नई दिल्ली : गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों की परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं (railway ntpc exam dispute) के खिलाफ छात्रों में आक्रोश देखा जा रहा है. बिहार में कई जगहों पर रेलवे की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की सूचना है. इसी बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnaw) ने कहा, छात्रों को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए.
रेल मंत्रालय ने कहा कि छात्रों के विरोध (Ministry of Railways student protest) के मद्देनजर रेल मंत्रालय ने गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों और रेलवे भर्ती बोर्ड के स्तर 1 की परीक्षाओं (Non-Technical Popular Categories & Level 1 of Railway Recruitment Board exam) पर रोक लगा दी है. उत्तीर्ण या अनुत्तीर्ण अभ्यर्थियों की सुनवाई के लिए एक समिति (committee for railway ntpc exam) का गठन किया गया है. समिति मंत्रालय को रिपोर्ट देगी.
रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे की ओर से एक मेल आईडी भी जारी किया है जिसके जरिये परीक्षार्थी समिति से अपनी चिंताएं और सुझाव साझा कर सकते हैं. रेलवे ने बताया कि सभी आरआरबी के अध्यक्षों को भी उनके मौजूदा स्रोतों के जरिये परीक्षार्थियों की शिकायतें प्राप्त करने, उन्हें संकलित करने और उच्च स्तरीय समिति को भेजने का निर्देश दिया गया है.
परीक्षा स्थगित करने का फैसला
इससे पहले रेलवे प्रवक्ता के मुताबिक, परीक्षार्थियों को समिति के सामने उनकी चिंताएं जाहिर करने के लिए 16 फरवरी तक का समय दिया गया है. समिति इन चिंताओं पर गौर करने के बाद चार मार्च 2022 तक अपनी सिफारिशें पेश करेगी. रेलवे ने कहा, '15 फरवरी 2022 से शुरू हो रहे सीईएन 01/2019 (एनटीपीसी) के दूसरे चरण के सीबीटी और 23 फरवरी को शुरू हो रहे सीईएन आरआरसी 01/2019 के प्रथम चरण के सीबीटी को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है.'
उच्च स्तरीय समिति में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं प्रमुख कार्यकारी निदेशक (औद्योगिक संबंध) दीपक पीटर, कार्यकारी निदेशक प्रतिष्ठान (आरआरबी) के सदस्य सचिव राजीव गांधी, पश्चिमी रेलवे के मुख्य कार्मिक अधिकारी (प्रशासन) के सदस्य आदित्य कुमार, चेन्नई आरआरबी के सदस्य अध्यक्ष जगदीश एल्गार और भोपाल आरआरबी के सदस्य अध्यक्ष मुकेश गुप्ता शामिल हैं.
चयन प्रक्रिया को लेकर परीक्षार्थियों के हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला लिया गया है. रेलवे के एक प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि उच्च स्तरीय समिति भी बनाई है, जो विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में सफल और असफल होने वाले परीक्षार्थियों की शिकायतों की जांच करेगी.
प्रवक्ता के मुताबिक, दोनों पक्षों की शिकायतें और चिंताएं सुनने के बाद समिति रेल मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपेगी. रेलवे ने कहा, 'परीक्षार्थियों ने आरआरबी द्वारा 14-15 जनवरी 2022 को जारी एनटीपीसी की केंद्रीकृत रोजगार अधिसूचना (सीईएन 01/2019) के प्रथम चरण के कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) के नतीजों के संबंध में जो चिंताएं और शंकाएं जाहिर की हैं, उन पर गौर करने के लिए एक उच्च अधिकार समिति का गठन किया गया है.'
रेलवे प्रवक्ता के मुताबिक, समिति प्रथम चरण के सीबीटी के नतीजों के साथ-साथ उस कार्य प्रणाली का विश्लेषण करेगी, जिसके आधार पर आवेदकों का दूसरे दौर के सीबीटी के लिए चयन किया गया था. प्रवक्ता ने बताया कि विश्लेषण प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि चयनित आवेदकों पर कोई असर न पड़े, न ही सीईएन आरआरसी 01/2019 में दूसरे चरण के सीबीटी का समावेशन प्रभावित हो.
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इससे पहले मंगलवार को बिहार पुलिस ने प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़े मुद्दों पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे (Bihar Police fired tear gas shells) हैं. पटना में जुटे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का भी सहारा (protesting students bihar police water cannon) लेना पड़ा. इस बीच छात्रों के आक्रोश के बीच रेल मंत्रालय ने कहा है कि गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर उम्मीदवारों को रेलवे की नौकरी की पात्रता से आजीवन अयोग्य करार दिया जा सकता है.
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रेल मंत्रालय की ओर से आज जारी एक सार्वजनिक सूचना में कहा गया, मंत्रालय के संज्ञान में ये बात आई है कि रेलवे की नौकरी के आकांक्षी उम्मीदवार बर्बर/गैरकानूनी गतिविधियों जैसे कि रेल की पटरी पर विरोध प्रदर्शन, ट्रेन संचालन में व्यवधान उत्पन्न करने और रेल की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने आदि गतिविधियों में शामिल हैं.