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बिहार में लापरवाही की हद, बिना बेहोश किए 23 महिलाओं का किया बंध्याकरण ऑपरेशन - खगड़िया में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही

खगड़िया में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही (Negligence of Bihar Health Department) का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि अलौली स्वास्थ्य केंद्र में बंध्याकरण करवाने पहुंची महिलाओं को बिना बेहोश किए ही ऑपरेशन कर दिया गया. मामला संज्ञान में आने के बाद सिविल सर्जन ने कार्रवाई की बात कही है...

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Published : Nov 17, 2022, 10:06 AM IST

खगड़िया: बिहार के खगड़िया में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही (Bihar Health Department) का मामला सामने आया है. अलौली स्वास्थ्य केंद्र में बंध्याकरण ऑपरेशन करवाने पहुंची महिलाओं का ऑपरेशन बिना बेहोश (Surgery Without Anesthesia in Khagaria) किए ही कर दिया गया. गौरतलब है कि सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मिशन '60 डेज' के तहत मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने की कवायद चल रही है. लेकिन खगड़िया में ऐसी घटना स्वास्थ्य विभाग की कुव्यवस्था की पोल खोल रही है. इससे पहले परबत्ता स्वास्थ्य केंद्र पर लापरवाही देखने को मिली थी. जहां एक ही कमरे में जमीन पर लिटाकर ऑपरेशन किया गया था.

ये भी पढ़ें- लापरवाही की हद! एक कमरा और जमीन पर 14 महिलाएं.. बिहार के अस्पताल में ऐसे हुआ बंध्याकरण ऑपरेशन

बिना बेहोश किए कर दिया ऑपरेशन : वहीं अलौली स्वास्थ्य केंद्र में तो हद ही हो गई. विभाग की ओर से 30 महिलाओं के बंध्याकरण ऑपरेशन का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 23 महिलाओं का ऑपरेशन बिना एनेस्थीशिया दिए ही कर दिया गया. दर्द से चीखती कराहती महिलाओं को देखकर 7 महिलाएं वहां से भाग गईं. बताया जा रहा है कि बिना बेहोशी की सुई दिए ही ऑपरेशन कर दिया गया था. इस दौरान महिलाएं ऑपरेशन के समय दर्द से कराहती और चिल्लाती रहीं. लेकिन वहां मौजूद डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी ने उसे नजरअंदाज करते रहे. जबरदस्ती सभी महिलाओं को आपरेशन थियेटर में ले जाकर उनका ऑपरेशन कर दिया गया.

जांच के बाद दोषी को मिलेगी सजा: मामले के बाद खगड़िया सिविल सर्जन ने कहा कि बंध्याकरण के समय मरीज को बेहोशी की सुई देनी चाहिए. यदि ऐसा नहीं हुआ है तो पूरे मामले की जांच करवा कर दोषी पर कार्रवाई की जाएगी. खगड़िया में बीते कुछ दिनों से मरीजों के साथ लापरवाही के कई मामले सामने आए है. जिससे खगड़िया के स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है.

"बंध्याकरण के समय मरीज को बेहोशी की सुई देनी चाहिए. यदि ऐसा नहीं किया गया है तो पूरे मामले की जांच कर दोषी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी".- अमरकांत झा, सिविल सर्जन, खगड़िया

ये भी पढ़ें- लापरवाही की हद: ननद की जगह भाभी का कर दिया बंध्याकरण

क्यों होता है बल्क में ऑपरेशन: आमतौर पर ऐसे ऑपरेशन के लिए महिलाओं की संख्या अस्पताल की क्षमता के मुताबिक तय की जाती है. लेकिन लालच और ज्यादा कमीशन पाने के चक्कर में सभी नियमों की अनदेखी की जाती है. ऐसे में जब कोई अनहोनी होती है तब पूरा प्रशासन कारण जानने के लिए जांच बैठाता है. अमूमन ऐसे हादसों के पीछे ऐसी लापरवाही ही होती है. देखना है कि सिविल सर्जन की जांच कब तक पूरी होती है और ऐसी लापरवाही पर जिम्मेदारी तय करते हैं.

खगड़िया: बिहार के खगड़िया में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही (Bihar Health Department) का मामला सामने आया है. अलौली स्वास्थ्य केंद्र में बंध्याकरण ऑपरेशन करवाने पहुंची महिलाओं का ऑपरेशन बिना बेहोश (Surgery Without Anesthesia in Khagaria) किए ही कर दिया गया. गौरतलब है कि सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मिशन '60 डेज' के तहत मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने की कवायद चल रही है. लेकिन खगड़िया में ऐसी घटना स्वास्थ्य विभाग की कुव्यवस्था की पोल खोल रही है. इससे पहले परबत्ता स्वास्थ्य केंद्र पर लापरवाही देखने को मिली थी. जहां एक ही कमरे में जमीन पर लिटाकर ऑपरेशन किया गया था.

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बिना बेहोश किए कर दिया ऑपरेशन : वहीं अलौली स्वास्थ्य केंद्र में तो हद ही हो गई. विभाग की ओर से 30 महिलाओं के बंध्याकरण ऑपरेशन का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 23 महिलाओं का ऑपरेशन बिना एनेस्थीशिया दिए ही कर दिया गया. दर्द से चीखती कराहती महिलाओं को देखकर 7 महिलाएं वहां से भाग गईं. बताया जा रहा है कि बिना बेहोशी की सुई दिए ही ऑपरेशन कर दिया गया था. इस दौरान महिलाएं ऑपरेशन के समय दर्द से कराहती और चिल्लाती रहीं. लेकिन वहां मौजूद डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी ने उसे नजरअंदाज करते रहे. जबरदस्ती सभी महिलाओं को आपरेशन थियेटर में ले जाकर उनका ऑपरेशन कर दिया गया.

जांच के बाद दोषी को मिलेगी सजा: मामले के बाद खगड़िया सिविल सर्जन ने कहा कि बंध्याकरण के समय मरीज को बेहोशी की सुई देनी चाहिए. यदि ऐसा नहीं हुआ है तो पूरे मामले की जांच करवा कर दोषी पर कार्रवाई की जाएगी. खगड़िया में बीते कुछ दिनों से मरीजों के साथ लापरवाही के कई मामले सामने आए है. जिससे खगड़िया के स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है.

"बंध्याकरण के समय मरीज को बेहोशी की सुई देनी चाहिए. यदि ऐसा नहीं किया गया है तो पूरे मामले की जांच कर दोषी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी".- अमरकांत झा, सिविल सर्जन, खगड़िया

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क्यों होता है बल्क में ऑपरेशन: आमतौर पर ऐसे ऑपरेशन के लिए महिलाओं की संख्या अस्पताल की क्षमता के मुताबिक तय की जाती है. लेकिन लालच और ज्यादा कमीशन पाने के चक्कर में सभी नियमों की अनदेखी की जाती है. ऐसे में जब कोई अनहोनी होती है तब पूरा प्रशासन कारण जानने के लिए जांच बैठाता है. अमूमन ऐसे हादसों के पीछे ऐसी लापरवाही ही होती है. देखना है कि सिविल सर्जन की जांच कब तक पूरी होती है और ऐसी लापरवाही पर जिम्मेदारी तय करते हैं.

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