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Bihar Jardalu Mango : बिहार के जर्दालू का स्वाद चखेंगे अमेरिका, आस्ट्रेलिया के लोग - Jardalu Mango in America Australia

बिहार के जर्दालू आम के कई लोग दिवाने हैं. इसके स्वाद को अब विदेश में रहने वाले लोग भी चखेंगे. अमेरिका, आस्ट्रेलिया में रहने वाले लोग भी अब जर्दालू का मजा उठाएंगे. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Apr 26, 2023, 3:50 PM IST

भागलपुर : बिहार के स्वादिष्ट जर्दालू आम का स्वाद अब अमेरिका और आस्ट्रेलिया के लोग भी चखेंगे. निर्यात करने के लिए बजाप्ता भागलपुर के आम किसानों को प्रशिक्षण के लिए महाराष्ट्र भेजने की तैयारी चल रही है. भागलपुर के कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले साल भागलपुर से जदार्लू आम तीन देशों में निर्यात किया गया था. इसमें इंगलैंड, बेल्जियम और बहरीन शामिल था. इस साल अमेरिका और आस्ट्रेलिया भी भेजने की तैयारी की जा रही है.

ये भी पढ़ें - राजेंद्र बाबू और इंदिरा गांधी भी रह चुके हैं जर्दालू के फैन

''भागलपुर के आम किसानों को महाराष्ट्र में प्रशिक्षित किया जाएगा. किसानों का एक जत्था जल्द ही महाराष्ट्र के रत्नागिरी जाएगा जहां हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट में किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा.यहां के 50 किसानों को प्रशिक्षित करने की योजना है, लेकिन इस बार आठ किसानों का चयन किया गया है.''- अधिकारी, भागलपुर कृषि विभाग

सुल्तानगंज में दूसरे पैक हाउस की मिला मंजूरी : कृषि विभाग के अधिकारी ने आगे कहा कि प्रशिक्षण के दौरान किसान आम की शॉटिर्ंग, ग्रेडिंग, पैकेजिंग, वॉशिंग के अलावा वैल्यू एडिशन का भी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे. इसके अलावा इन किसानों को आम से दूसरे उत्पाद तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके पहले भी महाराष्ट्र के जलगांव में 30 किसान प्रशिक्षित होकर लौटे हैं. उन्होंने बताया कि जिले के कहलगांव में एक पैक हाउस बनकर लगभग तैयार है, जबकि सुल्तानगंज में दूसरे पैक हाउस की मंजूरी मिल गई.

10 टन आम के निर्यात का लक्ष्य : उद्यान विभाग के एक अधिकारी का मानना है कि किसान आम का उत्पादन तो कर लेते हैं, लेकिन निर्यात के लिए उनके पास जानकारी नहीं रहती है. इस साल नौ से 10 टन आम के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने बताया कि किसान भी अपने उत्पादों को विदेश भेजने को लेकर उत्साहित हैं.

जर्दालु आम की क्या है खासियत : जर्दालु आम में फाइबर अधिक होता है, जो पेट के लिए उत्तम है. यह सुपाच्य होता है. इसमें शुगर की मात्रा कम होती है. जिससे शुगर और रक्तचाप वाले मरीज भी इसे खा सकते हैं. जर्दालू आम को जीआई (जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग) मिल चुका है. जिससे इसे अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिल गई है. जर्दालू आम को अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड बनाने की पहल की जा रही है.

PM से लेकर राष्ट्रपति तक को भोजा जाता है जर्दालू : 2007 से ही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, दिल्ली के विशिष्ट नेताओं और मंत्रियों को जर्दालु आम भेजा जाता रहा है. सरकार की ओर से 2007 में ही भागलपुर के जर्दालू आम को विशिष्ट फसल का दर्जा मिला है. तब से आम भेजने की परंपरा है. भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र बाबू से लेकर जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी समेत कई प्रधानमंत्री को यह आम भेजा जाता था. हालांकि बीच में बंद हो गई थी. (सोर्स- आईएएनएस)

भागलपुर : बिहार के स्वादिष्ट जर्दालू आम का स्वाद अब अमेरिका और आस्ट्रेलिया के लोग भी चखेंगे. निर्यात करने के लिए बजाप्ता भागलपुर के आम किसानों को प्रशिक्षण के लिए महाराष्ट्र भेजने की तैयारी चल रही है. भागलपुर के कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले साल भागलपुर से जदार्लू आम तीन देशों में निर्यात किया गया था. इसमें इंगलैंड, बेल्जियम और बहरीन शामिल था. इस साल अमेरिका और आस्ट्रेलिया भी भेजने की तैयारी की जा रही है.

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''भागलपुर के आम किसानों को महाराष्ट्र में प्रशिक्षित किया जाएगा. किसानों का एक जत्था जल्द ही महाराष्ट्र के रत्नागिरी जाएगा जहां हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट में किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा.यहां के 50 किसानों को प्रशिक्षित करने की योजना है, लेकिन इस बार आठ किसानों का चयन किया गया है.''- अधिकारी, भागलपुर कृषि विभाग

सुल्तानगंज में दूसरे पैक हाउस की मिला मंजूरी : कृषि विभाग के अधिकारी ने आगे कहा कि प्रशिक्षण के दौरान किसान आम की शॉटिर्ंग, ग्रेडिंग, पैकेजिंग, वॉशिंग के अलावा वैल्यू एडिशन का भी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे. इसके अलावा इन किसानों को आम से दूसरे उत्पाद तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके पहले भी महाराष्ट्र के जलगांव में 30 किसान प्रशिक्षित होकर लौटे हैं. उन्होंने बताया कि जिले के कहलगांव में एक पैक हाउस बनकर लगभग तैयार है, जबकि सुल्तानगंज में दूसरे पैक हाउस की मंजूरी मिल गई.

10 टन आम के निर्यात का लक्ष्य : उद्यान विभाग के एक अधिकारी का मानना है कि किसान आम का उत्पादन तो कर लेते हैं, लेकिन निर्यात के लिए उनके पास जानकारी नहीं रहती है. इस साल नौ से 10 टन आम के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने बताया कि किसान भी अपने उत्पादों को विदेश भेजने को लेकर उत्साहित हैं.

जर्दालु आम की क्या है खासियत : जर्दालु आम में फाइबर अधिक होता है, जो पेट के लिए उत्तम है. यह सुपाच्य होता है. इसमें शुगर की मात्रा कम होती है. जिससे शुगर और रक्तचाप वाले मरीज भी इसे खा सकते हैं. जर्दालू आम को जीआई (जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग) मिल चुका है. जिससे इसे अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिल गई है. जर्दालू आम को अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड बनाने की पहल की जा रही है.

PM से लेकर राष्ट्रपति तक को भोजा जाता है जर्दालू : 2007 से ही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, दिल्ली के विशिष्ट नेताओं और मंत्रियों को जर्दालु आम भेजा जाता रहा है. सरकार की ओर से 2007 में ही भागलपुर के जर्दालू आम को विशिष्ट फसल का दर्जा मिला है. तब से आम भेजने की परंपरा है. भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र बाबू से लेकर जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी समेत कई प्रधानमंत्री को यह आम भेजा जाता था. हालांकि बीच में बंद हो गई थी. (सोर्स- आईएएनएस)

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