श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Jammu and Kashmir LG Manoj Sinha) ने दो महीने पहले दुबई में निवेशकों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. उसी संयुक्त अरब अमीरात के व्यवसायियों और कंपनी के अधिकारियों का एक 34 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल उसी संदर्भ में यहां निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए कश्मीर की चार दिवसीय यात्रा पर है. प्रतिनिधिमंडल में यूएई के 17 और सऊदी अरब के 2 के व्यवसायी हैं. इसके साथ ही विभिन्न कंपनियों के भारतीय मूल के सीईओ 14 शामिल हैं.
प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को श्रीनगर में एसकेआईसीसी में एक 'इन्वेस्टमेंट समिट' (Investment Summit) में भाग लिया. एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रशासन ने प्रतिनिधिमंडल के साथ 'अच्छी बातचीत' की और सरकार निवेशकों और सीईओ के साथ 'इन अच्छी बातचीत को अमल में लाने के लिए प्रतिबद्ध है.' मनोज सिन्हा ने कहा कि हम यहां कारोबार के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे.
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में खाड़ी देशों की नामी कंपनियों के सीईओ, उद्यमियों और स्टार्टअप प्रतिनिधियों और आयातक-निर्यातकों का यह दौरा जम्मू-कश्मीर और खाड़ी देशों के बीच व्यापार वाणिज्य के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं के प्रति उद्योग जगत के विश्वास को दर्शाता है.
कश्मीर में निवेश के बड़े अवसर : यूएई कारोबारी
यूएई के व्यवसायी अब्दुल्ला अलशाहबानी (Abdullah Alshahbani) ने कहा कि कश्मीर धरती पर स्वर्ग है और व्यवसायी यहां निवेश करने के इच्छुक हैं. उन्होंने कहा कि हमने महसूस किया कि यहां के लोग काफी दयालु हैं, हम आपके बीच सुरक्षित महसूस करते हैं. निवेश के मामले में यहां बड़े अवसर हैं.
प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को पहलगाम का दौरा किया था. इन लोगों ने कश्मीर में पर्यटन और उद्योग क्षेत्र में निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए गुलमर्ग के स्की रिसॉर्ट (ski resort) सहित अन्य पर्यटन स्थलों का भी दौरा किया.
प्रमुख सचिव, उद्योग और वाणिज्य रंजन प्रकाश ठाकुर ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) को क्षेत्र के बदलाव के लिए 'गहन निवेश' की आवश्यकता है, कई बड़ी विकास परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं.
रंजन प्रकाश ठाकुर ने कहा कि यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में घाटी के सफल सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन की प्रतीक है. अमीरात के निवेशक जम्मू-कश्मीर की विशाल निवेश क्षमता को भुनाने के इच्छुक हैं. इस यात्रा से वैश्विक निवेशकों का विश्वास और बढ़ेगा.
उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस यात्रा से हमारे संबंध और गहरे होंगे. 2019 के बाद क्या बदलाव आया इसका उन्हें एहसास होगा. उन्हें पता चलेगा कि हम निवेशकों को आकर्षित करने के लिए क्या प्रोत्साहन दे रहे हैं.'
इस साल जनवरी में जम्मू और कश्मीर सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संयुक्त अरब अमीरात स्थित अल माया ग्रुप, एमएटीयू इन्वेस्टमेंट्स एलएलसी, जीएल एम्प्लॉयमेंट ब्रोकरेज एलएलसी और नून के साथ कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए थे.
अनुच्छेद 35 ए और 370 को निरस्त करने के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि ऐसा करने से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अर्थव्यवस्था और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा. जम्मू कश्मीर निवेशकों के लिए खुल जाएगा.
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