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पटना में डॉक्टरों ने कैंसर पीड़ित महिला का किया सफल ऑपरेशन - Successful operation by cutting liver in Patna

पटना में डॉक्टरों ने एक कैंसर पीड़ित को मौत के मुंह से बाहर निकाला. 6 घंटे चली सर्जरी में मरीज के लीवर का 60 प्रतिशत से अधिक दांया भाग काटकर निकाला गया. डॉक्टरों ने बताया की महिला अब तेजी से स्वस्थ हो रही है.

Successful operation by cutting liver in Patna
पटना के डॉक्टरों का कमाल
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Published : Feb 27, 2022, 10:48 AM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना में डॉक्टरों ने एक कैंसर पीड़ित को मौत के मुंह से बाहर निकाला. यहां एक कैंसर पीड़ित महिला के लीवर को ऑपरेट कर पटना के पारस अस्पताल के डॉक्टरों ने जान बचाई. इस बात को लेकर अस्पताल के निदेशक डॉ एए हई ने शनिवार को अस्पताल में प्रेस वार्ता की. इस दौरान मरीज का इलाज करने वाले दोनों चिकित्सक डॉ नितिन कुमार और डॉक्टर आकांक्षा बाजपेई भी मौजूद रहीं. गैस्ट्रो सर्जन डॉक्टर नितिन कुमार ने बताया कि मोतिहारी की रहने वाली 65 वर्षीय रजिया खातून को पित्त की थैली का कैंसर था. इस कैंसर ने लीवर के दाएं भाग के रक्त आपूर्ति तंत्र और पित्त की नली को अपनी चपेट में ले लिया था.

उन्होंने बताया कि कैंसर मरीज को इलाज करने में काफी चुनौतियां थीं क्योंकि मरीज में पहले से ही पीलिया के लक्षण थे. वहीं गांठ भी बहुत बड़ी थी, जिस कारण तुरंत सर्जरी नहीं की जा सकती थी. डॉ नितिन कुमार ने बताया कि पीलिया के वजह से कीमोथेरेपी भी नहीं की जा सकती थी. ऐसे में उनकी टीम ने लीवर के बाएं हिस्से को पक्रयूटेनियस ट्रांसहेपेटिक पित्त ड्रेनेज नली द्वारा बाहर की ओर बहाव किया गया. इससे पिक्चर शरीर से बाहर निकलने लगा और कुछ दिनों में पीलिया कम हो गया. इसके बाद महिला की अल्ट्रासाउंड विधि से बायोप्सी जांच हुई, जिसमें कैंसर का पता लगा.

पटना में डॉक्टरों ने कैंसर पीड़ित को बचाया

बाद में महिला को 4 साइकिल में कीमोथेरेपी दी गई. इससे गांठ का आकार कम हुआ जिसके बाद 6 घंटे चली सर्जरी में मरीज के लीवर का 60 प्रतिशत से अधिक दांया भाग काटकर निकाला गया. डॉक्टरों ने बताया की महिला अब तेजी से स्वस्थ हो रही है. उन्होंने बताया कि लीवर शरीर में एक ऐसा अंग है जिसका कुछ हिस्सा काटने के बाद भी यह पुनः 2 से 3 महीने में खुद को पूरे आकार में विकसित कर लेता है.

ये भी पढ़ें-देवली में शराब ठेके के विरोध में अनशन, डॉक्टरों की टीम ने अनशनकारियों का हेल्थ चेकअप किया

इस मौके पर लीवर क्लिनिक की शुरुआत भी की गई. इसके बारे में अस्पताल के डायरेक्टर जनरल सर्जरी डॉ एए हई ने बताया कि बिहार में लीवर की बीमारियां बहुत तेजी से बढ़ रहीं हैं. जिसका मुख्य कारण है शराब, डायबिटीज, फैटी लीवर और हेपेटाइटिस. उन्होंने यह भी बताया की गंगा के तटीय इलाकों में लीवर की समस्याएं अधिक हैं. ऐसे में लीवर से जुड़ी हर बीमारी का बेहतर इलाज हो सके इसको लेकर के अस्पताल में लीवर क्लीनिक की शुरुआत की गई है. आने वाले दिनों में लीवर की हर तरह की बीमारी का इलाज और सर्जरी यहां उपलब्ध होगी.

पटना: बिहार की राजधानी पटना में डॉक्टरों ने एक कैंसर पीड़ित को मौत के मुंह से बाहर निकाला. यहां एक कैंसर पीड़ित महिला के लीवर को ऑपरेट कर पटना के पारस अस्पताल के डॉक्टरों ने जान बचाई. इस बात को लेकर अस्पताल के निदेशक डॉ एए हई ने शनिवार को अस्पताल में प्रेस वार्ता की. इस दौरान मरीज का इलाज करने वाले दोनों चिकित्सक डॉ नितिन कुमार और डॉक्टर आकांक्षा बाजपेई भी मौजूद रहीं. गैस्ट्रो सर्जन डॉक्टर नितिन कुमार ने बताया कि मोतिहारी की रहने वाली 65 वर्षीय रजिया खातून को पित्त की थैली का कैंसर था. इस कैंसर ने लीवर के दाएं भाग के रक्त आपूर्ति तंत्र और पित्त की नली को अपनी चपेट में ले लिया था.

उन्होंने बताया कि कैंसर मरीज को इलाज करने में काफी चुनौतियां थीं क्योंकि मरीज में पहले से ही पीलिया के लक्षण थे. वहीं गांठ भी बहुत बड़ी थी, जिस कारण तुरंत सर्जरी नहीं की जा सकती थी. डॉ नितिन कुमार ने बताया कि पीलिया के वजह से कीमोथेरेपी भी नहीं की जा सकती थी. ऐसे में उनकी टीम ने लीवर के बाएं हिस्से को पक्रयूटेनियस ट्रांसहेपेटिक पित्त ड्रेनेज नली द्वारा बाहर की ओर बहाव किया गया. इससे पिक्चर शरीर से बाहर निकलने लगा और कुछ दिनों में पीलिया कम हो गया. इसके बाद महिला की अल्ट्रासाउंड विधि से बायोप्सी जांच हुई, जिसमें कैंसर का पता लगा.

पटना में डॉक्टरों ने कैंसर पीड़ित को बचाया

बाद में महिला को 4 साइकिल में कीमोथेरेपी दी गई. इससे गांठ का आकार कम हुआ जिसके बाद 6 घंटे चली सर्जरी में मरीज के लीवर का 60 प्रतिशत से अधिक दांया भाग काटकर निकाला गया. डॉक्टरों ने बताया की महिला अब तेजी से स्वस्थ हो रही है. उन्होंने बताया कि लीवर शरीर में एक ऐसा अंग है जिसका कुछ हिस्सा काटने के बाद भी यह पुनः 2 से 3 महीने में खुद को पूरे आकार में विकसित कर लेता है.

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इस मौके पर लीवर क्लिनिक की शुरुआत भी की गई. इसके बारे में अस्पताल के डायरेक्टर जनरल सर्जरी डॉ एए हई ने बताया कि बिहार में लीवर की बीमारियां बहुत तेजी से बढ़ रहीं हैं. जिसका मुख्य कारण है शराब, डायबिटीज, फैटी लीवर और हेपेटाइटिस. उन्होंने यह भी बताया की गंगा के तटीय इलाकों में लीवर की समस्याएं अधिक हैं. ऐसे में लीवर से जुड़ी हर बीमारी का बेहतर इलाज हो सके इसको लेकर के अस्पताल में लीवर क्लीनिक की शुरुआत की गई है. आने वाले दिनों में लीवर की हर तरह की बीमारी का इलाज और सर्जरी यहां उपलब्ध होगी.

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