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नरेंद्र मोदी बताएं 2024 के लिए पीएम का चेहरा कौन होगा : स्वामी - चीन मुद्दे पर स्वामी

भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि चीन पर सरकार के एक्शन से वे खुश नहीं है. मोदी सरकार ने चीन को भारतीय सीमा के अंदर क्यों आने दिया? इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ बैठक पीएम मोदी ने अमेरिका के दबाव में की. सुब्रमण्यम स्वामी से बातचीत की है वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना ने.

सुब्रमण्यम स्वामी
सुब्रमण्यम स्वामी
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Published : Jun 26, 2021, 10:08 PM IST

Updated : Jun 26, 2021, 11:05 PM IST

नई दिल्ली : भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी चीन पर सरकार के एक्शन से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा कि चीन को पहले सबक सिखाना चाहिए था. चीन को भारतीय सीमा के अंदर क्यों आने दिया गया, हमारी सरकार को चीन से युद्ध करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ पीएम मोदी ने बैठक अमेरिका के दबाव में की. अनुच्छेद 370 हटाना एक अच्छा कदम है, क्योंकि देश में एक ही संविधान होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि उम्र के साथ अनुभव आता है. 2024 में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनेगी. लेकिन मोदी सरकार से एक सवाल पूछना चाहिए कि उन्होंने 75 साल की उम्र तय की है. फिर 2024 में कौन प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार होगा, क्योंकि उन्होंने मुरली मनोहर जोशी, लाल कृष्ण आडवाणी समेत सबको हटा दिया था.

सुब्रमण्यम स्वामी से बातचीत के प्रमुख अंश-

सवाल- आपातकाल को लेकर आप क्या कहना चाहेंगे.

जवाब - आपातकाल की वजह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं क्योंकि वो इलाहबाद हाइकोर्ट में याचिका हार गईं थी और कोर्ट ने 6 साल के लिए उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था. उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाने में समय लगा, इस दौरान जेपी आंदोलन ने रफ्तार पकड़ ली थी. घबराहट में उन्होंने आपातकाल लगा दिया. इस दौरान लगभग 1.40 लाख लोगों को जेल में डाला गया. उस दौरान कई लोग भूमिगत हो गए, उनमें मैं भी शामिल था. उस वक्त मैं वेश बदलकर दिल्ली से मुंबई पहुंचा और फिर अमेरिका.

राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी से खास बातचीत.

सवाल- विपक्ष इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की बात तो मानता है लेकिन कहता है कि आज भी आपातकाल जैसे हालात हैं.

जवाब- आपातकाल जैसे कोई हालात नहीं है. हम आजादी से घूम सकते हैं कोई हमें जेल में नहीं डालेगा. उस वक्त तो हमारा कोई अधिकार नहीं बचा था. मैं बीजेपी में हूं और अगर कोई नीति मुझे पसंद नहीं आती तो मैं उसकी आलोचना करता हूं लेकिन कांग्रेस में आज भी कोई ऐसा नहीं कर सकता है. आज की तुलना आपातकाल के वक्त से जोड़ना गलत है.

राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी से खास बातचीत.

सवाल- कश्मीर को लेकर पीएम के साथ हुई बैठक के बाद आपको क्या उम्मीद है. विपक्षी कह रहे हैं कि कश्मीर के नेताओं को नजरबंद किया गया, वो भी इमरजेंसी जैसे हालात थे.

जवाब- ऐसा नहीं है, उन नेताओं को कोर्ट में जाने का अधिकार था और कुछ नेता गए भी. कश्मीर हमारा अटूट हिस्सा है, हमारे कई पुण्य स्थल वहां है. धर्म परिवर्तन करके कश्मीर घाटी में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र बनाया गया, जम्मू आज भी हिंदू बाहुल्य और लद्दाख बौध बाहुल्य है. अनुच्छेद 370 जब हमारे संविधान में लाया गया तो इसका खूब विरोध हुआ, सरदार पटेल ने तब कहा था कि ये कुछ वक्त के लिए है. संविधान में भी इसे अस्थाई बताया गया, अब 70 साल के बाद हमने जो वादा किया था वो पूरा किया. कश्मीरी पंडितों को सिखों को पांच लाख लोगों को कश्मीर से भगाया गया. कोई भी प्रयास मुस्लिम नेताओं की तरफ से कश्मीरियत में हिंदुओं की जगह को लेकर नहीं हुई. प्रधानमंत्री को ये बैठक नहीं करनी चाहिए थी लेकिन अमेरिका का दबाव था.

राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी से खास बातचीत.

सवाल- क्या कांग्रेस फिर से दोबारा वही गलती कर रही है. वो पुराने कश्मीर की मांग कर रही है.

जवाब- कांग्रेस आत्महत्या करने की स्थिति में है इसलिए ऐसी बातें करती है. चीन को लेकर कांग्रेस ने कभी भी निंदा नहीं की, हां पीएम मोदी ने भी कहा कि चीन भारत की सीमा में नहीं आया. परंतु बीजेपी आवाज बुलंद कर रही है, मैं तो रोज बोल रहा हूं कि चीन को ठीक करो. वो सिर्फ हमारी अलोचना करते हैं. चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा करके गलती की, ये वो कभी नहीं बोलते हैं.

सवाल- चीन को लेकर सरकार ने जो कदम उठाए क्या आप उसे लेकर संतुष्ट हैं?

जवाब- मैं बिल्कुल असंतुष्ट हूं. आज की परिस्थिति में बहुत मुश्किल है लेकिन उस समय जब चीन ने घुसपैठ की तो हमें जवाब देना चाहिए था. गलवान, कैलाश रेंज में हमने ये करके दिखाया, लेकिन फिर से बातचीत की तरफ चले गए. ये बातचीत का शौक क्यों है, मुझे समझ नहीं आता. वो हमारी जमीन पर हमारी छाती पर बैठे हैं क्या हम उनसे बातचीत करेंगे, हम पहले उन्हें उठाएंगे, भगाएंगे और भगा सकते थे.

सवाल- सरकार ने देर कर दी?

जवाब- हमारी सरकार ने गलती की तुष्टीकरण की. चीन से युद्ध करना चाहिए, दुनिया को दिखाना चाहिए कि 1962 अब कभी नहीं होगा. चीन ने हमें छोटा दिखाने के लिए ये सब किया और वो इसमें सफल भी रहे.

सवाल- उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है. बीजेपी की सरकार के रहते इतने लोगों का धर्मांतरण कर दिया गया और अब जाकर सरकार को मालूम चला. क्या इसमें राज्य सरकार की लापरवाही रही.

जवाब- धर्मांतरण स्वेच्छा से हो तो उसे कोई नहीं रोक सकता लेकिन जैसे इसाई और मुस्लिम थोक में धर्मांतरण करते हैं. हिंदुओं की आर्थिक स्थिति मुस्लिमों से बेहतर है इसलिये आबादी भी कम हो रही है. जैसे अमीर होंगे कम बच्चे पैदा करेंगे क्योंकि बच्चों को स्कूल, कॉलेज, विदेश भेजना होता है. मुस्लिमों की आबादी हिंदुओं से ज्यादा तेजी से बढ़ रही है इसमें मुस्लिम नहीं उनकी आर्थिक स्थिति जिम्मेदार है. केरल के हिंदुओं और यूपी के हिंदुओं की आबादी में अंतर हैं, यूपी में तीन से चार बच्चे होते हैं तो केरल में कम बच्चे पैदा होते हैं क्योंकि वो शिक्षा का बेहतर स्तर है.

सवाल- दो बच्चों का कानून भारत में आना चाहिए?

जवाब- कानून से कुछ नहीं होगा. इतने बड़े देश में बच्चों का हिसाब कौन रखेगा. लोगों को प्रोत्साहित करना होगा. बेहतर स्कूल बनने होंगे, शिक्षा का स्तर बढ़ाना होगा. हम जीडीपी का सिर्फ डेढ फीसदी शिक्षा पर खर्च करते हैं, जबकि विकसित देश 6 फीसदी से कम खर्च नहीं करते.

सवाल- कोरोना के दौर में कहीं ना कहीं सरकार का गलत प्रबंधन जिम्मेदार रहा?

जवाब- कोरोना की मार हर वर्ग पर पड़ी, सबसे ज्यादा गरीबों पर मार पड़ी है. हम लोग पहली लहर में जब सफल हो गए तो हम ढोल पीटकर भूल गए कि दूसरी लहर भी आएगी. अब हम डरे हुए हैं कि तीसरी लहर भी आएगी. लेकिन पहली लहर के बाद हमने छाती ठोककर कहा कि हमने कर दिखाया और हम दूसरे देशों के लिए भी करेंगे. इस अहंकार से हमें नुकसान हुआ.

सवाल- विपक्ष भी वैक्सीन की कमी होने के बावजूद दूसरे देशों को भेजने को लेकर सरकार को घेर रही है.

जवाब- आलोचना करना बहुत आसान है. जब बोलना चाहिए था तब तो नहीं बोला किसी ने. फरवरी में जब ऐसा हो रहा था, तब तो किसी ने नहीं बोला. सरकार को वैक्सीन के लिए निर्माताओं को पैसा देना चाहिए था.

सवाल- 2022 में 5 राज्यों के चुनाव है. पीएम मोदी के खिलाफ विपक्ष एकजुट हो रहा है. देश में एक माहौल बनाने की तैयारी चल रही है, क्या इससे पीएम मोदी या सरकार की इमेज पर फर्क पड़ेगा.

जवाब- 2024 में सबसे पहला फैसला तो नरेंद्र मोदी को ये करना है कि पीएम चेहरा कौन होगा. क्योंकि वो कहते रहे हैं कि जो भी 75 साल से अधिक के हैं उन्हें किसी पद पर नहीं रहना चाहिए.75 साल का हवाला देकर लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और शांताकुमार को किनारे कर दिया था. अब मोदी 75 साल के होने वाले हैं, क्या ये उनपर भी लागू होगा या नहीं. उन्हें अभी से बताना चाहिए कि वो 75 साल से अधिक होने पर भी बने रहेंगे. हो सकता है कि पार्टी उनकी बात मान ले.

सवाल- 2024 में क्या बीजेपी की ही सरकार बनेगी? या फिर कांग्रेस या तीसरा मोर्चा उभरेगा.

जवाब- 2024 तक कुछ भी हो सकता है. राहुल गांधी और सोनिया गांधी अगर नेशनल हेराल्ड केस में जेल चले गए तो क्या होगा. इतना दूर देखने की जरूरत नहीं है लेकिन कार्यकर्ताओं में उत्साह को जगाना चाहिए.

सवाल- क्या बंगाल चुनाव के नतीजों के बाद कार्यकर्ताओं का उत्साह कम हुआ है?

जवाब- बिल्कुल आई है. हमने दूसरे पार्टियों से भीड़ भरी जिसका असर कार्यकर्ताओं पर पड़ा. 146 नेताओं को टीएमसी से बीजेपी में लिया और अब सब वापस जा रहे हैं. मुकुल रॉय भी वापस चले गए. कार्यकर्ताओं को अगर नहीं पूछोगे तो वाजपेयी जैसा हाल होगा, जैसा इंडिया शाइनिंग को लेकर हुआ. कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करेंगे तो जीत नहीं पाएंगे. लेकिन ये सब कुछ बदलेगा और 2024 में हमारी ही सरकार बनेगी.

सवाल- राम मंदिर को लेकर जमीन घोटाले की बात चल रही है. आप क्या कहेंगे ?

जवाब- मैंने तो इस पर ध्यान ही नहीं दिया, मैं तो ये देख रहा हूं कि काम कैसा चल रहा है. और जिस चंपत राय पर आरोप लग रहे हैं वो तो साधु आदमी है. वो सब कुछ छोड़कर स्वयं सेवक बने, उनपर आरोप लगाना अन्याय है. इसमें क्या हुआ, ये सब मोदी को देखना चाहिए, मैंने तो केस जिताया, जिसके बाद नरेंद्र मोदी ने सबकुछ अपने हाथ में ले लिया. यहां तक कि मुझे शिलान्यास में भी नहीं आने दिया गया. मुझे निमंत्रण नहीं मिला था. मंदिर बनने के बाद राम लला के दर्शन के लिए जरूर जाउंगा. मैं चाहता हूं कि राम मंदिर बने और अब मैं काशी विश्वनाथ की मुक्ति के लिए लगा हूं, सभी साधु संतों ने मुझे ये जिम्मेदारी दी है. अयोध्या के बाद काशी और फिर मथुरा की बारी है.

नई दिल्ली : भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी चीन पर सरकार के एक्शन से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा कि चीन को पहले सबक सिखाना चाहिए था. चीन को भारतीय सीमा के अंदर क्यों आने दिया गया, हमारी सरकार को चीन से युद्ध करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ पीएम मोदी ने बैठक अमेरिका के दबाव में की. अनुच्छेद 370 हटाना एक अच्छा कदम है, क्योंकि देश में एक ही संविधान होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि उम्र के साथ अनुभव आता है. 2024 में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनेगी. लेकिन मोदी सरकार से एक सवाल पूछना चाहिए कि उन्होंने 75 साल की उम्र तय की है. फिर 2024 में कौन प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार होगा, क्योंकि उन्होंने मुरली मनोहर जोशी, लाल कृष्ण आडवाणी समेत सबको हटा दिया था.

सुब्रमण्यम स्वामी से बातचीत के प्रमुख अंश-

सवाल- आपातकाल को लेकर आप क्या कहना चाहेंगे.

जवाब - आपातकाल की वजह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं क्योंकि वो इलाहबाद हाइकोर्ट में याचिका हार गईं थी और कोर्ट ने 6 साल के लिए उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था. उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाने में समय लगा, इस दौरान जेपी आंदोलन ने रफ्तार पकड़ ली थी. घबराहट में उन्होंने आपातकाल लगा दिया. इस दौरान लगभग 1.40 लाख लोगों को जेल में डाला गया. उस दौरान कई लोग भूमिगत हो गए, उनमें मैं भी शामिल था. उस वक्त मैं वेश बदलकर दिल्ली से मुंबई पहुंचा और फिर अमेरिका.

राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी से खास बातचीत.

सवाल- विपक्ष इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की बात तो मानता है लेकिन कहता है कि आज भी आपातकाल जैसे हालात हैं.

जवाब- आपातकाल जैसे कोई हालात नहीं है. हम आजादी से घूम सकते हैं कोई हमें जेल में नहीं डालेगा. उस वक्त तो हमारा कोई अधिकार नहीं बचा था. मैं बीजेपी में हूं और अगर कोई नीति मुझे पसंद नहीं आती तो मैं उसकी आलोचना करता हूं लेकिन कांग्रेस में आज भी कोई ऐसा नहीं कर सकता है. आज की तुलना आपातकाल के वक्त से जोड़ना गलत है.

राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी से खास बातचीत.

सवाल- कश्मीर को लेकर पीएम के साथ हुई बैठक के बाद आपको क्या उम्मीद है. विपक्षी कह रहे हैं कि कश्मीर के नेताओं को नजरबंद किया गया, वो भी इमरजेंसी जैसे हालात थे.

जवाब- ऐसा नहीं है, उन नेताओं को कोर्ट में जाने का अधिकार था और कुछ नेता गए भी. कश्मीर हमारा अटूट हिस्सा है, हमारे कई पुण्य स्थल वहां है. धर्म परिवर्तन करके कश्मीर घाटी में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र बनाया गया, जम्मू आज भी हिंदू बाहुल्य और लद्दाख बौध बाहुल्य है. अनुच्छेद 370 जब हमारे संविधान में लाया गया तो इसका खूब विरोध हुआ, सरदार पटेल ने तब कहा था कि ये कुछ वक्त के लिए है. संविधान में भी इसे अस्थाई बताया गया, अब 70 साल के बाद हमने जो वादा किया था वो पूरा किया. कश्मीरी पंडितों को सिखों को पांच लाख लोगों को कश्मीर से भगाया गया. कोई भी प्रयास मुस्लिम नेताओं की तरफ से कश्मीरियत में हिंदुओं की जगह को लेकर नहीं हुई. प्रधानमंत्री को ये बैठक नहीं करनी चाहिए थी लेकिन अमेरिका का दबाव था.

राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी से खास बातचीत.

सवाल- क्या कांग्रेस फिर से दोबारा वही गलती कर रही है. वो पुराने कश्मीर की मांग कर रही है.

जवाब- कांग्रेस आत्महत्या करने की स्थिति में है इसलिए ऐसी बातें करती है. चीन को लेकर कांग्रेस ने कभी भी निंदा नहीं की, हां पीएम मोदी ने भी कहा कि चीन भारत की सीमा में नहीं आया. परंतु बीजेपी आवाज बुलंद कर रही है, मैं तो रोज बोल रहा हूं कि चीन को ठीक करो. वो सिर्फ हमारी अलोचना करते हैं. चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा करके गलती की, ये वो कभी नहीं बोलते हैं.

सवाल- चीन को लेकर सरकार ने जो कदम उठाए क्या आप उसे लेकर संतुष्ट हैं?

जवाब- मैं बिल्कुल असंतुष्ट हूं. आज की परिस्थिति में बहुत मुश्किल है लेकिन उस समय जब चीन ने घुसपैठ की तो हमें जवाब देना चाहिए था. गलवान, कैलाश रेंज में हमने ये करके दिखाया, लेकिन फिर से बातचीत की तरफ चले गए. ये बातचीत का शौक क्यों है, मुझे समझ नहीं आता. वो हमारी जमीन पर हमारी छाती पर बैठे हैं क्या हम उनसे बातचीत करेंगे, हम पहले उन्हें उठाएंगे, भगाएंगे और भगा सकते थे.

सवाल- सरकार ने देर कर दी?

जवाब- हमारी सरकार ने गलती की तुष्टीकरण की. चीन से युद्ध करना चाहिए, दुनिया को दिखाना चाहिए कि 1962 अब कभी नहीं होगा. चीन ने हमें छोटा दिखाने के लिए ये सब किया और वो इसमें सफल भी रहे.

सवाल- उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है. बीजेपी की सरकार के रहते इतने लोगों का धर्मांतरण कर दिया गया और अब जाकर सरकार को मालूम चला. क्या इसमें राज्य सरकार की लापरवाही रही.

जवाब- धर्मांतरण स्वेच्छा से हो तो उसे कोई नहीं रोक सकता लेकिन जैसे इसाई और मुस्लिम थोक में धर्मांतरण करते हैं. हिंदुओं की आर्थिक स्थिति मुस्लिमों से बेहतर है इसलिये आबादी भी कम हो रही है. जैसे अमीर होंगे कम बच्चे पैदा करेंगे क्योंकि बच्चों को स्कूल, कॉलेज, विदेश भेजना होता है. मुस्लिमों की आबादी हिंदुओं से ज्यादा तेजी से बढ़ रही है इसमें मुस्लिम नहीं उनकी आर्थिक स्थिति जिम्मेदार है. केरल के हिंदुओं और यूपी के हिंदुओं की आबादी में अंतर हैं, यूपी में तीन से चार बच्चे होते हैं तो केरल में कम बच्चे पैदा होते हैं क्योंकि वो शिक्षा का बेहतर स्तर है.

सवाल- दो बच्चों का कानून भारत में आना चाहिए?

जवाब- कानून से कुछ नहीं होगा. इतने बड़े देश में बच्चों का हिसाब कौन रखेगा. लोगों को प्रोत्साहित करना होगा. बेहतर स्कूल बनने होंगे, शिक्षा का स्तर बढ़ाना होगा. हम जीडीपी का सिर्फ डेढ फीसदी शिक्षा पर खर्च करते हैं, जबकि विकसित देश 6 फीसदी से कम खर्च नहीं करते.

सवाल- कोरोना के दौर में कहीं ना कहीं सरकार का गलत प्रबंधन जिम्मेदार रहा?

जवाब- कोरोना की मार हर वर्ग पर पड़ी, सबसे ज्यादा गरीबों पर मार पड़ी है. हम लोग पहली लहर में जब सफल हो गए तो हम ढोल पीटकर भूल गए कि दूसरी लहर भी आएगी. अब हम डरे हुए हैं कि तीसरी लहर भी आएगी. लेकिन पहली लहर के बाद हमने छाती ठोककर कहा कि हमने कर दिखाया और हम दूसरे देशों के लिए भी करेंगे. इस अहंकार से हमें नुकसान हुआ.

सवाल- विपक्ष भी वैक्सीन की कमी होने के बावजूद दूसरे देशों को भेजने को लेकर सरकार को घेर रही है.

जवाब- आलोचना करना बहुत आसान है. जब बोलना चाहिए था तब तो नहीं बोला किसी ने. फरवरी में जब ऐसा हो रहा था, तब तो किसी ने नहीं बोला. सरकार को वैक्सीन के लिए निर्माताओं को पैसा देना चाहिए था.

सवाल- 2022 में 5 राज्यों के चुनाव है. पीएम मोदी के खिलाफ विपक्ष एकजुट हो रहा है. देश में एक माहौल बनाने की तैयारी चल रही है, क्या इससे पीएम मोदी या सरकार की इमेज पर फर्क पड़ेगा.

जवाब- 2024 में सबसे पहला फैसला तो नरेंद्र मोदी को ये करना है कि पीएम चेहरा कौन होगा. क्योंकि वो कहते रहे हैं कि जो भी 75 साल से अधिक के हैं उन्हें किसी पद पर नहीं रहना चाहिए.75 साल का हवाला देकर लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और शांताकुमार को किनारे कर दिया था. अब मोदी 75 साल के होने वाले हैं, क्या ये उनपर भी लागू होगा या नहीं. उन्हें अभी से बताना चाहिए कि वो 75 साल से अधिक होने पर भी बने रहेंगे. हो सकता है कि पार्टी उनकी बात मान ले.

सवाल- 2024 में क्या बीजेपी की ही सरकार बनेगी? या फिर कांग्रेस या तीसरा मोर्चा उभरेगा.

जवाब- 2024 तक कुछ भी हो सकता है. राहुल गांधी और सोनिया गांधी अगर नेशनल हेराल्ड केस में जेल चले गए तो क्या होगा. इतना दूर देखने की जरूरत नहीं है लेकिन कार्यकर्ताओं में उत्साह को जगाना चाहिए.

सवाल- क्या बंगाल चुनाव के नतीजों के बाद कार्यकर्ताओं का उत्साह कम हुआ है?

जवाब- बिल्कुल आई है. हमने दूसरे पार्टियों से भीड़ भरी जिसका असर कार्यकर्ताओं पर पड़ा. 146 नेताओं को टीएमसी से बीजेपी में लिया और अब सब वापस जा रहे हैं. मुकुल रॉय भी वापस चले गए. कार्यकर्ताओं को अगर नहीं पूछोगे तो वाजपेयी जैसा हाल होगा, जैसा इंडिया शाइनिंग को लेकर हुआ. कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करेंगे तो जीत नहीं पाएंगे. लेकिन ये सब कुछ बदलेगा और 2024 में हमारी ही सरकार बनेगी.

सवाल- राम मंदिर को लेकर जमीन घोटाले की बात चल रही है. आप क्या कहेंगे ?

जवाब- मैंने तो इस पर ध्यान ही नहीं दिया, मैं तो ये देख रहा हूं कि काम कैसा चल रहा है. और जिस चंपत राय पर आरोप लग रहे हैं वो तो साधु आदमी है. वो सब कुछ छोड़कर स्वयं सेवक बने, उनपर आरोप लगाना अन्याय है. इसमें क्या हुआ, ये सब मोदी को देखना चाहिए, मैंने तो केस जिताया, जिसके बाद नरेंद्र मोदी ने सबकुछ अपने हाथ में ले लिया. यहां तक कि मुझे शिलान्यास में भी नहीं आने दिया गया. मुझे निमंत्रण नहीं मिला था. मंदिर बनने के बाद राम लला के दर्शन के लिए जरूर जाउंगा. मैं चाहता हूं कि राम मंदिर बने और अब मैं काशी विश्वनाथ की मुक्ति के लिए लगा हूं, सभी साधु संतों ने मुझे ये जिम्मेदारी दी है. अयोध्या के बाद काशी और फिर मथुरा की बारी है.

Last Updated : Jun 26, 2021, 11:05 PM IST
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