बक्सर: बिहार के बक्सर में रघुनाथपुर स्टेशन के पास नॉर्थ ईस्ट ट्रेन दर्दनाक हादसे का शिकार हो गई. ट्रेन की 21 बोगियां बेपटरी हो गईं, जिसमें तीन बोगी पूरी तरह पलट गईं. हादसे में चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. मृतकों में एक महिला उसकी आठ साल की बच्ची और दो अन्य युवक शामिल है. ट्रेन के गार्ड का कहना है कि हादसे के वक्त ट्रेन 100 किलोमीटर प्रतिघंंटे की रफ्तार पर आगे बढ़ रही थी.
ट्रेन हादसे में गई मां-बेटी की जान: एक परिवार ने ट्रेन में चढ़ने से पहले दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर सेल्फी ली थी. अनहोनी से अंजान परिवार अपनी आखिरी तस्वीर में मुस्कुराता नजर आ रहा है. इस तस्वीर में मौजूद शख्स अपनी दो जुड़वा बेटी और पत्नी के साथ एक सेल्फी लेता दिख रहा है. कुछ ही घंटे बात बक्सर आते-आते इस तस्वीर में दिख रहे दो शख्स का सफर हमेश-हमेशा के लिए थम गया. मां बेटी की हादसे में मौत हो चुकी थी. मां का नाम उषा भंडारी और आठ वर्षीय पुत्री अमृता कुमारी के रूप में इनकी पहचान हुई है. ये आसाम के तिनसुकिया जिला के सदियां गांव की रहने वाली थीं. परिवार दिल्ली से असम जा रहा था.
हादसे में 80 से अधिक लोग हुए जख्मी: इस घटना में तीन मृतकों की पहचान हो गई है और एक मृतक की पहचान की जा रही है. मृतकों के अलावा 80 से अधिक लोग इस दर्दनाक हादसे में जख्मी हुए हैं. इन सभी का इलाज बक्सर, भोजपुर और पटना एम्स में कराया जा रहा है. अस्पताल में भीड़ बढ़ने की वजह से कई जख्मी यात्रियों को फर्श पर बैठना पर रहा है. हालांकि डॉक्टरों की टीम लगातार सभी मरीजों की जांच कर रही है.
ट्रेन हादसे के बाद मची अफरा-तफरी: अचानक हुए ट्रेन हादसे के बाद कुछ लोग अपने बर्थ के नीचे दबे थे. जैसे-तैसे बाहर निकले तो लोगों ने देखा कि ट्रेन का एक्सिडेंट हो गया है. सभी बोगियां इधर-उधर पड़ी हैं. लोगों के बीच अफरा-तफरी का महौल था. किसी ने अपनों को खो दिया तो कोई बुरी तरह जख्मी हो गया.
यात्रियों ने दी परिजनों को सूचना: इस खौफनाक हादसे में सही सलामत बचे यात्रियों ने फोन कर अपने परिजनों को सूचना दी. हादसे का डर उनके जेहन में कुछ ऐसे बैठा था कि फोन पर अपने से बात करते हुए उनके हाथ कांप रहे थे. कई यात्री ऐसे भी थे जिन्हें खरोंच तक नहीं आई. वो बस अपने परिजनों को अपनी सकुशलता की खबर देने को आतुर थे.
खौफनाक है ये मंजर: ट्रेन की बोगियों को ऐसे पलटा देख किसी भी इंसान की रूह कांप जाए. इस खौफनाक मंजर को देखने के लिए भारी संख्या में आसपास के लोग घटनास्थल पर पहुंचे हैं. पुलिस की टीम सभी को ट्रैक से हटा रही थी. यात्रियों का सामान ट्रेन के बाहर तक बिखरा हुआ पड़ा था.
10 से 15 मिनट तक झकझोरती रही ट्रेन: इस हादसे के प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि लगभग 10 से 15 मिनट तक ट्रेन पूरी तरह से यात्रियों को झकझोरती रही. उनकी आंखों के सामने वो मंजर काफी भयावह था. उस समय ऐसी बोगी के कुछ यात्री लगभग सो चुके थे और कुछ सोने की तैयारी में थे. अचानक ने ट्रेन झटका देना शुरू किया और सभी लोगों के अपने से गिरने डरावना दृश्य आंखों के सामने था.
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