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विश्व कप 2019: भारत के मैच बारिश की भेंट चढ़े तो बीमा कंपनियों को लगेगी 100 करोड़ की चपत

भारत की बीमा कंपनियों पर अब भी बारिश की वजह से 100 करोड़ रुपये का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि शेष मैचों में भी बरसात की खलल की आशंका है. इस विश्वकप में अब तक चार मैच बरसात के कारण धुल चुके हैं.

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Published : Jun 23, 2019, 8:00 PM IST

विश्व कप 2019: भारत के मैच बारिश की भेंट चढ़े तो बीमा कंपनियों को लगेगी 100 करोड़ की चपत

नई दिल्ली: देश के क्रिकेट प्रशंसकों के साथ-साथ बीमा कंपनियां भी बारिश के देवता इन्द्र से प्रार्थना कर रही हैं कि ब्रिटेन में चल रहे मौजूदा विश्व कप 2019 में भारत के शेष मुकाबले वर्षा की भेंट ना चढ़े क्योंकि इससे उन्हें 100 करोड़ रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है.

मौजूदा विश्वकप में सेमीफाइनल से पहले भारत को अभी चार और मैच खेलने हैं. बीमा कंपनियां चाहती हैं कि इन मैचों के दौरान वर्षा नहीं हो. क्योंकि मैच के रद्द होने या बाधित होने पर उनकी आर्थिक देनदारी होती है. भारत की बीमा कंपनियों पर अब भी बारिश की वजह से 100 करोड़ रुपये का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि शेष मैचों में भी बरसात की खलल की आशंका है. इस विश्वकप में अब तक चार मैच बरसात के कारण धुल चुके हैं.

ये भी पढ़ें- अमेजन ने भारत की भुगतान इकाई में किया 450 करोड़ रुपये का निवेश

बारिश से होता है ये नुकसान
सूत्रों के मुताबिक भारतीय बाजार का करीब 150 करोड़ का जोखिम कवर है. इनमें कई बीमा कंपनियों का हिस्सा है. न्यू इंडिया इंश्योरेंस, जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन, आईसीआईसीआई लॉम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस और ओरिएंटल इंश्योरेंस जैसी बड़ी कंपनियां आम तौर पर ये बीमा कवर उपलब्ध कराती हैं.

यह कवर मुख्य तौर पर प्रसारकों के लिये होता है जो कि प्रसारण अधिकारों के लिये आईसीसी को अग्रिम भुगतान करते हैं. यदि मैच होता है तो बीमा कंपनियों की कोई देनदारी नहीं बनती है लेकिन मैच में बाधा होती है अथवा वर्षा के कारण मैच नहीं होता है तो इसका विज्ञापन पर असर पड़ता है और प्रसारणकर्ताओं को राजस्व का नुकसान होता है.

नई दिल्ली: देश के क्रिकेट प्रशंसकों के साथ-साथ बीमा कंपनियां भी बारिश के देवता इन्द्र से प्रार्थना कर रही हैं कि ब्रिटेन में चल रहे मौजूदा विश्व कप 2019 में भारत के शेष मुकाबले वर्षा की भेंट ना चढ़े क्योंकि इससे उन्हें 100 करोड़ रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है.

मौजूदा विश्वकप में सेमीफाइनल से पहले भारत को अभी चार और मैच खेलने हैं. बीमा कंपनियां चाहती हैं कि इन मैचों के दौरान वर्षा नहीं हो. क्योंकि मैच के रद्द होने या बाधित होने पर उनकी आर्थिक देनदारी होती है. भारत की बीमा कंपनियों पर अब भी बारिश की वजह से 100 करोड़ रुपये का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि शेष मैचों में भी बरसात की खलल की आशंका है. इस विश्वकप में अब तक चार मैच बरसात के कारण धुल चुके हैं.

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बारिश से होता है ये नुकसान
सूत्रों के मुताबिक भारतीय बाजार का करीब 150 करोड़ का जोखिम कवर है. इनमें कई बीमा कंपनियों का हिस्सा है. न्यू इंडिया इंश्योरेंस, जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन, आईसीआईसीआई लॉम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस और ओरिएंटल इंश्योरेंस जैसी बड़ी कंपनियां आम तौर पर ये बीमा कवर उपलब्ध कराती हैं.

यह कवर मुख्य तौर पर प्रसारकों के लिये होता है जो कि प्रसारण अधिकारों के लिये आईसीसी को अग्रिम भुगतान करते हैं. यदि मैच होता है तो बीमा कंपनियों की कोई देनदारी नहीं बनती है लेकिन मैच में बाधा होती है अथवा वर्षा के कारण मैच नहीं होता है तो इसका विज्ञापन पर असर पड़ता है और प्रसारणकर्ताओं को राजस्व का नुकसान होता है.

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विश्व कप 2019: भारत के मैच बारिश की भेंट चढ़े तो बीमा कंपनियों को लगेगी 100 करोड़ की चपत

नई दिल्ली: देश के क्रिकेट प्रशंसकों के साथ-साथ बीमा कंपनियां भी बारिश के देवता इन्द्र से प्रार्थना कर रही हैं कि ब्रिटेन में चल रहे मौजूदा विश्व कप 2019 में भारत के शेष मुकाबले वर्षा की भेंट ना चढ़े क्योंकि इससे उन्हें 100 करोड़ रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है. 

मौजूदा विश्वकप में सेमीफाइनल से पहले भारत को अभी चार और मैच खेलने हैं. बीमा कंपनियां चाहती हैं कि इन मैचों के दौरान वर्षा नहीं हो. क्योंकि मैच के रद्द होने या बाधित होने पर उनकी आर्थिक देनदारी होती है. भारत की बीमा कंपनियों पर अब भी बारिश की वजह से 100 करोड़ रुपये का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि शेष मैचों में भी बरसात की खलल की आशंका है. इस विश्वकप में अब तक चार मैच बरसात के कारण धुल चुके हैं. 

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सूत्रों के मुताबिक भारतीय बाजार का करीब 150 करोड़ का जोखिम कवर है. इनमें कई बीमा कंपनियों का हिस्सा है. न्यू इंडिया इंश्योरेंस, जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन, आईसीआईसीआई लॉम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस और ओरिएंटल इंश्योरेंस जैसी बड़ी कंपनियां आम तौर पर ये बीमा कवर उपलब्ध कराती हैं. 

यह कवर मुख्य तौर पर प्रसारकों के लिये होता है जो कि प्रसारण अधिकारों के लिये आईसीसी को अग्रिम भुगतान करते हैं. यदि मैच होता है तो बीमा कंपनियों की कोई देनदारी नहीं बनती है लेकिन मैच में बाधा होती है अथवा वर्षा के कारण मैच नहीं होता है तो इसका विज्ञापन पर असर पड़ता है और प्रसारणकर्ताओं को राजस्व का नुकसान होता है. 


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