकर 15 प्रतिशत किया गया था.

इसके अलावा, जिन सूचीबद्ध कंपनियों ने पांच जुलाई से पहले शेयरों की पुनर्खरीद की घोषणा की है, उन्हें भी किसी प्रकार का कर नहीं देना होगा.

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Last Updated : Nov 20, 2019, 11:52 PM IST
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