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पूर्वोत्तर भारत में BJP को कामयाबी दिलाने के लिए 35,000 स्वयंसेवकों की बहाली करेगा RSS - आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पश्चिम बंगाल

प.बंगाल समेत पूर्वोत्तर भारत में भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनाव में अच्छी बढ़त मिले, आरएसएस ने इसके लिए अभी से ही अपनी तैयारी शुरू कर दी है. संगठन इसके लिए 35 हजार नए स्वयंसेवकों की बहाली करने जा रहा है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने संगठन से अगले छह महीनों में भर्ती प्रक्रिया को पूरी करने को कहा है.

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कॉन्सेप्ट फोटो (आरएसएस)
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Published : May 11, 2022, 8:01 PM IST

कोलकाता : लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. संघ नॉर्थ ईस्ट राज्यों में 35000 स्वयंसेवकों की भर्ती करने जा रहा है. इनमें प.बंगाल भी शामिल है.

आरएसएस ने इन राज्यों (प.बंगाल, असम, त्रिपुरा, सिक्किम, अरुणाचलप्रदेश, मणिपुर और मिजोरम) में अपने संगठन को मजबूत करने के लिए नए मापदंड अपनाए हैं. संघ चरणबद्ध तरीके से इनकी भर्ती करेगा. हर चरण को लागू करने के लिए संघ मुख्यालय आदेश जारी करेगा. उत्तरपूर्व भारत में संघ का मुख्यालय प.बंगाल के केशव भवन में स्थित है. यह अपना काम शुरू कर चुका है.

इन नए शाखाओं की मदद से आरएसएस अलग-अलग तरह के सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेगा. आरएसएस के सूत्रों के अनुसार उनका मुख्य मकसद प.बंगाल समेत उ.पू. में संगठन को मजबूती प्रदान करना है, वह भी अगले लोकसभा चुनाव से पहले.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने संगठन से अगले छह महीनों में भर्ती प्रक्रिया को पूरी करने को कहा है. अगर 2024 में भाजपा जीत हासिल करती है, तो यह पीएम मोदी का हैट्रिक होगा. इसलिए पार्टी ने अभी से ही नागपुर के आदेश पर काम शुरू कर दिया है. पार्टी इसमें गति लाना चाहती है. यह एक रिकॉर्ड नंबर है. आरएसएस अभी से ही इस प्रक्रिया में जुट चुकी है.

एक वरिष्ठ आरएसएस सदस्य ने बताया कि संगठन दो साल के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में विशेष अभ्यास आयोजित करेगा. असली मकसद नए कार्यक्रमों और सामाजिक कार्यक्रमों के जरिए लोगों का दिल और दिमाग जीतना है.

कोलकाता : लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. संघ नॉर्थ ईस्ट राज्यों में 35000 स्वयंसेवकों की भर्ती करने जा रहा है. इनमें प.बंगाल भी शामिल है.

आरएसएस ने इन राज्यों (प.बंगाल, असम, त्रिपुरा, सिक्किम, अरुणाचलप्रदेश, मणिपुर और मिजोरम) में अपने संगठन को मजबूत करने के लिए नए मापदंड अपनाए हैं. संघ चरणबद्ध तरीके से इनकी भर्ती करेगा. हर चरण को लागू करने के लिए संघ मुख्यालय आदेश जारी करेगा. उत्तरपूर्व भारत में संघ का मुख्यालय प.बंगाल के केशव भवन में स्थित है. यह अपना काम शुरू कर चुका है.

इन नए शाखाओं की मदद से आरएसएस अलग-अलग तरह के सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेगा. आरएसएस के सूत्रों के अनुसार उनका मुख्य मकसद प.बंगाल समेत उ.पू. में संगठन को मजबूती प्रदान करना है, वह भी अगले लोकसभा चुनाव से पहले.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने संगठन से अगले छह महीनों में भर्ती प्रक्रिया को पूरी करने को कहा है. अगर 2024 में भाजपा जीत हासिल करती है, तो यह पीएम मोदी का हैट्रिक होगा. इसलिए पार्टी ने अभी से ही नागपुर के आदेश पर काम शुरू कर दिया है. पार्टी इसमें गति लाना चाहती है. यह एक रिकॉर्ड नंबर है. आरएसएस अभी से ही इस प्रक्रिया में जुट चुकी है.

एक वरिष्ठ आरएसएस सदस्य ने बताया कि संगठन दो साल के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में विशेष अभ्यास आयोजित करेगा. असली मकसद नए कार्यक्रमों और सामाजिक कार्यक्रमों के जरिए लोगों का दिल और दिमाग जीतना है.

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