नई दिल्ली: शीतकालीन सत्र में सोमवार का दिन संसद में ऐतिहासिक दिन रहा. दोनों सदनों में लगातार हंगामा करने के बाद लोकसभा और राज्यसभा दोनों से विपक्ष के काफी सांसदों को निलंबित किया गया. बता दें कि सोमवार को लोकसभा से 33 और राज्यसभा से 45 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया. इससे पहले राज्यसभा से 1 सांसद को निलंबित किया गया था. इसे मिलाकर राज्यसभा से अब कुल 46 सांसदों को निलंबित किया गया है.
वहीं दूसरी ओर लोकसभा से सोमवार को 33 सांसदों को निलंबित किया गया, जबकि 13 सांसदों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है, जिसके बाद इनकी कुल संख्या 46 हो गई है. मतलब दोनों सदनों से कुल 92 सदस्य निलंबित किए जा चुके हैं. यदि देखा जाए तो सबसे ज्यादा तृणमूल कांग्रेस के सांसद निलंबित किए गए हैं. इस मुद्दे पर निलंबित सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्र सरकार पर करारा प्रहार किया है.
कल्याण बनर्जी ने कहा कि हमारी डिमांड सिर्फ गृह मंत्री का बयान था, लेकिन गृह मंत्री ने बयान नहीं दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने संसद में बयान ना देकर बनारस में जाकर एक हिंदी अखबार को बयान दिया. कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने आखिर बाकी अखबारों को क्यों बयान नहीं दिया, क्यों वो प्रेस कांफ्रेंस नहीं करते.
टीएमसी सांसद ने सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि संसद की नई बिल्डिंग काफी डिफेक्टिव है. सांसदों और विज़िटर्स के बीच एक फर्लांग की भी दूरी नहीं रहती. उन्होंने कहा कि पीएम मीडिया पिक और चूज़ कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी की यही गारंटी है कि देश से विपक्ष को खत्म करना है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस नई संसद में एक पानी की बॉटल के लिए भी दूर जाना पड़ता है. गैलरी में कोई भी कूद सकता है, एक फीट की भी दूरी नहीं है.
उन्होंने आरोप लगाया कि नई संसद में 90 दिन के अंदर ही हमला हुआ, मगर सत्ताधारी पार्टी कुछ नहीं बोल रही. कल्याण बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि टीएमसी की एक सांसद महुआ मोइत्रा अगर संसद की सुरक्षा के लिए खतरा थीं, तो उस सांसद के खिलाफ भी करवाई करनी चाहिए, जिस बीजेपी सांसद ने पास दिया. उनके खिलाफ कारवाई इसलिए नहीं की जा रही है, क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी पर किताब लिखी है.