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कटिहार: सदर अस्पताल की लचर व्यवस्था, 8 सालों से बंद पड़ा है ICU

कटिहार सदर अस्पताल का आईसीयू पिछले 8 सालों से बंद पड़ा है जिस कारण मरीजों के काफी परेशानी हो रही है.

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Published : May 30, 2019, 10:40 AM IST

8 सालों से बंद पड़ा है आईसीयू

कटिहार: कटिहार सदर अस्पताल में मरीजों के लिए आईसीयू का निर्माण कराया गया था, लेकिन पिछले 8 वर्षों से संसाधन और डॉक्टरों की कमी के कारण ये बंद पड़ा है. जिस कारण यहां मरीजों का इलाज नहीं हो पाता और उन्हें बेहतर इलाज के लिए जिले से बाहर जाना पड़ता है.

सदर अस्पताल की लचर व्यवस्था
कटिहार सदर अस्पताल की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो रहा है जबकि सूबे की सियासत में इस जिले का अहम योगदान है. खनन मंत्री इसी जिले से हैं. इसके अलावा सत्तारूढ़ दल के सचेतक, बिहार विधान पार्षद भी सत्ताधारी दल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इसके बाद भी सदर अस्पताल में पर्याप्त व्यवस्था नहीं होना एक सवालिया निशान खड़ा करता है.

8 सालों से बंद पड़ा है ICU
8 साल पहले लाखों रुपए खर्च करके इस आईसीयू का निर्माण कारया गया था. लेकिन आजतक ये बंद पड़ा हुआ है. डॉक्टरों की कमी की मार भी मरीजों को आए दिन झेलनी पड़ती है. विशेषज्ञ चिकित्सक और प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारी के अभाव में यह आईसीयू बंद पड़ा हुआ है.

8 सालों से बंद पड़ा है ICU

इलाज के अभाव में होती है मरीजों की मौत
गंभीर मरीजों को यहां के डॉक्टर सिर्फ रेफर करने में ही अपनी भलाई समझते हैं. कई बार यहां इलाज के अभाव यहां आये मरीजों की मौत भी हो जाती है. लाख कोशिशों के बावजूद भी यहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल रही है.

अस्पताल में है डॉक्टरों की घोर कमी
कटिहार के सिविल सर्जन डॉक्टर मुर्तुजा अली की माने तो अस्पताल में डॉक्टरों की घोर कमी है. हालांकि इन सारी समस्याओं की जानकारी सरकार को दे दी गई है. बावजूद इसके हालात में कोई सुधार नहीं हो रहा है.

जून में होगी डॉक्टरों की बहाली

उन्होनें कहा कि हम सीमित साधन में बेहतर चिकित्सा मरीजों को दे रहे हैं. यहां एमडी एनेस्थेसिया डॉक्टरों की जरूरत है. उम्मीद है कि जून में डॉक्टरों की बहाली की जायेगी जिसके बाद आईसीयू सुचारू रूप से चालू कर दिया जाएगा.

कटिहार: कटिहार सदर अस्पताल में मरीजों के लिए आईसीयू का निर्माण कराया गया था, लेकिन पिछले 8 वर्षों से संसाधन और डॉक्टरों की कमी के कारण ये बंद पड़ा है. जिस कारण यहां मरीजों का इलाज नहीं हो पाता और उन्हें बेहतर इलाज के लिए जिले से बाहर जाना पड़ता है.

सदर अस्पताल की लचर व्यवस्था
कटिहार सदर अस्पताल की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो रहा है जबकि सूबे की सियासत में इस जिले का अहम योगदान है. खनन मंत्री इसी जिले से हैं. इसके अलावा सत्तारूढ़ दल के सचेतक, बिहार विधान पार्षद भी सत्ताधारी दल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इसके बाद भी सदर अस्पताल में पर्याप्त व्यवस्था नहीं होना एक सवालिया निशान खड़ा करता है.

8 सालों से बंद पड़ा है ICU
8 साल पहले लाखों रुपए खर्च करके इस आईसीयू का निर्माण कारया गया था. लेकिन आजतक ये बंद पड़ा हुआ है. डॉक्टरों की कमी की मार भी मरीजों को आए दिन झेलनी पड़ती है. विशेषज्ञ चिकित्सक और प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारी के अभाव में यह आईसीयू बंद पड़ा हुआ है.

8 सालों से बंद पड़ा है ICU

इलाज के अभाव में होती है मरीजों की मौत
गंभीर मरीजों को यहां के डॉक्टर सिर्फ रेफर करने में ही अपनी भलाई समझते हैं. कई बार यहां इलाज के अभाव यहां आये मरीजों की मौत भी हो जाती है. लाख कोशिशों के बावजूद भी यहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल रही है.

अस्पताल में है डॉक्टरों की घोर कमी
कटिहार के सिविल सर्जन डॉक्टर मुर्तुजा अली की माने तो अस्पताल में डॉक्टरों की घोर कमी है. हालांकि इन सारी समस्याओं की जानकारी सरकार को दे दी गई है. बावजूद इसके हालात में कोई सुधार नहीं हो रहा है.

जून में होगी डॉक्टरों की बहाली

उन्होनें कहा कि हम सीमित साधन में बेहतर चिकित्सा मरीजों को दे रहे हैं. यहां एमडी एनेस्थेसिया डॉक्टरों की जरूरत है. उम्मीद है कि जून में डॉक्टरों की बहाली की जायेगी जिसके बाद आईसीयू सुचारू रूप से चालू कर दिया जाएगा.

Intro:कटिहार

क्रिटिकल मरीजों के लिए कटिहार सदर अस्पताल में आईसीयू का निर्माण कराया गया था लेकिन पिछले 8 वर्षों से संसाधन और डॉक्टरों की कमी के कारण बंद पड़ा हुआ है। जिस कारण यहां पर मरीजों का इलाज नहीं हो पाता और उन्हें बेहतर इलाज के लिए जिले से बाहर या तो मेडिकल कॉलेज में जाना पड़ता है।


Body:कटिहार सदर अस्पताल की व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है जबकि सूबे की सियासत में इस जिले की महत्वपूर्ण योगदान है। खनन मंत्री इसी जिले से हैं, इसके अलावा सत्तारूढ़ दल के सचेतक, बिहार विधान पार्षद भी सत्ताधारी दल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इसके बाद भी सदर अस्पताल में व्याप्त समस्या का समाधान नहीं होना एक सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।

8 वर्ष पूर्व में लाखों रुपए खर्च कर बनाया गया आईसीयू बंद पड़ा हुआ है। डॉक्टरों की कमी की मार भी मरीजों को आए दिन झेलनी पड़ती है। विशेषज्ञ चिकित्सक व प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारी के अभाव में यह आईसीयू बंद पड़ा हुआ है। आज तक बिहार सरकार से लेकर जिला प्रशासन भी इस सेवा को शुरू नहीं करा सका। गंभीर मरीजों को यहां के डॉक्टर सिर्फ रेफर करने में ही अपना भलाई समझते हैं। इस दौरान कई बार यह हुआ कि इलाज के लिए जाने के दौरान मरीजों की मौत भी हो गई है। कहा जाए कि यहां का आईसीयू कोमा में है तो यह गलत नहीं है। लाख प्रयास के बावजूद यहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल रही है।


Conclusion:वहीं कटिहार के सिविल सर्जन डॉक्टर मुर्तुजा अली बस यही बताते हैं कि अस्पताल में डॉक्टरों की घोर कमी है और अन्य समस्याओं के बारे में सरकार को पत्राचार्य किया है। यह सब कुछ अब सरकार और विभाग के जिम्मे है। हम सीमित साधन में बेहतर चिकित्सा मरीजों को दे रहे हैं। यहां के आईसीयू में विशेषज्ञ चिकित्सक की कमी है। एमडी एनेस्थेसिया डॉक्टर की जरूरत है। एक बार एक डॉक्टर आए भी लेकिन वह भी चले गए और आईसीयू उस वजह से बंद पड़ी हुई है। उम्मीद है जून के महीने से डॉक्टर की बहाली होने के बाद आईसीयू सुचारू रूप से चालू कर दी जाएगी।
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