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भारत में विपक्ष कमजोर है इसलिए नेता निरंकुश लगता है जो असत्य है : श्री श्री रविशंकर - रूस यूक्रेन युद्ध पर रविशंकर का बयान

धार्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने कहा कि भारत में विपक्ष काफी कमजोर है इसलिए नेता (बिना पीएम मोदी का नाम लिए) निरंकुश लगता है परंतु ऐसा नहीं है. जहां तक भारत के डीएनए की बात है तो वह हमेशा शांति और अहिंसा का रहा है. पश्चिम में रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख पर एक गलत धारणा फैल गई है. जिसमें लोग सोचते हैं कि भारत एक हमलावर राष्ट्र का समर्थन कर रहा है. जो कि अनुचित है.

श्री श्री रविशंकर
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Published : May 12, 2022, 7:43 AM IST

Updated : May 12, 2022, 10:26 AM IST

वाशिंगटन: आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर का मानना है कि एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए मजबूत विपक्ष आवश्यक है. भारत में इसकी अत्यंत ही आवश्यकता है. आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक रविशंकर ने कहा, "भारत को एक मजबूत विपक्ष, एक रचनात्मक विपक्ष की जरूरत है. वर्तमान विपक्ष बहुत ही कमजोर है. विपक्ष में नेतृत्व की कमी किसी भी लोकतंत्र को लोकतंत्र के रूप में नहीं दिखा सकती है.

धार्मिक गुरु ने कहा "लोकतंत्र को एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है - रूढ़िवादी, रचनात्मक विपक्ष जो वर्तमान भारत में गायब है. बेशक पश्चिम बंगाल ने दिखाया है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के साथ कोई भी दल भारत की संस्थाओं के साथ हस्तक्षेप नहीं कर सकता है और न्यायपालिका भी काफी मजबूत है. लेकिन केंद्रीय विपक्ष की कमी के कारण एक मजबूत नेता निरंकुश लगता है, परंतु ऐसा नहीं है. हम इतने बड़े लोकतंत्र हैं. लोगों के पास शक्ति है.

भारतीय आध्यात्मिक गुरू वर्तमान में राज्य अमेरिका के दो महीने के दौरे पर हैं. विभिन्न शहरों की यात्रा कर रहे हैं और कोविड के बाद की दुनिया में शांति और इसकी आवश्यकता का संदेश फैला रहे हैं. यह कहते हुए कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और देश में होने वाले चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर, एक मजबूत विपक्षी दल की जरूरत है, जो वर्तमान में गायब है.

रविशंकर का 2022 का यूएस दौरा मियामी में शुरू हुआ जहां उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य और समग्र कल्याण के लिए ध्यान की भूमिका पर चिकित्सकों के एक सम्मेलन को संबोधित किया. उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में मानसिक स्वास्थ्य को नष्ट करने के बारे में अपने विचार साझा किए. इसके बाद स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और प्रशासकों के साथ स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों की बेहतरी को प्राथमिकता देने पर बातचीत हुई. जिसकी मेजबानी चिल्ड्रन नेशनल हॉस्पिटल और नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी ने की.

जहां तक भारत के डीएनए की बात है तो वह हमेशा से ही शांति और अहिंसा का रहा है. रविशंकर ने कहा कि पश्चिम में रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख के बारे में एक गलत धारणा है. जिसमें लोग सोचते हैं कि भारत एक हमलावर राष्ट्र का समर्थन कर रही है. जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है. सबसे पहले हमें दुनिया को स्पष्ट करना चाहिए कि हम शांति के लिए खड़े हैं. हम युद्ध के लिए नहीं हैं. यह एक गलत धारणा फैली है कि हम (भारत) युद्ध का पक्ष ले रहे हैं. हमारे प्रधान मंत्री ने कई बार यह कहा है कि हम शांति के लिए खड़े हैं. इसके साथ धार्मिक गुरू ने कहा कि COVID-19 महामारी के बाद लोगों में बहुत गुस्सा है. इस पर ध्यान देने की जरूरत है और वह इसी दिशा में काम कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें-योग गुरु स्वामी महेश योगी ने स्थापित किया एक नया कीर्तिमान, गिनीज बुक में रिकॉर्ड दर्ज

पीटीआई

वाशिंगटन: आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर का मानना है कि एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए मजबूत विपक्ष आवश्यक है. भारत में इसकी अत्यंत ही आवश्यकता है. आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक रविशंकर ने कहा, "भारत को एक मजबूत विपक्ष, एक रचनात्मक विपक्ष की जरूरत है. वर्तमान विपक्ष बहुत ही कमजोर है. विपक्ष में नेतृत्व की कमी किसी भी लोकतंत्र को लोकतंत्र के रूप में नहीं दिखा सकती है.

धार्मिक गुरु ने कहा "लोकतंत्र को एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है - रूढ़िवादी, रचनात्मक विपक्ष जो वर्तमान भारत में गायब है. बेशक पश्चिम बंगाल ने दिखाया है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के साथ कोई भी दल भारत की संस्थाओं के साथ हस्तक्षेप नहीं कर सकता है और न्यायपालिका भी काफी मजबूत है. लेकिन केंद्रीय विपक्ष की कमी के कारण एक मजबूत नेता निरंकुश लगता है, परंतु ऐसा नहीं है. हम इतने बड़े लोकतंत्र हैं. लोगों के पास शक्ति है.

भारतीय आध्यात्मिक गुरू वर्तमान में राज्य अमेरिका के दो महीने के दौरे पर हैं. विभिन्न शहरों की यात्रा कर रहे हैं और कोविड के बाद की दुनिया में शांति और इसकी आवश्यकता का संदेश फैला रहे हैं. यह कहते हुए कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और देश में होने वाले चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर, एक मजबूत विपक्षी दल की जरूरत है, जो वर्तमान में गायब है.

रविशंकर का 2022 का यूएस दौरा मियामी में शुरू हुआ जहां उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य और समग्र कल्याण के लिए ध्यान की भूमिका पर चिकित्सकों के एक सम्मेलन को संबोधित किया. उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में मानसिक स्वास्थ्य को नष्ट करने के बारे में अपने विचार साझा किए. इसके बाद स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और प्रशासकों के साथ स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों की बेहतरी को प्राथमिकता देने पर बातचीत हुई. जिसकी मेजबानी चिल्ड्रन नेशनल हॉस्पिटल और नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी ने की.

जहां तक भारत के डीएनए की बात है तो वह हमेशा से ही शांति और अहिंसा का रहा है. रविशंकर ने कहा कि पश्चिम में रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख के बारे में एक गलत धारणा है. जिसमें लोग सोचते हैं कि भारत एक हमलावर राष्ट्र का समर्थन कर रही है. जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है. सबसे पहले हमें दुनिया को स्पष्ट करना चाहिए कि हम शांति के लिए खड़े हैं. हम युद्ध के लिए नहीं हैं. यह एक गलत धारणा फैली है कि हम (भारत) युद्ध का पक्ष ले रहे हैं. हमारे प्रधान मंत्री ने कई बार यह कहा है कि हम शांति के लिए खड़े हैं. इसके साथ धार्मिक गुरू ने कहा कि COVID-19 महामारी के बाद लोगों में बहुत गुस्सा है. इस पर ध्यान देने की जरूरत है और वह इसी दिशा में काम कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें-योग गुरु स्वामी महेश योगी ने स्थापित किया एक नया कीर्तिमान, गिनीज बुक में रिकॉर्ड दर्ज

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Last Updated : May 12, 2022, 10:26 AM IST
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