ETV Bharat / bharat

जिस चारा घोटाले में लालू गए जेल, उसमें नीतीश और जॉर्ज फर्नांडिस का क्या था रोल? पढ़ें पूरी पटकथा

आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव (RJD President Lalu Yadav) को 5 साल की सजा के बाद एक तरफ जहां चारा घोटाले में नीतीश कुमार की भूमिका (Role of Nitish Kumar in Fodder Scam) पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ जॉर्ज फर्नांडिस का नाम भी उछाला जा रहा है. आखिर दोनों नेताओं की क्या भूमिका थी, क्यों इसको लेकर सूबे की सियासत में चर्चा तेज होने लगी है. पढ़ें ये खास रिपोर्ट...

चारा घोटाले में इनका क्या था रोल
चारा घोटाले में इनका क्या था रोल
author img

By

Published : Feb 25, 2022, 8:23 AM IST

पटना: जब से चारा घोटाला (Fodder Scam Case) से संबंधित डोरंडा ट्रेजरी मामले में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव (RJD President Lalu Yadav) को 5 साल की सजा सुनाई गई है, तब से बिहार में सियासत तेज हो गई है. चारा घोटाले से जुड़े पांच शख्सियत इन दिनों सुर्खियों में हैं. लालू यादव, नीतीश कुमार, शिवानंद तिवारी, जॉर्ज फर्नांडिस और श्याम बिहारी सिन्हा की भूमिका को लेकर सियासी संग्राम छिड़ गया है. 1990 के दशक में पशुपालन घोटाला हुआ और घोटाले को लेकर समता पार्टी और बीजेपी के कुछ नेताओं ने अभियान चलाया था. समता पार्टी की ओर से तब शिवानंद तिवारी, वृषिण पटेल और ललन सिंह एफआईआर दर्ज कराने वालों में थे, जबकि बीजेपी की ओर से सुशील मोदी, रविशंकर प्रसाद और सरयू राय शामिल थे.

ये भी पढ़ें: शिवानंद तिवारी बोले- जॉर्ज फर्नांडीस के कहने पर लालू यादव के खिलाफ किया था FIR

चारा घोटाला पहले कांग्रेस और फिर उसके बाद जनता दल (लालू) के शासनकाल में हुआ. जगन्नाथ मिश्रा और लालू यादव को सजा सुनाई गई. लालू को अब तक पांच मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है. आरजेडी अध्यक्ष घोटाले के केंद्र बिंदु में आ गए, क्योंकि घोटाले के किंगपिन श्याम बहादुर सिन्हा का उनके साथ करीबी रिश्ता था. लालू के रिकमेन्डेशन के कारण ही श्याम बिहारी सिन्हा को एक्सटेंशन मिला था. शिवानंद तिवारी और वृषिण पटेल आज की तारीख में लालू के साथ हैं, जबकि ये दोनों नेता एफआईआर दर्ज कराने वालों में शामिल थे.

देखें रिपोर्ट

दरअसल पूरे अभियान को जॉर्ज फर्नांडिस लीड कर रहे थे. जॉर्ज फर्नांडिस के मार्गदर्शन में ही चारा घोटाला मामले को लेकर न्यायिक लड़ाई लड़ी जा रही थी. आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने जॉर्ज फर्नांडिस को लेकर एक बड़ा खुलासा किया और कहा कि जॉर्ज साहब ने पहले नीतीश कुमार को याचिका पर हस्ताक्षर करने को कहा था, लेकिन उन्होंने अस्वीकार कर दिया था. उनके इंकार करने के बाद फर्नांडिस ने मुझे याचिका पर हस्ताक्षर करने को कहा. तब मैं दिल्ली में था उन्होंने मुझे एक हवाई टिकट भेजा, जिसके बाद मैं पटना लौटा और रविशंकर प्रसाद के घर पर याचिका पर हस्ताक्षर किया. मेरे अलावे सरयू राय, सुशील कुमार मोदी ने याचिका पर हस्ताक्षर किए.

आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी चारा घोटाले में शामिल थे. उन्होंने भी श्याम बिहारी सिन्हा से पैसे लिए थे. शिवानंद तिवारी का बयान नीतीश कुमार के यह कहने पर आया कि जो नेता लालू प्रसाद के खिलाफ याचिका दायर करने में शामिल थे, आज वे लोग ही उनकी पार्टी के सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं और उनके करीब में बैठे हैं. शिवानंद तिवारी ने कहा कि श्याम बिहारी सिन्हा बेशक चारा घोटाले के सरगना थे लेकिन क्या नीतीश कुमार इस बात से इंकार कर सकते हैं कि वह अपने पूरे जीवन काल में श्याम बिहारी से कभी नहीं मिले. मैं उनको चुनौती देकर कह रहा हूं कि नीतीश कुमार के श्याम बिहारी सिन्हा से करीबी रिश्ते थे और उन्हें भी हिस्सेदारी मिली थी.

आपको बता दें कि चारा घोटाला मामले में चाईबासा जिले के उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट ने आरोप लगाया था कि पशुपालन विभाग द्वारा जिला कोषागार से अवैध निकासी की जा रही है. वित्त विभाग के तत्कालीन सचिव वीएस दुबे ने घोटाले ने जांच में पाया कि दुमका, डोरंडा और चाईबासा कोषागार से भी अवैध निकासी की गई है. चारा घोटाले के किंगपिन श्याम बिहारी सिन्हा (Fodder scam kingpin Shyam Bihari Sinha) को जगन्नाथ मिश्रा और फिर लालू यादव ने मदद की. जगन्नाथ मिश्रा जब मुख्यमंत्री थे, तब नेता प्रतिपक्ष के तौर पर लालू यादव ने उनका तबादला रुकवाया था और जब लालू मुख्यमंत्री बन गए तब जगन्नाथ मिश्रा के कहने पर लालू ने उनके तबादले को रोका था.

चारा घाटाला मामले में न्यायिक लड़ाई लड़ने वाले अधिवक्ता वसंत चौधरी ने बताया कि जॉर्ज साहब के दिशा निर्देश पर याचिका दायर की गई थी. मैंने उस केस को लड़ने का काम किया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के कैबिनेट में एक मंत्री हैं, जिन्हें पशुपालन घोटाले में हिस्सेदारी मिली थी. हालांकि उन्होंने उस मंत्री का नाम बताने से इंकार कर दिया.

आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव कहते हैं कि पशुपालन घोटाला मामले में लालू यादव को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेताओं ने साजिश के तहत फंसाने का काम किया है. केस भले ही यूपीए सरकार के समय में दर्ज हुई, लेकिन जांच पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय में पूरी हुई. वे कहते हैं कि उन दिनों श्याम बिहारी सिन्हा ने कहा था कि मैंने नीतीश कुमार को भी पैसा दिया था. ये खबर अखबारों में भी छपी थी और बाद के दिनों में सुशील मोदी ने भी इस आरोप की पुष्टि की थी.

हालांकि जेडीयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि लालू यादव पर जिन लोगों ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, आज वह उनके साथ हैं. जांच के बाद लालू यादव पर आरोप सही पाए गए, तभी कोर्ट से उन्हें सजा मिली है. जेडीयू नेताओं पर आरजेडी के नेता जो भी आरोप लगा रहे हैं, वह बेबुनियाद है.

वहीं, बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा है कि चारा घोटाला मामले में केस दर्ज यूपीए सरकार के समय में हुई थी और पहली बार सजा भी उन्हें तब मिली, जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी. जहां तक बीजेपी-जेडीयू नेताओं के संलिप्तता का सवाल है तो तत्कालीन सरकार चुप क्यों बैठी थी. उनके खिलाफ उन्हें कार्रवाई करनी चाहिए था.

पढ़ें: Fodder Scam: जानें लालू यादव सहित किनको मिली सजा, कितना लगा जुर्माना, पढ़ें पूरा फैसला

लालू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वालों में शामिल रहे वृषिण पटेल फिलहाल आरजेडी में हैं. ईटीवी भारत संवाददाता ने जब उनसे पशुपालन घोटाले को लेकर सवाल किया तो वह गोलमोल जवाब देकर कैमरे से दूर खड़े हो गए. उनका कहना था कि लालू यादव को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है.

पटना: जब से चारा घोटाला (Fodder Scam Case) से संबंधित डोरंडा ट्रेजरी मामले में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव (RJD President Lalu Yadav) को 5 साल की सजा सुनाई गई है, तब से बिहार में सियासत तेज हो गई है. चारा घोटाले से जुड़े पांच शख्सियत इन दिनों सुर्खियों में हैं. लालू यादव, नीतीश कुमार, शिवानंद तिवारी, जॉर्ज फर्नांडिस और श्याम बिहारी सिन्हा की भूमिका को लेकर सियासी संग्राम छिड़ गया है. 1990 के दशक में पशुपालन घोटाला हुआ और घोटाले को लेकर समता पार्टी और बीजेपी के कुछ नेताओं ने अभियान चलाया था. समता पार्टी की ओर से तब शिवानंद तिवारी, वृषिण पटेल और ललन सिंह एफआईआर दर्ज कराने वालों में थे, जबकि बीजेपी की ओर से सुशील मोदी, रविशंकर प्रसाद और सरयू राय शामिल थे.

ये भी पढ़ें: शिवानंद तिवारी बोले- जॉर्ज फर्नांडीस के कहने पर लालू यादव के खिलाफ किया था FIR

चारा घोटाला पहले कांग्रेस और फिर उसके बाद जनता दल (लालू) के शासनकाल में हुआ. जगन्नाथ मिश्रा और लालू यादव को सजा सुनाई गई. लालू को अब तक पांच मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है. आरजेडी अध्यक्ष घोटाले के केंद्र बिंदु में आ गए, क्योंकि घोटाले के किंगपिन श्याम बहादुर सिन्हा का उनके साथ करीबी रिश्ता था. लालू के रिकमेन्डेशन के कारण ही श्याम बिहारी सिन्हा को एक्सटेंशन मिला था. शिवानंद तिवारी और वृषिण पटेल आज की तारीख में लालू के साथ हैं, जबकि ये दोनों नेता एफआईआर दर्ज कराने वालों में शामिल थे.

देखें रिपोर्ट

दरअसल पूरे अभियान को जॉर्ज फर्नांडिस लीड कर रहे थे. जॉर्ज फर्नांडिस के मार्गदर्शन में ही चारा घोटाला मामले को लेकर न्यायिक लड़ाई लड़ी जा रही थी. आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने जॉर्ज फर्नांडिस को लेकर एक बड़ा खुलासा किया और कहा कि जॉर्ज साहब ने पहले नीतीश कुमार को याचिका पर हस्ताक्षर करने को कहा था, लेकिन उन्होंने अस्वीकार कर दिया था. उनके इंकार करने के बाद फर्नांडिस ने मुझे याचिका पर हस्ताक्षर करने को कहा. तब मैं दिल्ली में था उन्होंने मुझे एक हवाई टिकट भेजा, जिसके बाद मैं पटना लौटा और रविशंकर प्रसाद के घर पर याचिका पर हस्ताक्षर किया. मेरे अलावे सरयू राय, सुशील कुमार मोदी ने याचिका पर हस्ताक्षर किए.

आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी चारा घोटाले में शामिल थे. उन्होंने भी श्याम बिहारी सिन्हा से पैसे लिए थे. शिवानंद तिवारी का बयान नीतीश कुमार के यह कहने पर आया कि जो नेता लालू प्रसाद के खिलाफ याचिका दायर करने में शामिल थे, आज वे लोग ही उनकी पार्टी के सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं और उनके करीब में बैठे हैं. शिवानंद तिवारी ने कहा कि श्याम बिहारी सिन्हा बेशक चारा घोटाले के सरगना थे लेकिन क्या नीतीश कुमार इस बात से इंकार कर सकते हैं कि वह अपने पूरे जीवन काल में श्याम बिहारी से कभी नहीं मिले. मैं उनको चुनौती देकर कह रहा हूं कि नीतीश कुमार के श्याम बिहारी सिन्हा से करीबी रिश्ते थे और उन्हें भी हिस्सेदारी मिली थी.

आपको बता दें कि चारा घोटाला मामले में चाईबासा जिले के उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट ने आरोप लगाया था कि पशुपालन विभाग द्वारा जिला कोषागार से अवैध निकासी की जा रही है. वित्त विभाग के तत्कालीन सचिव वीएस दुबे ने घोटाले ने जांच में पाया कि दुमका, डोरंडा और चाईबासा कोषागार से भी अवैध निकासी की गई है. चारा घोटाले के किंगपिन श्याम बिहारी सिन्हा (Fodder scam kingpin Shyam Bihari Sinha) को जगन्नाथ मिश्रा और फिर लालू यादव ने मदद की. जगन्नाथ मिश्रा जब मुख्यमंत्री थे, तब नेता प्रतिपक्ष के तौर पर लालू यादव ने उनका तबादला रुकवाया था और जब लालू मुख्यमंत्री बन गए तब जगन्नाथ मिश्रा के कहने पर लालू ने उनके तबादले को रोका था.

चारा घाटाला मामले में न्यायिक लड़ाई लड़ने वाले अधिवक्ता वसंत चौधरी ने बताया कि जॉर्ज साहब के दिशा निर्देश पर याचिका दायर की गई थी. मैंने उस केस को लड़ने का काम किया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के कैबिनेट में एक मंत्री हैं, जिन्हें पशुपालन घोटाले में हिस्सेदारी मिली थी. हालांकि उन्होंने उस मंत्री का नाम बताने से इंकार कर दिया.

आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव कहते हैं कि पशुपालन घोटाला मामले में लालू यादव को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेताओं ने साजिश के तहत फंसाने का काम किया है. केस भले ही यूपीए सरकार के समय में दर्ज हुई, लेकिन जांच पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय में पूरी हुई. वे कहते हैं कि उन दिनों श्याम बिहारी सिन्हा ने कहा था कि मैंने नीतीश कुमार को भी पैसा दिया था. ये खबर अखबारों में भी छपी थी और बाद के दिनों में सुशील मोदी ने भी इस आरोप की पुष्टि की थी.

हालांकि जेडीयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि लालू यादव पर जिन लोगों ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, आज वह उनके साथ हैं. जांच के बाद लालू यादव पर आरोप सही पाए गए, तभी कोर्ट से उन्हें सजा मिली है. जेडीयू नेताओं पर आरजेडी के नेता जो भी आरोप लगा रहे हैं, वह बेबुनियाद है.

वहीं, बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा है कि चारा घोटाला मामले में केस दर्ज यूपीए सरकार के समय में हुई थी और पहली बार सजा भी उन्हें तब मिली, जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी. जहां तक बीजेपी-जेडीयू नेताओं के संलिप्तता का सवाल है तो तत्कालीन सरकार चुप क्यों बैठी थी. उनके खिलाफ उन्हें कार्रवाई करनी चाहिए था.

पढ़ें: Fodder Scam: जानें लालू यादव सहित किनको मिली सजा, कितना लगा जुर्माना, पढ़ें पूरा फैसला

लालू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वालों में शामिल रहे वृषिण पटेल फिलहाल आरजेडी में हैं. ईटीवी भारत संवाददाता ने जब उनसे पशुपालन घोटाले को लेकर सवाल किया तो वह गोलमोल जवाब देकर कैमरे से दूर खड़े हो गए. उनका कहना था कि लालू यादव को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.