चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन (Tamil Nadu Chief Minister M. K. Stalin) ने बिजली अधिनियम, 2003 में प्रस्तावित संशोधनों को स्थगित करने के अनुरोध के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को एक पत्र लिखा है.
प्रधानमंत्री को संबोधित पत्र में स्टालिन ने विद्युत अधिनियम, 2003 में प्रस्तावित संशोधनों को स्थगित करने का अनुरोध किया है. उन्होंने इसके लिए तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि राज्य में DISCOMS (ड्रिस्ट्रीब्यूशन कंपनी) के हानिकारक प्रभाव पड़ेंगे. उन्होंने कहा कि इस संशोधन विधेयक में आवेदन के 60 दिन के बाद ही वितरण कंपनी और ऐसी कोई भी कंपनी बिजली के वितरण क्षेत्र को लाइसेंस देने का प्रस्ताव करता है.
सीएम स्टालिन ने कहा है कि यह कदम निजी कंपनियों को चुनिंदा उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति करने के लिए बेलगाम पहुंच प्रदान करेगा. साथ ही उन्हें सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनियों के पहले से निर्धारित वितरण नेटवर्क का उपयोग करने में भी सक्षम बनाएगा. जबकि राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ऐसे नेटवर्क में निवेश का बोझ उठाते हैं, इन निजी कंपनियों को बिना किसी निवेश या इसे बनाए रखने की जिम्मेदारी के बिना इसका उपयोग करने की अनुमति दी जा रही है.
ये भी पढ़ें - बीजेपी संसदीय दल की बैठक: पीएम मोदी ने संसद नहीं आने वाले सांसदों को लगाई फटकार
इसके अलावा, ऐसी नई निजी वितरण कंपनियां व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य क्षेत्रों में सभी उच्च मूल्य वाले ग्राहकों तक चुनिंदा रूप से पहुंचने में सक्षम होंगी. यह उन्हें बिना किसी सामाजिक दायित्वों के लाभ का अधिकार देने के समान होगा. जबकि राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उपयोगिताओं को उपभोक्ताओं की सब्सिडी वाली श्रेणियों और आर्थिक रूप से पिछड़े / ग्रामीण क्षेत्रों की सेवा के लिए बिजली की आपूर्ति के दायित्व के साथ छोड़ दिया गया है. पत्र में यह भी कहा गया है कि इस अधिनियम/निर्देशों या आयोग के आदेश के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर धारा 142 के तहत लगाया जाने वाला जुर्माना भी अधिक है.