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स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2022 पुरस्कार: तेलंगाना ने जीता पहला पुरस्कार - स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण

स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2022 (Swachh Survekshan Grameen 2022 awards) का प्रथम पुरस्कार तेलंगाना ने जीता है. हरियाणा दूसरे और तमिलनाडु तीसरे स्थान पर रहा.

Swachh Survekshan Grameen 2022 awards
स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2022 पुरस्कार
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Published : Oct 2, 2022, 7:45 PM IST

नई दिल्ली : तेलंगाना ने बड़े राज्यों की श्रेणी में स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2022 का पहला पुरस्कार जीता है. हरियाणा दूसरे और तमिलनाडु तीसरे स्थान पर रहा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुरस्कार प्रदान किए. यह पुरस्कार ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता की स्थिति के परिप्रेक्ष्य में दिया गया है.

छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, अंडमान और निकोबार ने पहला स्थान हासिल किया, उसके बाद दादरा और नागर हवेली तथा दमन एवं दीव और सिक्किम ने दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया. इस अवसर पर मुर्मू ने स्वच्छ, स्वस्थ और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया.

मुर्मू ने कहा, 'जल जीवन मिशन की शुरुआत के समय, केवल 3.23 करोड़ ग्रामीण घरों में नल के पानी की आपूर्ति थी, जो तीन वर्षों में बढ़कर 10.27 करोड़ हो गई है. हाल के वर्षों में नल के पानी की पहुंच से जल-जनित बीमारियों में उल्लेखनीय कमी आई है. लेकिन हमारा लक्ष्य बहुत बड़ा है. हमें जल प्रबंधन और स्वच्छता के क्षेत्र में दुनिया के सामने एक मिसाल कायम करनी है.' राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर रविवार को पुरस्कार दिए गए.

नई दिल्ली : तेलंगाना ने बड़े राज्यों की श्रेणी में स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2022 का पहला पुरस्कार जीता है. हरियाणा दूसरे और तमिलनाडु तीसरे स्थान पर रहा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुरस्कार प्रदान किए. यह पुरस्कार ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता की स्थिति के परिप्रेक्ष्य में दिया गया है.

छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, अंडमान और निकोबार ने पहला स्थान हासिल किया, उसके बाद दादरा और नागर हवेली तथा दमन एवं दीव और सिक्किम ने दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया. इस अवसर पर मुर्मू ने स्वच्छ, स्वस्थ और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया.

मुर्मू ने कहा, 'जल जीवन मिशन की शुरुआत के समय, केवल 3.23 करोड़ ग्रामीण घरों में नल के पानी की आपूर्ति थी, जो तीन वर्षों में बढ़कर 10.27 करोड़ हो गई है. हाल के वर्षों में नल के पानी की पहुंच से जल-जनित बीमारियों में उल्लेखनीय कमी आई है. लेकिन हमारा लक्ष्य बहुत बड़ा है. हमें जल प्रबंधन और स्वच्छता के क्षेत्र में दुनिया के सामने एक मिसाल कायम करनी है.' राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर रविवार को पुरस्कार दिए गए.

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(पीटीआई-भाषा)

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