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गुजरात: कच्छ में महिलाओं ने किया शवों का अंतिम संस्कार, चिता को दी अग्नि

गुजरात में कोरोना से मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है, जिसके चलते शहर के श्मशान घाट शवों के अंतिम संस्कार में व्यस्त हैं. इस दौरान कई शव ऐसे भी हैं, जिनका अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं है, ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की महिला कार्यकर्ताए हिंदू परंपरा के अनुसार शवों का अंतिम संस्कार कर रही हैं.

अंतिम संस्कार
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Published : Apr 20, 2021, 2:00 PM IST

Updated : Apr 20, 2021, 9:41 PM IST

अहमदाबाद : गुजरात में कोरोना के नए मामले और मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. शहर के सभी श्मशान घाट शवों के अंतिम संस्कार में व्यस्त हैं. हालात यह है कि बढ़ती शवों की संख्या के चलते श्मशान घाटों में नंबर लगाए जा रहे हैं. इस दौरान कई शव ऐसे भी हैं, जिनका अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं है, ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की महिला कार्यकर्ताए हिंदू परंपरा के अनुसार शवों का अंतिम संस्कार कर रही हैं. इसके लिए महिला कार्यकर्ताओं की हर तरफ तारीफ की जा रही है.

महिलाओं ने किया शवों का अंतिम संस्कार

गुजरात के कच्छ में कोरोना के प्रकोप से मृत्यु दर काफी बढ़ गई है. शहर के सभी श्मशान घाट शवों के अंतिम संस्कार में व्यस्त हैं. अंतिम संस्कार के लिए यहां लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं. इस बीच सेवा के भाव से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता हिना रामजीभाई वेलानी अपनी अन्य कार्यकर्ताओं के साथ शमशान घाट पहुंची और वहां की सफाई की, ताकि अंतिम संस्कार में कोई दिक्कत न हो.

पढ़ें- वलसाड: शवगृह में तीन दिनों से रखें हैं 30 से अधिक शव, परिजनों को करना पड़ रहा इंतजार

रामजीभाई वेलानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, उन्हें अचानक भुज तालुका विकास अधिकारी का फोन आया कि भुज के अस्पतालों में कोरोना से मरने वाले लोगों का दाह संस्कार तुरंत शुरू करना होगा. उन्होंने बताया कि जैसे ही कोई अंतिम संस्कार के लिए आता है, आरएसएस कार्यकर्ता साफ-सफाई करने में जुट जाती हैं.

इस दौरान आरएसएस कार्यकर्ता दाह संस्कार करने से पहले किट पहनती है और बिना किसी हिचकिचाहट के शवों पर लकड़ी रख पूरी रीति रिवाज के साथ दाह संस्कार करती हैं. हालांकि, हिंदू धर्म में महिलाएं श्मशान घाट नहीं जाती हैं. इसके बावजूद हिना सबके लिए प्रेरणा बन रही हैं.

अहमदाबाद : गुजरात में कोरोना के नए मामले और मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. शहर के सभी श्मशान घाट शवों के अंतिम संस्कार में व्यस्त हैं. हालात यह है कि बढ़ती शवों की संख्या के चलते श्मशान घाटों में नंबर लगाए जा रहे हैं. इस दौरान कई शव ऐसे भी हैं, जिनका अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं है, ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की महिला कार्यकर्ताए हिंदू परंपरा के अनुसार शवों का अंतिम संस्कार कर रही हैं. इसके लिए महिला कार्यकर्ताओं की हर तरफ तारीफ की जा रही है.

महिलाओं ने किया शवों का अंतिम संस्कार

गुजरात के कच्छ में कोरोना के प्रकोप से मृत्यु दर काफी बढ़ गई है. शहर के सभी श्मशान घाट शवों के अंतिम संस्कार में व्यस्त हैं. अंतिम संस्कार के लिए यहां लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं. इस बीच सेवा के भाव से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता हिना रामजीभाई वेलानी अपनी अन्य कार्यकर्ताओं के साथ शमशान घाट पहुंची और वहां की सफाई की, ताकि अंतिम संस्कार में कोई दिक्कत न हो.

पढ़ें- वलसाड: शवगृह में तीन दिनों से रखें हैं 30 से अधिक शव, परिजनों को करना पड़ रहा इंतजार

रामजीभाई वेलानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, उन्हें अचानक भुज तालुका विकास अधिकारी का फोन आया कि भुज के अस्पतालों में कोरोना से मरने वाले लोगों का दाह संस्कार तुरंत शुरू करना होगा. उन्होंने बताया कि जैसे ही कोई अंतिम संस्कार के लिए आता है, आरएसएस कार्यकर्ता साफ-सफाई करने में जुट जाती हैं.

इस दौरान आरएसएस कार्यकर्ता दाह संस्कार करने से पहले किट पहनती है और बिना किसी हिचकिचाहट के शवों पर लकड़ी रख पूरी रीति रिवाज के साथ दाह संस्कार करती हैं. हालांकि, हिंदू धर्म में महिलाएं श्मशान घाट नहीं जाती हैं. इसके बावजूद हिना सबके लिए प्रेरणा बन रही हैं.

Last Updated : Apr 20, 2021, 9:41 PM IST
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