कटिहार: कटिहार सदर अस्पताल में मरीजों के लिए आईसीयू का निर्माण कराया गया था, लेकिन पिछले 8 वर्षों से संसाधन और डॉक्टरों की कमी के कारण ये बंद पड़ा है. जिस कारण यहां मरीजों का इलाज नहीं हो पाता और उन्हें बेहतर इलाज के लिए जिले से बाहर जाना पड़ता है.
सदर अस्पताल की लचर व्यवस्था
कटिहार सदर अस्पताल की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो रहा है जबकि सूबे की सियासत में इस जिले का अहम योगदान है. खनन मंत्री इसी जिले से हैं. इसके अलावा सत्तारूढ़ दल के सचेतक, बिहार विधान पार्षद भी सत्ताधारी दल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इसके बाद भी सदर अस्पताल में पर्याप्त व्यवस्था नहीं होना एक सवालिया निशान खड़ा करता है.
8 सालों से बंद पड़ा है ICU
8 साल पहले लाखों रुपए खर्च करके इस आईसीयू का निर्माण कारया गया था. लेकिन आजतक ये बंद पड़ा हुआ है. डॉक्टरों की कमी की मार भी मरीजों को आए दिन झेलनी पड़ती है. विशेषज्ञ चिकित्सक और प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारी के अभाव में यह आईसीयू बंद पड़ा हुआ है.
इलाज के अभाव में होती है मरीजों की मौत
गंभीर मरीजों को यहां के डॉक्टर सिर्फ रेफर करने में ही अपनी भलाई समझते हैं. कई बार यहां इलाज के अभाव यहां आये मरीजों की मौत भी हो जाती है. लाख कोशिशों के बावजूद भी यहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल रही है.
अस्पताल में है डॉक्टरों की घोर कमी
कटिहार के सिविल सर्जन डॉक्टर मुर्तुजा अली की माने तो अस्पताल में डॉक्टरों की घोर कमी है. हालांकि इन सारी समस्याओं की जानकारी सरकार को दे दी गई है. बावजूद इसके हालात में कोई सुधार नहीं हो रहा है.
जून में होगी डॉक्टरों की बहाली
उन्होनें कहा कि हम सीमित साधन में बेहतर चिकित्सा मरीजों को दे रहे हैं. यहां एमडी एनेस्थेसिया डॉक्टरों की जरूरत है. उम्मीद है कि जून में डॉक्टरों की बहाली की जायेगी जिसके बाद आईसीयू सुचारू रूप से चालू कर दिया जाएगा.