ETV Bharat / business

बजट 2019: अर्थशास्त्रियों का वित्त मंत्री को सुझाव- कौशल विकास पर ध्‍यान केंद्रित कर रोजगार बढ़ाये सरकार

अर्थशास्त्रियों ने अपना यह विचार रखा कि इस बजट को अगले 5 वर्षों के लिए गति निर्धारित करनी चाहिए. यह मेक इन इंडिया के माध्‍यम से विनिर्माण को बढ़ावा देने का विशिष्‍ट अवसर है.

author img

By

Published : Jun 14, 2019, 8:01 PM IST

बजट 2019: अर्थशास्त्रियों का वित्त मंत्री को सुझाव- कौशल विकास पर ध्‍यान केंद्रित कर रोजगार को बढ़ाये सरकार

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्‍त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी आम बजट 2019-20 के संबंध में जाने माने अर्थशास्त्रियों के साथ आज अपनी छठी पूर्व-बजट परामर्श बैठक का आयोजन किया.

उक्‍त बैठक के दौरान चर्चा के मुख्‍य क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, रोजगार-जनित विकास, वृहद- आर्थिक स्थिरता बढ़ाना, सार्वजनिक क्षेत्र की ऋण जरूरतों का आदर्श आकार और निवेश सहित राजकोषीय प्रबंधन शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- मध्य प्रदेश में 2 हेलमेट खरीदने पर ही होगा दोपहिया वाहन का रजिस्ट्रेशन

वित्‍त मंत्री के साथ इस बैठक में नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष राजीव कुमार, वित्‍त सचिव सुभाष सी. गर्ग, राजस्‍व सचिव अजय भूषण पांडे, डीएफएस सचिव राजीव कुमार, व्‍यय सचिव गिरीश चंद्र मुर्मू, डीआईपीएएम सचिव अतनु चक्रवर्ती, सीबीडीटी के अध्‍यक्ष प्रमोद चंद्र मोदी, सीबीआईसी के अध्‍यक्ष डॉ. के.वी. सुब्रह्मनियन और वित्‍त मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने भाग लिया.

अर्थशास्त्रियों ने अपना यह विचार रखा कि इस बजट को अगले 5 वर्षों के लिए गति निर्धारित करनी चाहिए. यह मेक इन इंडिया के माध्‍यम से विनिर्माण को बढ़ावा देने का विशिष्‍ट अवसर है.

अर्थशास्त्रियों ने टेरिफ सुधारों, आपूर्ति श्रृंखला में अड़चनों को दूर करना, कृषि के लिए आयात-निर्यात नीति, टैक्‍सटाइल पर विशेष शुल्‍कों को हटाना, राजकोषीय मजबूती बनाए रखना, समग्र घरेलू विकास के लिए अंतर-राज्‍य परिषदों का पुन: उद्धार करना, कौशल विकास पर ध्‍यान केंद्रित करके रोजगार को बढ़ाना, सेवा और विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्‍साहित करना, दीर्घाकालीन विकास के लिए वृहद आर्थिक स्थिरता और संगठनात्‍मक सुधार, कर दरों की स्थिरता.

साथ ही साथ शुल्‍कों में कमी, जीएसटी को और अधिक सरल बनाना, प्रत्‍यक्ष कर संहिता लागू करना, श्रम गहन क्षेत्रों को बढ़ावा देना, स्‍वतंत्र राजकोषीय नीति समिति का गठन, डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना, नौकरी उन्‍मुख विकास पर ध्‍यान केंद्रित करना, रोजगार बढ़ोतरी के लिए बैंकों में पूंजी डालने और ई-कॉमर्स की संभावनाओं का उपयोग करके एनएफबीसी क्षेत्र के लिए इनसॉल्‍वेंसी एंड बैंककरप्‍सी (आईबीसी) कोड की तरह के ढ़ांचे के बारे में सुझाव दिए गए.

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्‍त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी आम बजट 2019-20 के संबंध में जाने माने अर्थशास्त्रियों के साथ आज अपनी छठी पूर्व-बजट परामर्श बैठक का आयोजन किया.

उक्‍त बैठक के दौरान चर्चा के मुख्‍य क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, रोजगार-जनित विकास, वृहद- आर्थिक स्थिरता बढ़ाना, सार्वजनिक क्षेत्र की ऋण जरूरतों का आदर्श आकार और निवेश सहित राजकोषीय प्रबंधन शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- मध्य प्रदेश में 2 हेलमेट खरीदने पर ही होगा दोपहिया वाहन का रजिस्ट्रेशन

वित्‍त मंत्री के साथ इस बैठक में नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष राजीव कुमार, वित्‍त सचिव सुभाष सी. गर्ग, राजस्‍व सचिव अजय भूषण पांडे, डीएफएस सचिव राजीव कुमार, व्‍यय सचिव गिरीश चंद्र मुर्मू, डीआईपीएएम सचिव अतनु चक्रवर्ती, सीबीडीटी के अध्‍यक्ष प्रमोद चंद्र मोदी, सीबीआईसी के अध्‍यक्ष डॉ. के.वी. सुब्रह्मनियन और वित्‍त मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने भाग लिया.

अर्थशास्त्रियों ने अपना यह विचार रखा कि इस बजट को अगले 5 वर्षों के लिए गति निर्धारित करनी चाहिए. यह मेक इन इंडिया के माध्‍यम से विनिर्माण को बढ़ावा देने का विशिष्‍ट अवसर है.

अर्थशास्त्रियों ने टेरिफ सुधारों, आपूर्ति श्रृंखला में अड़चनों को दूर करना, कृषि के लिए आयात-निर्यात नीति, टैक्‍सटाइल पर विशेष शुल्‍कों को हटाना, राजकोषीय मजबूती बनाए रखना, समग्र घरेलू विकास के लिए अंतर-राज्‍य परिषदों का पुन: उद्धार करना, कौशल विकास पर ध्‍यान केंद्रित करके रोजगार को बढ़ाना, सेवा और विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्‍साहित करना, दीर्घाकालीन विकास के लिए वृहद आर्थिक स्थिरता और संगठनात्‍मक सुधार, कर दरों की स्थिरता.

साथ ही साथ शुल्‍कों में कमी, जीएसटी को और अधिक सरल बनाना, प्रत्‍यक्ष कर संहिता लागू करना, श्रम गहन क्षेत्रों को बढ़ावा देना, स्‍वतंत्र राजकोषीय नीति समिति का गठन, डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना, नौकरी उन्‍मुख विकास पर ध्‍यान केंद्रित करना, रोजगार बढ़ोतरी के लिए बैंकों में पूंजी डालने और ई-कॉमर्स की संभावनाओं का उपयोग करके एनएफबीसी क्षेत्र के लिए इनसॉल्‍वेंसी एंड बैंककरप्‍सी (आईबीसी) कोड की तरह के ढ़ांचे के बारे में सुझाव दिए गए.

Intro:Body:

बजट 2019: अर्थशास्त्रियों का वित्त मंत्री को सुझाव- कौशल विकास पर ध्‍यान केंद्रित करके रोजगार को बढ़ाये सरकार

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्‍त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी आम बजट 2019-20 के संबंध में जाने माने अर्थशास्त्रियों के साथ आज अपनी छठी पूर्व-बजट परामर्श बैठक का आयोजन किया.

उक्‍त बैठक के दौरान चर्चा के मुख्‍य क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, रोजगार-जनित विकास, वृहद- आर्थिक स्थिरता बढ़ाना, सार्वजनिक क्षेत्र की ऋण जरूरतों का आदर्श आकार और निवेश सहित राजकोषीय प्रबंधन शामिल हैं. 

ये भी पढ़ें- 

वित्‍त मंत्री के साथ इस बैठक में नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष राजीव कुमार, वित्‍त सचिव सुभाष सी. गर्ग, राजस्‍व सचिव अजय भूषण पांडे, डीएफएस सचिव श्री राजीव कुमार, व्‍यय सचिव गिरीश चंद्र मुर्मू, डीआईपीएएम सचिव अतनु चक्रवर्ती, सीबीडीटी के अध्‍यक्ष प्रमोद चंद्र मोदी, सीबीआईसी के अध्‍यक्ष डॉ. के.वी. सुब्रह्मनियन और वित्‍त मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने भाग लिया.     

अर्थशास्त्रियों ने अपना यह विचार रखा कि इस बजट को अगले 5 वर्षों के लिए गति निर्धारित करनी चाहिए. यह मेक इन इंडिया के माध्‍यम से विनिर्माण को बढ़ावा देने का विशिष्‍ट अवसर है. 

अर्थशास्त्रियों ने टेरिफ सुधारों, आपूर्ति श्रृंखला में अड़चनों को दूर करना, कृषि के लिए आयात-निर्यात नीति, टैक्‍सटाइल पर विशेष शुल्‍कों को हटाना, राजकोषीय मजबूती बनाए रखना, समग्र घरेलू विकास के लिए अंतर-राज्‍य परिषदों का पुन: उद्धार करना, कौशल विकास पर ध्‍यान केंद्रित करके रोजगार को बढ़ाना, सेवा और विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्‍साहित करना, दीर्घाकालीन विकास के लिए वृहद आर्थिक स्थिरता और संगठनात्‍मक सुधार, कर दरों की स्थिरता. 

साथ ही साथ शुल्‍कों में कमी, जीएसटी को और अधिक सरल बनाना, प्रत्‍यक्ष कर संहिता लागू करना, श्रम गहन क्षेत्रों को बढ़ावा देना, स्‍वतंत्र राजकोषीय नीति समिति का गठन, डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना, नौकरी उन्‍मुख विकास पर ध्‍यान केंद्रित करना, रोजगार  बढ़ोतरी के लिए बैंकों में पूंजी डालने और ई-कॉमर्स की संभावनाओं का उपयोग करके एनएफबीसी क्षेत्र के लिए इनसॉल्‍वेंसी एंड बैंककरप्‍सी (आईबीसी) कोड की तरह के ढ़ांचे के बारे में सुझाव दिए गए.


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.