नई दिल्ली : भारत मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को कहा कि इस साल मानसून के "सामान्य के करीब" रहने और पूरे देश में वर्षा होने की उम्मीद है जो कृषि क्षेत्र के लिए मददगार हो सकती है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह घोषणा की.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने कहा कि मानूसनी वर्षा दीर्घकालिक औसत (एलपीए) के 96 प्रतिशत रहने की संभावना है. उसमें मॉडल त्रुटि के तौर पर पांच फीसदी का उतार-चढ़ाव हो सकता है. एलपीए 1951 और 2000 के बीच की बारिश का औसत है जो 89 सेंटीमीटर है.
आईएमडी महानिदेशक के जे रमेश ने कहा कि मानसून सीजन के दौरान पूरे देश में वर्षा होने की संभावना है, जो आगामी खरीफ सीजन के दौरान किसानों के लिए मददगार होगी. फिलहाल देश के कई क्षेत्र कृषि संकट से गुजर रहे हैं.
महत्वपूर्ण बात यह है कि आईएमडी ने एलपीए के 96-104 फीसदी के बीच की वर्षा के लिए 'सामान्य के करीब' की एक श्रेणी शुरू की है. पिछले साल के उसके पूर्वानुमान में 96-104 फीसदी के बीच की वर्षा को 'सामान्य' श्रेणी में रखा गया था. एलपीए के 90-96 प्रतिशत के बीच की वर्षा "सामान्य से कम" की श्रेणी में आती है.
96 फीसदी वर्षा को सामान्य से कम और सामान्य की श्रेणी की सीमा पर माना जाता है. आईएमडी ने 2019 की दक्षिण पश्चिम मानसून वर्षा के दीर्घकालिक अनुमान में कहा, "(जून से सितंबर तक) देशभर में दक्षिण पश्चिम सीजनल बारिश के सामान्य के करीब रहने की संभावना है."
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