पटनाः बिहार की राजनीति में इन दिनों में बड़ी हलचल मची हुई है. पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आंनद मोहन डीएम कृष्णैया हत्याकांड में सजा काटकर जेल से बाहर आ चुके हैं और इसी समय सिंगापुर में इलाज कराने के बाद पहली बार आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव आज बिहार आ रहे हैं. वहीं बिहार में आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बड़ी बहस छीड़ी हुई है, सरकार पर जातीय समीकरण को साधने के लिए आनंद मोहन को रिहा करने की बात कही जा रही है, साथ ही विपक्ष सरकार को ये कह कर घेरने में लगा है कि नीतीश कुमार दलित विरोधी कार्य कर रहे हैं. इस सियासी घमासान के बीच लालू यादव का बिहार पहुंचना राजनीति के लिहाज से अहम माना जा रहा है, कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि आनंद मोहन लालू यादव से मुलाकात कर सकते हैं.
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आनंद किस गठबंधन पर जताएंगे भरोसाः इस वक्त सबकी नजर आनंद मोहन की आगे की रणनीति पर टिकी हुई है, जेल से छूठने के बाद आनंद किसी गठबंधन पर अपना भरोसा जताएंगे या फिर अपनी अलग राह चुनेंगे ये कहना अभी मुश्किल है. क्योंकि फिलहाल वो कहां हैं ये भी किसी को पता नहीं है. वैसे सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक आनंद मोहन दहरादून में बेटे चेतन की शादी की तैयारी को लेकर गए हुए हैं, पूरा परिवार अभी इस कार्यक्रम को लेकर मसरूफ है. वैसे चेतन आनंद ने कहा भी है कि 3 मई को शादी के बाद ही कोई बड़ा राजनीतिक फैलसा लिया जाएगा. हालांकि उम्मीद ये जताई जा रही है कि आनंद मोहन महागठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं, जिसे लेकर वो पटना में लालू यादव से मुलाकात कर सकते हैं, लेकिन मीटिंग को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
बेटे की शादी में मसरूफ हैं आनंद मोहनः बता दें कि सहरसा जेल से रिहा होने के बाद वो बिना किसी रैली और धूम-धड़ाके के सीधे अपने गांव पंचगछिया पहुंचे लेकिन वहां किसी से मुलाकत किए गए बिना वो निकल गए. दोपहर 1:30 बजे पूर्व सांसद के समर्थकों को उनकी रिहाई की सूचना दी गई थी, लेकिन पूर्व सांसद को सुबह 6:15 में ही रिहा कर दिया गया था. हालांकि उनके समर्थक जेल के गेट पर आने की सूचना के बाद घंटों इंतजार करते रहे. सदर थाना और यातायात पुलिस भी तैनात रही. बाद में पूर्व सांसद के पुत्र चेतन आनंद और पुत्री सुरभि आनंद ने परिसदन के पास समर्थकों से मिलकर पिता की ओर से लोगों का आभार व्यक्त किया. बेटे चेतन ने बताया कि पिता और माता शुभ कार्य के लिए चले गए हैं और वो लोग भी जाने वाले हैं. इसके बाद विधायक चेतन आनंद के वाहनों का काफिला उनके पैतृक गांव पंचगछिया की ओर चला गया. जहां सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था. इस समारोह में पूर्व सांसद आनंद मोहन शामिल नहीं थे, बेटे चेतन आनंद ने ही समारोह में शिरकत कर लोगों को संबोधित किया और उनका अभार प्रकट किया.
बिहार में राजपूत वोट साधने की कोशिशः राजनीति के लिहाज से बिहार में आनंद मोहन की भूमिका अहम रही है. आनंद मोहन ने एक समय में बिहार पीपुल्स पार्टी बना कर बिहार की राजनीति को अगल दिशा देने की कोशिश की थी. उन्होंने पूरे बिहार में तीसरा मोर्चा खड़ा कर दिया था. उस दौरान उन्होंने जातिगत वोट बैंक को हथियार की तरह इस्तेमाल किया था. राजपूत वोट साधने के लिए आनंद मोहन बिहार की राजनीति में खास जगह रखते हैं. यही वजह है कि नीतीश कुमार ने उनकी रिहाई का रास्ता साफ किया और अब आंनद मोहन महागठबंधन की धार को तेज करने में जुट सकते हैं, उधर बीजेपी में भी आनंद मोहन को साथ लाने की कोशिश हो सकती है, लेकिन फिलहाल ऐसा संभव होता नहीं दिख रहा है, क्योंकि रिहाई को लेकर जिस तरह बीजेपी के कुछ बड़े नेताओं ने यू टर्न लेकर इसका विरोध किया वो सभी ने देखा, हालांकि बीजेपी के गिरिराज सिंह और पूर्व कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सरीखे नेताओं ने इस रिहाई को सही भी ठहराया है और अब खुद बीजेपी इस पर उलझ कर रह गई है, ऐसे में आनंद मोहन साफ तौर पर महागठबंधन की ओर जाते नजर आ रहे हैं. वैसे ये तीन मई को उनके बेटे की शादी के बाद ही पता चलेगा कि पूर्व सांसद का अगला कदम क्या होगा?