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दृष्टिबाधित लोगों को बड़ी राहत, आरबीआई नोटों को पहचानने के लिए लाएगा एप

रिजर्व बैंक ने कहा कि दृष्टिबाधित लोगों के लिए नकदी आधारित लेनदेन को सफल बनाने के लिए बैंकनोट की पहचान जरूरी है. नोट को पहचानने में नेत्रहीनों की मदद के लिए इंटाग्लियो प्रिंटिंग आधारित पहचान चिह्न दिए गए हैं. यह चिह्न 100 रुपये और उससे ऊपर के नोट में हैं.

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Published : Jul 14, 2019, 6:53 PM IST

Updated : Jul 15, 2019, 4:50 PM IST

दृष्टिबाधित लोगों को बड़ी राहत, आरबीआई नोटों को पहचानने के लिए लाएगा एप

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) दृष्टिबाधित लोगों को नोटों की पहचान करने में मदद के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन (मोबाइल एप) पेश करेगा. केंद्रीय बैंक ने लेनदेन में अब भी नकदी के भारी इस्तेमाल को देखते हुए यह कदम उठाया. वर्तमान में 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2,000 रुपये के बैंकनोट चलन में हैं.

रिजर्व बैंक ने कहा कि दृष्टिबाधित लोगों के लिए नकदी आधारित लेनदेन को सफल बनाने के लिए बैंकनोट की पहचान जरूरी है. नोट को पहचानने में नेत्रहीनों की मदद के लिए इंटाग्लियो प्रिंटिंग आधारित पहचान चिह्न दिए गए हैं. यह चिह्न 100 रुपये और उससे ऊपर के नोट में हैं.

ये भी पढ़ें- देश का विदेशी मुद्रा भंडार 429.9 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर

नवबंर 2016 में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने के बाद अब चलन में नए आकार और डिजाइन के नोट मौजूद हैं.

केंद्रीय बैंक ने कहा, "रिजर्व बैंक नेत्रहीनों को अपने दैनिक कामकाज में बैंक नोट को पहचानने में आने वाली दिक्कतों को लेकर संवेदनशील है. बैंक मोबाइल एप विकसित करने के लिए वेंडर की तलाश कर रहा है."

यह एप महात्मा गांधी श्रृंखला और महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला के नोटों की पहचान करने में सक्षम होगा. इसके लिए व्यक्ति को नोट को फोन के कैमरे के सामने रखकर उसकी तस्वीर खींचनी होगी.

यदि नोट की तस्वीर सही से ली गई होगी तो एप ओडियो नोटिफिकेशन के जरिए नेत्रहीन व्यक्ति को नोट के मूल्य के बारे में बता देगा. अगर तस्वीर ठीक से नहीं ली गई या फिर नोट को रीड करने में कोई दिक्कत हो रही है तो एप फिर से कोशिश करने की सूचना देगा.

रिजर्व बैंक एप बनाने के लिए प्रौद्योगिकी कंपनियों से निविदा आमंत्रित कर रहा है. बैंक पहले भी इसी तरह के प्रस्ताव के लिए आवेदन मांगे थे. हालांकि, बाद में इसे रद्द कर दिया गया. देश में करीब 80 लाख नेत्रहीन लोग हैं. आरबीआई की इस पहल से उन्हें लाभ होगा.

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) दृष्टिबाधित लोगों को नोटों की पहचान करने में मदद के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन (मोबाइल एप) पेश करेगा. केंद्रीय बैंक ने लेनदेन में अब भी नकदी के भारी इस्तेमाल को देखते हुए यह कदम उठाया. वर्तमान में 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2,000 रुपये के बैंकनोट चलन में हैं.

रिजर्व बैंक ने कहा कि दृष्टिबाधित लोगों के लिए नकदी आधारित लेनदेन को सफल बनाने के लिए बैंकनोट की पहचान जरूरी है. नोट को पहचानने में नेत्रहीनों की मदद के लिए इंटाग्लियो प्रिंटिंग आधारित पहचान चिह्न दिए गए हैं. यह चिह्न 100 रुपये और उससे ऊपर के नोट में हैं.

ये भी पढ़ें- देश का विदेशी मुद्रा भंडार 429.9 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर

नवबंर 2016 में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने के बाद अब चलन में नए आकार और डिजाइन के नोट मौजूद हैं.

केंद्रीय बैंक ने कहा, "रिजर्व बैंक नेत्रहीनों को अपने दैनिक कामकाज में बैंक नोट को पहचानने में आने वाली दिक्कतों को लेकर संवेदनशील है. बैंक मोबाइल एप विकसित करने के लिए वेंडर की तलाश कर रहा है."

यह एप महात्मा गांधी श्रृंखला और महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला के नोटों की पहचान करने में सक्षम होगा. इसके लिए व्यक्ति को नोट को फोन के कैमरे के सामने रखकर उसकी तस्वीर खींचनी होगी.

यदि नोट की तस्वीर सही से ली गई होगी तो एप ओडियो नोटिफिकेशन के जरिए नेत्रहीन व्यक्ति को नोट के मूल्य के बारे में बता देगा. अगर तस्वीर ठीक से नहीं ली गई या फिर नोट को रीड करने में कोई दिक्कत हो रही है तो एप फिर से कोशिश करने की सूचना देगा.

रिजर्व बैंक एप बनाने के लिए प्रौद्योगिकी कंपनियों से निविदा आमंत्रित कर रहा है. बैंक पहले भी इसी तरह के प्रस्ताव के लिए आवेदन मांगे थे. हालांकि, बाद में इसे रद्द कर दिया गया. देश में करीब 80 लाख नेत्रहीन लोग हैं. आरबीआई की इस पहल से उन्हें लाभ होगा.

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दृष्टिबाधित लोगों को बड़ी राहत, आरबीआई नोटों को पहचानने के लिए लाएगा एप

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) दृष्टिबाधित लोगों को नोटों की पहचान करने में मदद के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन (मोबाइल एप) पेश करेगा. केंद्रीय बैंक ने लेनदेन में अब भी नकदी के भारी इस्तेमाल को देखते हुए यह कदम उठाया. वर्तमान में 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2,000 रुपये के बैंकनोट चलन में हैं. 

रिजर्व बैंक ने कहा कि नेत्रहीन लोगों के लिए नकदी आधारित लेनदेन को सफल बनाने के लिए बैंकनोट की पहचान जरूरी है. नोट को पहचानने में नेत्रहीनों की मदद के लिए इंटाग्लियो प्रिंटिंग आधारित पहचान चिह्न दिए गए हैं. यह चिह्न 100 रुपये और उससे ऊपर के नोट में हैं.

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नवबंर 2016 में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने के बाद अब चलन में नए आकार और डिजाइन के नोट मौजूद हैं. 

केंद्रीय बैंक ने कहा, "रिजर्व बैंक नेत्रहीनों को अपने दैनिक कामकाज में बैंक नोट को पहचानने में आने वाली दिक्कतों को लेकर संवेदनशील है. बैंक मोबाइल एप विकसित करने के लिए वेंडर की तलाश कर रहा है." 

यह एप महात्मा गांधी श्रृंखला और महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला के नोटों की पहचान करने में सक्षम होगा. इसके लिए व्यक्ति को नोट को फोन के कैमरे के सामने रखकर उसकी तस्वीर खींचनी होगी. 

यदि नोट की तस्वीर सही से ली गई होगी तो एप ओडियो नोटिफिकेशन के जरिए नेत्रहीन व्यक्ति को नोट के मूल्य के बारे में बता देगा. अगर तस्वीर ठीक से नहीं ली गई या फिर नोट को रीड करने में कोई दिक्कत हो रही है तो एप फिर से कोशिश करने की सूचना देगा. 

रिजर्व बैंक एप बनाने के लिए प्रौद्योगिकी कंपनियों से निविदा आमंत्रित कर रहा है. बैंक पहले भी इसी तरह के प्रस्ताव के लिए आवेदन मांगे थे. हालांकि, बाद में इसे रद्द कर दिया गया. देश में करीब 80 लाख नेत्रहीन लोग हैं. आरबीआई की इस पहल से उन्हें लाभ होगा.


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Last Updated : Jul 15, 2019, 4:50 PM IST
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