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12-14 साल के बच्चों के लिए कोविड टीकाकरण, केंद्र ने राज्यों को दिए निर्देश

केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि 12 से 14 साल के बच्चों के टीकाकरण के लिए विशेष सत्र आयोजित करें. बुधवार से उनका टीकाकरण शुरू हो रहा है. सुबह नौ बजे से रजिस्ट्रेशन की शुरुआत होगी या फिर टीकाकरण केंद्र पर पहुंचकर भी वैक्सीन लगवाया जा सकता है.

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Published : Mar 15, 2022, 8:21 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने राज्यों से निर्धारित केंद्रों पर समर्पित कोविड-19 टीकाकरण सत्र आयोजित करने और टीका लगाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण देने को कहा है, ताकि 12 से 14 साल के बच्चों के टीकाकरण के दौरान टीकों के मिश्रण से बचा जा सके.

भारत में बुधवार को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के मौके पर 12 से 14 साल के बच्चों का कोविड-19 टीकाकरण शुरू हो जाएगा. इस आयु वर्ग के लाभार्थियों को केवल हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल-ई द्वारा विकसित कोर्बेवैक्स टीका लगाया जाएगा.

लाभार्थी बुधवार सुबह नौ बजे से शुरू हो रहे ऑनलाइन पंजीकरण के अलावा सीधे टीकाकरण केंद्र पर जाकर भी वैक्सीन लगवा सकेंगे. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों से हुई बातचीत में कहा कि 12 से 14 साल के बच्चों के टीकाकरण के दौरान टीकों का मिश्रण न हो, यह सुनिश्चत करने के लिए टीका लगाने वालों और टीकाकरण टीम को प्रशिक्षण देने की जरूरत है.

भूषण ने कहा कि टीकों का मिश्रण रोकने के लिए राज्यों को निर्धारित कोविड-19 टीकाकरण केंद्रों पर समर्पित टीकाकरण सत्र आयोजित करने का निर्देश दिया गया है. स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक, राज्यों से उपलब्ध कोविड-19 टीकों का उनके इस्तेमाल की तिथि के हिसाब से विवेकपूर्ण प्रयोग सुनिश्चित करने को भी कहा गया है.

पू्र्व में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, राज्य टीके की उन शीशियों को बदल सकते हैं, जिनके इस्तेमाल की अवधि जल्द खत्म होने वाली है.

कोर्बेवैक्स (corbevax) टीका मांसपेशियों के जरिये शरीर में पहुंचाया जाएगा और 28 दिनों के भीतर दो खुराक लेनी होगी. इस टीके का भंडारण दो से आठ डिग्री सेल्सियस पर किया जाता है.

लव अग्रवाल ने राज्यों के मुख्य सचिव और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक को लिखे अपने पत्र में कहा, चूंकि कॉर्बेवैक्स वैक्सीन केवल 12 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए स्वीकृत है, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि केवल 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को ही टीका लगाया जाए. मतलब जो 15 मार्च, 2010 को या उससे पहले पैदा हुए हैं उनको टीका दिया जाना चाहिए. टीका लगाने वाले और सत्यापनकर्ता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टीकाकरण की तारीख पर 12 वर्ष से कम उम्र के लाभार्थियों का टीकाकरण नहीं किया गया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि अब 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को बूस्टर खुराक उपलब्ध कराई जा सकती है. भूषण ने कहा, 'इस एहतियाती खुराक में उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी जिन्हें दूसरी खुराक लिए 9 माह से ज्यादा का समय हो चुका है. एहतियाती टीका उसी कंपनी का दिया जाएगा, जिसका टीका पूर्व में दिया गया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार बुधवार से शुरू होने वाले कोविड-19 टीकाकरण के लिए 13 वर्ष की आयु के 12,143 लड़के और 11,327 लड़कियों की पहचान की गई है. इसी तरह 13 वर्ष की आयु वाले 12,250 लड़के और 11,423 लड़कियों को 28 दिनों के अंतराल पर कॉर्बेवैक्स की दो खुराक दी जाएगी. इसमें सबसे ज्यादा बच्चे उत्तर प्रदेश के हैं.

ये भी पढे़ं : देश टीकाकरण कार्यक्रम की वजह से कोरोना की तीसरी लहर से निपट सका : मंडाविया

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने राज्यों से निर्धारित केंद्रों पर समर्पित कोविड-19 टीकाकरण सत्र आयोजित करने और टीका लगाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण देने को कहा है, ताकि 12 से 14 साल के बच्चों के टीकाकरण के दौरान टीकों के मिश्रण से बचा जा सके.

भारत में बुधवार को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के मौके पर 12 से 14 साल के बच्चों का कोविड-19 टीकाकरण शुरू हो जाएगा. इस आयु वर्ग के लाभार्थियों को केवल हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल-ई द्वारा विकसित कोर्बेवैक्स टीका लगाया जाएगा.

लाभार्थी बुधवार सुबह नौ बजे से शुरू हो रहे ऑनलाइन पंजीकरण के अलावा सीधे टीकाकरण केंद्र पर जाकर भी वैक्सीन लगवा सकेंगे. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों से हुई बातचीत में कहा कि 12 से 14 साल के बच्चों के टीकाकरण के दौरान टीकों का मिश्रण न हो, यह सुनिश्चत करने के लिए टीका लगाने वालों और टीकाकरण टीम को प्रशिक्षण देने की जरूरत है.

भूषण ने कहा कि टीकों का मिश्रण रोकने के लिए राज्यों को निर्धारित कोविड-19 टीकाकरण केंद्रों पर समर्पित टीकाकरण सत्र आयोजित करने का निर्देश दिया गया है. स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक, राज्यों से उपलब्ध कोविड-19 टीकों का उनके इस्तेमाल की तिथि के हिसाब से विवेकपूर्ण प्रयोग सुनिश्चित करने को भी कहा गया है.

पू्र्व में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, राज्य टीके की उन शीशियों को बदल सकते हैं, जिनके इस्तेमाल की अवधि जल्द खत्म होने वाली है.

कोर्बेवैक्स (corbevax) टीका मांसपेशियों के जरिये शरीर में पहुंचाया जाएगा और 28 दिनों के भीतर दो खुराक लेनी होगी. इस टीके का भंडारण दो से आठ डिग्री सेल्सियस पर किया जाता है.

लव अग्रवाल ने राज्यों के मुख्य सचिव और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक को लिखे अपने पत्र में कहा, चूंकि कॉर्बेवैक्स वैक्सीन केवल 12 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए स्वीकृत है, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि केवल 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को ही टीका लगाया जाए. मतलब जो 15 मार्च, 2010 को या उससे पहले पैदा हुए हैं उनको टीका दिया जाना चाहिए. टीका लगाने वाले और सत्यापनकर्ता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टीकाकरण की तारीख पर 12 वर्ष से कम उम्र के लाभार्थियों का टीकाकरण नहीं किया गया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि अब 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को बूस्टर खुराक उपलब्ध कराई जा सकती है. भूषण ने कहा, 'इस एहतियाती खुराक में उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी जिन्हें दूसरी खुराक लिए 9 माह से ज्यादा का समय हो चुका है. एहतियाती टीका उसी कंपनी का दिया जाएगा, जिसका टीका पूर्व में दिया गया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार बुधवार से शुरू होने वाले कोविड-19 टीकाकरण के लिए 13 वर्ष की आयु के 12,143 लड़के और 11,327 लड़कियों की पहचान की गई है. इसी तरह 13 वर्ष की आयु वाले 12,250 लड़के और 11,423 लड़कियों को 28 दिनों के अंतराल पर कॉर्बेवैक्स की दो खुराक दी जाएगी. इसमें सबसे ज्यादा बच्चे उत्तर प्रदेश के हैं.

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