किशनगंज: सबाहत बानो ने अपने जिले और परिवार का नाम रोशन किया है. कड़ी मेहनत और बुलंद हौसले से राष्ट्रीय स्तर पर तायक्वंदो खेलने का सपना इसने पूरा किया है.
सबाहत बानो ने ताइक्वांडो में दिखाई रुचि
सबाहत बानो ने बताया कि जब वो स्कूल मे थी तब लड़कियों को मुफ्त में ताइक्वांडो सिखाने के लिए आए थे. सबाहत बानो ने रुचि दिखाई और सिखने लगी. दिन प्रतिदिन उनकी रुचि बढ़ती गई और उसने अपना करिअर इस फील्ड में बनाने का ठान ली. उसके इस निर्णय में उसके परिवार वालों ने भी साथ दिया.
भारतीय आर्मी में जाना चाहती हैं सबाहत बानो
हालांकि पहले तो परिवार ने यह बोलकर मना कर दिया की मुस्लिम घर की बहू-बेटियां बाहर नहीं जाती. ऐसे में सबाहत के मामा ने उसका पूरा समर्थन किया और उसे ताइक्वांडो सिखने के लिए भेज दिया. पहले तो दोस्तों ने भी उसका मजाक बनाया पर अब वहीं साथी आज उसकी हौसला अफजाई कर रहे हैं. उसने बताया की इस खेल के माध्यम से वो भारतीय आर्मी में जाना चाहती हैं.
'अन्य लड़कियों को भी सबाहत से सीखना चाहिये'
सबाहत के कोच ने बताया की सबाहत बहुत मेहनती है. किशनगंज जैसे छोटे से जगह से निकलकर इतने बड़े लेवल तक जाना बहुत बड़ी बात है. अन्य लड़कियों को भी सबाहत से सीखना चाहिये और आगे आए बढ़ना चाहिये.