छपरा: लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah Bihar Visit) ने सिताब दियारा (Amit Shah Sitab Diara Visits In Bihar) में जेपी की प्रतिमा का अनावरण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने जेपी की मूर्ति लगाने का निर्णय कैबिनेट में लिया था, जो आज पूरा हो रहा है. वहीं, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह क्रांति की भूमि रही है. मेरा विचार रहा है कि बिहार सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार मिलकर नदी की गाद को साफ करे और दोनों राज्यों के बीच जल परिवहन का विकास हो.
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अमित शाह का लालू व नीतीश पर निशाना: सिताब दियारा में अमित शाह ने कहा कि हमने एक नारा सुना था 'अंधेरे में एक प्रकाश, जय प्रकाश...जय प्रकाश'. जेपी ने सत्ता का कभी मोह नहीं किया लेकिन लालू यादव-नीतीश कुमार वहीं कर रहे हैं. शाह ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोग सत्ता के लिए 5-5 बार पाला बदल देते हैं. ऐसे लोगों को जनता सबक सिखाएगी.
'... तो आंदोलन से इंदिरा के पसीने छूट गए' : अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि जय प्रकाश ने समाजवाद व जाति विहीन समाज की परिकल्पना की थी. आजादी के बाद सत्ता में आने के बदले उन्होंने सत्ता से दूरी बनाई. इंदिरा गांधी के भ्रष्टाचार के खिलाफ गुजरात में आंदोलन किया और वहां सरकार बदल गई. बिहार में पटना के गांधी मैदान से शुरू हुआ आंदोलन, जिससे इंदिरा गांधी के पसीने छूट गए. सत्ता के बाहर रहकर परिवर्तन कैसे किया जाता है, इसका उदाहरण लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने दिया.
''आखिर में मैं यह कहना चाहता हूं कि बिहार की जनता को तय करना है कि जेपी की राह पर चलने वाली नरेंद्र मोदी की सरकार चाहिए या उनके सिद्धांतों से भटक चुके लोगों की.'' - अमित शाह, केन्द्रीय गृहमंत्री
''संपूर्ण क्रांति के नारे को सफल बनाने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. घर-घर बिजली पहुंचाने का काम बीजेपी सरकार ने की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वोदय और समाजवादी की विचारधारा को आगे बढ़ाया है. लोकनायक जयप्रकाश नारायण के कारण ही देश में गैर कांग्रेस सरकार बनी.'' - अमित शाह, केन्द्रीय गृहमंत्री
जेपी ने हम सबका मार्गदर्शन किया : उन्होंने कहा कि मैं गुजरात से आता हूं और गुजरात से इंदिरा गांधी का विरोध लोकनायक जयप्रकाश के नेतृत्व में शुरू हुआ. जेपी ने हम सबका मार्गदर्शन किया. देश में सरकारी भ्रष्टाचार और तानाशाही के खिलाफ जो मुहिम जेपी ने शुरू की थी, वो आज तक हम लोग जारी रखे हुए हैं. मोदी जी के नेतृत्व में जो सरकार चल रही है वो जेपी के सिद्धांतों पर ही आगे बढ़ रही है.
योगी ने उठाया बिहार में बाढ़ का मुद्दा: यूपी के सीएम ने कहा कि पहले यूपी में भी ऐसी स्थिति थी लेकिन अब सिर्फ 2 से 3 जिले बचे हैं जहां 1 या 2 साल में ये समस्या खत्म कर दी जाएगी. बाढ़ की समस्या के समाधान के लिए जल्द मजबूत पहल की जाएगी. बिहार के युवाओं को वर्तमान बिहार सरकार भटका रही है.
''स्वतंत्रता के बाद जयप्रकाश नारायण जी ने देश को नेतृत्व देने का काम किया. देश 1947 में आजाद हुआ, लेकिन बलिया ने तो पांच साल पहले ही खुद को आजाद कर लिया था. यह क्रांति की भूमि रही है. मेरा विचार रहा है कि बिहार सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार मिलकर नदी की गाद को साफ करे और दोनों राज्यों के बीच जल परिवहन का विकास हो.'' - योगी आदित्यनाथ, यूपी सीएम
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ का संबोधन: कार्यक्रम में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, मैं गृहमंत्री का बिहार व यूपी की जनता की ओर से अभिनंनदन करता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेपी के सपनों को सच करने का काम किया है. योगी ने कहा कि ने कहा कि बिहार लोकतंत्र को खत्म होते नहीं देख सकता. जब-जब लोकतंत्र पर हमला हुआ है, बिहार ने उसके खिलाफ आंदोलन किया है. स्वतंत्रता के बाद जयप्रकाश जी ने देश को नेतृत्व देने का काम किया. जेपी ने पराधीन भारत में क्रांति की लौ जगाई थी.
''जो लोग जयप्रकाश व लोहिया के नाम पर राजनीति करते रहे हैं, उनके कारनामों को पूरा देश जान रहा है. बेइमानी व भ्रष्टाचार बिहार की प्रतिभाओं को आगे बढ़ने से रोकतीं है. राजनीति में अपराधीकरण विकास में बाधक है. बेईमानी और भ्रष्टाचार ने बिहार के युवाओं को आगे बढ़ने से रोका है.'' - योगी आदित्यनाथ, यूपी सीएम
सुशील मोदी का संबोधन: समारोह में बीजेपी नेता व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि, बिहार की महागठबंधन सरकार अमित शाह से डरती है.
शाह ने जेपी की प्रतिमा का किया अनावरण: गृहमंत्री अमित शाह जेपी जयंती के मौके पर सिताब दियारा पहुंचे. शाह मंच पर पहुंच गए हैं. अमित शाह ने 14 फुट ऊंची जेपी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. साथ ही, जेपी की प्रतिमा का यहां अनावरण किया. साथ में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद.
अमित शाह का बिहार में दूसरा कार्यक्रम: पिछले महीने अमित शाह सीमांचल के दौरे पर आए थे और उस समय भी खूब सियासत हुई थी. जदयू के नेताओं ने कई तरह के आरोप लगाए थे. माहौल खराब करने तक का भी आरोप लगाया था और जल्द ही पूर्णिया में रैली कर अमित शाह को जवाब देने की बात भी कही थी. अभी पूर्णिया रैली का जवाब भी जदयू नहीं दे पाई थी और अमित शाह का दूसरा कार्यक्रम भी बिहार में बन गया है और वह भी जेपी जयंती 11 अक्टूबर पर यह कार्यक्रम हो रहा है.
जेपी की जयंती में खूब होगी सियासत!: नीतीश कुमार अपने को जेपी का अनुयायी और शिष्य बताते रहे हैं. जेपी के आंदोलन की उपज बताते रहे हैं और जेपी की जयंती के मौके पर उनकी जन्मस्थली सिताब दियारा पहुंचे. वहीं अमित शाह के आने को लेकर जदयू खेमे की परेशानी बढ़ी हुई है. ऐसे नीतीश कुमार ने अमित शाह के दौरे से पहले शुक्रवार को सिताब दियारा में जेपी स्मृति भवन सह पुस्तकालय का लोकार्पण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया और 8 अक्टूबर को जेपी की पुण्यतिथि पर सिताब दियारा का दौरा किया. कहीं न कहीं डैमेज कंट्रोल करने की अभी से शुरुआत हो गई है.
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