नई दिल्ली: इन दिनों बागेश्वर धाम बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री खबरों की सुर्खियां बने हुए हैं. जहां हजारों लोग उनके अनुयायी है, वहीं अब उनकी आस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि बागेश्वर धाम बाबा पर अंधविश्वास फैलाने और जादू-टोना को बढ़ावा देने के आरोप लग रहे हैं. इसके साथ ही धीरेंद्रे कृष्ण शास्त्री अपने विवादित बयानों के लिए भी इन दिनों सुर्खियों में हैं. कुछ लोगों का सवाल यह है कि धीरेंद्र कृष्ण बिना भक्तों द्वारा बताए, उनकी समस्याएं कैसे जान लेते हैं और उनका समाधान बता देते हैं.
लेकिन इन सब बातों से अलग अब लोग बागेश्वर धाम बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बारे में जानना चाहते हैं. लोग जानना चाहते हैं कि आखिर वह कहां के रहने वाले हैं और उन्होंने दरबार लगाकर लोगों की समस्याओं का समाधान करना कैसे शुरू किया. तो चलिए यहां हम आपको धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के जीवन का एक छोटा सा परिचय देने जा रहे हैं.
मध्य प्रदेश के छतरपुर में हुआ जन्म
बागेश्वर धाम महाराज के नाम से प्रसिद्ध धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म जुलाई 1996 में मध्य प्रदेश के छतरपुर स्तिथ एक छोटे से गांव में हुआ था. इनके पिता का नाम रामकृपाल गर्ग और माता का नाम सरोज गर्ग है. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को उनके गांव के लोग धीरेंद्र गर्ग के नाम से जानते हैं. धीरेंद्र का परिवार बहुत ही गरीब था और इनके पिता एक पिरोहित थे, जिसकी मदद से ही वह अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे. धीरेंद्र की प्राथमिक शिक्षा उन्हीं के गांव के एक सरकारी स्कूल में हुई. धीरेंद्र ने सिर्फ 12वीं तक की शिक्षा ही हासिल की.
जल्द ही शुरू किया कथा वाचन
अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद ही धीरेंद्र ने अपने गांव में कथा वाचन शुरू कर दिया. शुरुआत में गांव के लोगों के बीच वह कथा वाचन करते थे और धीरे-धीरे उनकी ख्याति आस-पास के गांवों में भी फैलने लगी, जिसके बाद उन्होंने अन्य गांवों में भी कथा वाचन शुरू कर दिया. जानकारी के अनुसार साल 2009 में पहली बार उन्होंने दूसरे गांव में जाकर कथा वाचन किया था. बाद में गढ़ा गांव में स्थित शिवजी के प्राचीन मंदिर, जिसे बागेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, उस मंदिर में उन्होंने अपना स्थान बनाया.
इसके बाद साल 2016 में उन्होंने गांव वालों के सहयोग से एक विशाल यज्ञ का आयोजन करवाया. इसी यज्ञ के दौरान धीरेंद्र कृष्ण ने यहां श्री बालाजी महाराज की एक मूर्ति की स्थापना कराई. इसी के बाद से ही यह स्थान बागेश्वर धाम के नाम से मशहूर होने लगा और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी बागेश्वर धाम महाराज के नाम से पहचान पाने लगे. धीरेंद्र ने यहां कई बार भागवत कथा का आयोजन किया, जिसमें कई जिलों से धर्म प्रेमियों ने आकर हाजिरी लगाई. इसके बाद से ही धीरेंद्र के भक्तों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होने लगी.
गाड़ियों के भी शौकीन हैं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
बागेश्वर धाम महाराज के नाम से प्रख्यात धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री लग्जरी कारों के भी शौकीन हैं. वह कुछ लग्जरी कारों के मालिक हैं, जिनमें टोयोटा फॉर्च्यूनर, टोयोटा इनोवा क्रिस्टा और टाटा सफारी जैसी कारें शामिल हैं. टोयोटा फॉर्च्यूनर उनके काफिले की शान है और वह खुद इस एसयूवी में बैठते हैं. इस कार के अलावा उनके काफिले में कुछ अन्य कारें भी शामिल रहती हैं. इसके अलावा अक्सर अपनी टोयोटा इनोवा क्रिस्टा एमपीवी में सवार होते हुए भी देखा गया है. इसके अलावा टाटा सफारी का इस्तेमाल भी उन्हें कभी-कभार करते हुए देखा गया है.