लखनऊ : अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इसमें सात हजार से अधिक मेहमानों के शामिल होने की संभावना है. ऐसे में यूपी पुलिस ने अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया है. 10 हजार सीसीटीवी कैमरे, ह्यूमन इंटेलिजेंस, AI टेक्नोलॉजी से चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है. ड्रोन के अलावा हथियार बंद यूपी एटीएस के कमांडो, 10 हजार से अधिक यूपी पुलिस के जवान सुरक्षा में तैनात किए गए हैं.
10 हजार जवान चप्पे चप्पे पर तैनात : यूपी पुलिस के मुताबिक, 22 जनवरी को अयोध्या शहर सुरक्षाकर्मियों से घिरा रहेगा. इसके लिए अर्धसैनिक बल, यूपी एटीएस, एसटीएफ के अलावा 10 हजार पुलिस के जवान तैनात रहेंगे. इन जवानों को आधुनिक हथियारों के अलावा एंटी-ड्रोन तकनीक और दस हजार सीसीटीवी कैमरे व ड्रोन की भी मदद दी जाएगी. जिससे वो चप्पे चप्पे पर नजर रख सकें. डीजीपी मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, अयोध्या में 100 से अधिक डिप्टी एसपी, 325 इंस्पेक्टर व 800 उपनिरीक्षक तैनात किए जा रहे हैं. इसके अलावा पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 10,000 जवान तैनात होंगे. सुरक्षा एजेंसियों की नजर जमीन, आसमान और पानी तक रहेगी. इसके लिए एंटी ड्रोन सिस्टम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कमांड कंट्रोल सिस्टम तैयार किए गए हैं.
ह्यूमन इंटेलिजेंस निभाएगी सबसे अहम भूमिका : अयोध्या रेंज के IG प्रवीण कुमार के मुताबिक, अयोध्या में हर आने-जाने वालों की फिजिकल चेकिंग करवाई जा रही है. इसके अलावा हम ह्यूमन इंटेलिजेंस का भी सुरक्षा के लिहाज से इस्तमाल कर रहे हैं. इसमें सरयू नदी के आसपास रहने वाले गोताखोर, नाविक, नगर में दुकानदार समेत स्थानीय लोग ह्यूमन इंटेलिजेंस का काम कर रहे हैं. सुरक्षा के लिहाज से ह्यूमन इंटेलिजेंस सबसे अधिक कारगर होती है. यदि स्थानीय लोग सुरक्षा व्यवस्था में सहयोग दें और वो खुद अपने आसपास नजर रखें तो वो भी हमारे जवान के रूप में ही काम करते हैं.
आधुनिक तकनीक की मदद से की जा रही निगरानी : अयोध्या में 10 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे और एक हजार ड्रोन पूरी राम नगरी पर नजर रखेंगे. ये सभी AI टेक्नोलॉजी बेस्ड कैमरे होंगे. एआई कैमरों की मदद से हर संदिग्ध गतिविधि, व्यक्ति, संदिग्ध वस्तुओं पर आसानी से नजर रखी जाएगी. इसके अलावा सरयू नदी और हर गली में ड्रोन घूम-घूम कर आसमान से नजर रखेगा. कुछ भी संदिग्ध दिखता है तो तत्काल सुरक्षा कर्मियों को अलर्ट किया जाएगा.
होटल, बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पर हर यात्री का सत्यापन : 22 जनवरी को अयोध्या में सिर्फ आमंत्रित लोगों को ही आने की इजाजत होगी, लेकिन उससे पहले यहां आने वाले हर राम भक्त की सघन तलाशी ली जा रही है, जो यात्री होटल, धर्मशाला में रुके हुए हैं. लोकल इंटेलिजेंस और पुलिस वहां जाकर उनका सत्यापन कर रही है. इसके अलावा उनसे यह भी कहा जा रहा है कि 17 जनवरी से पहले वह अयोध्या छोड़ दें. इसके अलावा बस अड्डे पर भी बम निरोधक दस्ते के साथ सुरक्षा कर्मी समय-समय पर तलाशी अभियान चलाते हैं. वहीं अयोध्या रेलवे स्टेशन पर सीआईएसएफ के 150 कमांडो सुरक्षा में तैनात रहेंगे.
सिक्योरिटी डोम किया गया है क्रिएट, 4.5 किमी तक रखेगा नजर : सूत्रों के मुताबिक, राम मंदिर प्रांगण में एक ऐसा सिक्योरिटी डोम क्रिएट किया जा रहा है, जो 4.5 किलोमीटर के दायरे में है. कोई भी संदिग्ध जैसे कोई मिसाइल, संदिग्ध ड्रोन उड़ता दिखता है तो उसे ट्रेस कर सुरक्षा अधिकारियों को अलर्ट कर देगा. इतना ही नहीं सुरक्षा अधिकारियों द्वारा निर्देशित करने पर यह डोम उस संदिग्ध को हवा में ही डायरेक्शन बदल देगा. यह उसे नेस्तनाबूद कर देगा. सूत्रों के मुताबिक, न सिर्फ यह प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर बल्कि यह डोम हमेशा यहीं पर स्थापित किया जाएगा.
नेपाल से लगे सीमावर्ती इलाकों पर नजर : राम मंदिर में रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लेकर एक विशेष इंटेलिजेंस सेल बनाया गया है, जो इंटेलेजंस इनपुट के आधार पर सुरक्षा के फैसले लेगा. सुरक्षा एजेंसी आईएसआई विशेष सेल के इनपुट पर नेपाल से लगे सीमावर्ती इलाकों पर भी नजर बनाए हुए हैं. इन इलाकों में मौजूद नेपाल से आने वाले कच्चे रास्तों पर पेट्रोलिंग बढ़ाई गई है. आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए यूपी एटीएस की टीम नेपाल की सभी सीमाओं पर 24 घंटे नजर बनाए हुए है.
राम मंदिर, मस्जिद, कुर्बानी कैसे शब्दों पर नजर : डीजीपी मुख्यालय में मौजूद सोशल मीडिया सेल भी अयोध्या समारोह के लिए 24 घंटे एक्टिव है. सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर होने वाले पोस्ट पर नजर बनाए हुए है. राम मंदिर, मस्जिद, बदला, कुर्बानी, बाबरी मस्जिद जैसे टैग वर्ड पर नजर बनाए हुए है. यदि सोशल मीडिया फोर्स को कोई भी संदिग्ध पोस्ट दिख रहा है तो तत्काल उसे डिलीट कर पोस्ट करने वाले व्यक्ति को ट्रेस किया जा रहा है. सोशल मीडिया फोर्स ऐसे सभी पोस्ट पर नजर बनाए हुए है जो अयोध्या समेत यूपी में कहीं भी सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ सकते हैं.
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