बेगूसराय: नाग पंचमी को नाग देवता को खुश करने का दिन माना जाता है. मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग की पूजा और कालसर्प योग से मुक्ति के लिए विशेष अनुष्ठान संपन्न कराए जाते हैं. वहीं श्रावण मास की पंचमी तिथि (Nag Panchami In Agapur Village Begusarai) को बेगूसराय के मंसूरचक प्रखंड (Mansurchak Block) के आगापुर गांव (Snake Fair In Agapur Village Begusarai) में विशेष रूप से नाग पंचमी मनायी जाती है. इस दौरान जहरीले सांपों का मेला लगाया जाता है. लोगों के हाथों और गले में जहरीले सांप नजर आते हैं, जिसे देख किसी के भी होश उड़ जाएं.
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बेगूसराय में जहरीले सांपों का मेला: आगापुर गांव में आज भी इस परंपरा को जीवंत रखा गया है जो अद्भुत ही नहीं बेहद साहसिक भी है. नाग पंचमी के दिन ताल तलैया नदी पोखर से सैकड़ों की संख्या में विषैले सांप पकड़ने की यह परंपरा बेहद ही खतरनाक और आकर्षक भी है, सांपों के मेले को देखने के लिए दूर दराज से लोग आते हैं. इस अवसर पर आयोजित मेला जिला ही नहीं बल्कि पूरे बिहार का एक खास मेला होता है.
आगापुर गांव में सदियों से निभायी जा रही परंपरा: इस संबंध में बताया जाता है की मंसूरचक प्रखंड के आगापुर गांव में हर साल सांपों का मेला लगता है. आगापुर गांव में आयोजित इस 'सांपों के मेले' में मौजूद लोग जहरीले सांपों से जरा भी नहीं डरते हैं और उनके साथ साथ खिलौने की तरह खेलते हैं.बताया जाता है की धार्मिक आस्था से जुड़ा सांपो को पकड़ने का ये करतब कई पुश्तों से चला आ रहा है, जिसकी तैयारी दो महीने पहले से की जाती है.
![आगापुर गांव बेगूसराय में सांपों का मेला](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-beg-02-snake-viz-byte-10004-sd_18072022171814_1807f_1658144894_821.jpg)
यह है मान्यता: इस दौरान पोखर से पुजारी सैकड़ों सांपों को पानी से निकालते हैं और इन विषैले सांपों को हाथों में लेकर प्रदर्शन करते हैं. जिसे देखने के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं. गांव के लोग बताते हैं कि कई पीढ़ियों पहले यहां भगवती स्थान की स्थापना की गई थी, जिसके बाद से गांव में अमन और शांति कायम हुई. कभी भी कोई अनहोनी नहीं हुई. इसी दौरान नाग पंचमी के दिन गांव के भगत के द्वारा सांप पकड़ने की परंपरा की शुरुआत भी हुई थी.
अनहोनी की बनी रहती है आशंका: धीरे-धीरे ये परम्परा आगे बढ़ती गई और बाद में ये इलाके का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बन गया. बताया जाता है कि विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद भगत गांव में स्थित पोखर में आते हैं और पोखर से सैकड़ों विषैले सांपों को निकालने का काम करते हैं. जैसे सांप न हो बल्कि कोई खिलौना हो. सांप को देखते और नाम सुनते ही जहां लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं, वहीं सांपों को पकड़ने उनके साथ खेलने की यह परंपरा चमत्कार है या फिर कुछ और यह जांच का विषय है. हालांकि इतने बरसों से लगने वाले इस मेले की सच्चाई का पता आज तक लोगों को नहीं लग पाया है. लोग बस इसे धार्मिक आस्था से जोड़कर देखते हैं. सांपों के इस मेले के कारण किसी अनहोनी की आशंका भी हमेशा बनी रहती है लेकिन आस्था के आगे डर की हार होती है और लोग उत्साह के साथ नाग पंचमी हर साल इसी तरह से मनाते हैं.
![बेगूसराय](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-beg-02-snake-viz-byte-10004-sd_18072022171814_1807f_1658144894_419.jpg)
"यह मेला हमारे पूर्वजों के समय से चला आ रहा है. नाग को पोखर नहर से निकाला जाता है. इसकी तैयारी काफी दिनों पहले से की जाती है. भगवती माता हर इच्छा पूरी करती हैं."- हरेराम, भगत