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राज्य सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, एक दिन पहले ही खत्म हुआ बजट सत्र

संसद का बजट सत्र समाप्त हो गया. राज्य सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. राज्य सभा में बजट सत्र के अंतिम दिन हंगामा और शोरशराबे को लेकर सभापति नायडू ने नाराज हो गए. उन्होंने कहा कि सांसदों के हंगामे के कारण सभापति अपना समापन वक्तव्य भी नहीं दे सकता, ये दुर्भाग्यपूर्ण है. बता दें कि बजट सत्र की बैठक निर्धारित कार्यक्रम से एक दिन पहले अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दी गयी. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बैठक 8 अप्रैल तक चलनी थी.

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राज्य सभा की कार्यवाही
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Published : Apr 7, 2022, 11:58 AM IST

Updated : Apr 7, 2022, 2:21 PM IST

नई दिल्ली : राज्य सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. इसी के साथ संसद का बजट सत्र समाप्त हो गया. सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि आज सभा की कार्यवाही का अंतिम दिन है, ऐसे में तारांकित और अतारांकित सवालों के जवाब सदन के पटल पर रखे हुए माने जाएंगे. उन्होंने सांसदों को शून्यकाल में लोक महत्व के अविलंबनीय मुद्दों को उठाने की अनुमति दी. हालांकि, विपक्षी दलों की ओर से नारेबाजी और हंगामा किया गया, जिस पर सभापति ने नाराजगी प्रकट की.

गौरतलब है कि संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ था और इसका प्रथम चरण 11 फरवरी तक चला. प्रथम चरण में केंद्रीय बजट पेश किया गया था. बजट सत्र का दूसरा चरण 14 मार्च से शरू हुआ था. गुरुवार को कांग्रेस और शिव सेना सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों के भारी हंगामे के बीच, राज्यसभा की बैठक निर्धारित तिथि से एक दिन पहले ही बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. हंगामे के कारण सभापति एम वेंकैया नायडू अपना पारंपरिक समापन संबोधन भी नहीं दे सके.

महाराष्ट्र में दर्ज धोखाधड़ी का मामला : आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के बाद सभापति नायडू ने सभी सदस्यों को अवगत कराया कि आज बजट सत्र का आखिरी दिन है और वह कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस वजह से वह कोई भी नोटिस स्वीकार नहीं कर रहे हैं. इसी दौरान, शिव सेना के सदस्यों ने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए एकत्रित की गई निधि में कथित अनियमितता को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया और उनके बेटे नील के खिलाफ मुंबई पुलिस की ओर से दर्ज किए गए धोखाधड़ी का मामला उठाना चाहा.

राज्य सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, एक दिन पहले ही खत्म हुआ बजट सत्र

हंगामे पर भड़के सभापति, कहा- सदन के बाहर जहां चाहें, मुद्दा उठाएं : कांग्रेस के सदस्यों ने भी इस मुद्दे पर शिव सेना का साथ दिया. सभापति ने हालांकि सदस्यों को इस मामले को उठाने की अनुमति नहीं दी. लिहाजा, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा आरंभ कर दिया. सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि वह इस मामले को जहां चाहे उठा सकते हैं लेकिन सदन में नहीं क्योंकि उन्होंने अनुमति नहीं दी है. इसके बाद उन्होंने शून्यकाल आरंभ कराया और इसके तहत तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन से उनका मुद्दा उठाने के लिए कहा.

आक्रामक तेवर दिखा रहे सांसद सभापति के आसन के करीब पहुंचे : हंगामे के बीच ही डेरेक ने सामाजिक सद्भाव के विषय से जुड़ा एक मुद्दा उठाया. वह अभी अपना मुद्दा ही उठा ही रहे थे कि शिव सेना के सं राउत ने उन्हें टोकते हुए कहा कि वह उससे भी महत्वपूर्ण मुद्दा उठा रहे हैं. इसके बाद डेरेक अपनी सीट पर बैठ गए लेकिन सभापति ने उनसे कहा कि राउत जो विषय उठाना चाह रहे हैं, उसकी अनुमति उन्होंने नहीं दी है. इसके बाद शिव सेना और कांग्रेस सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य ने हंगामा तेज कर दिया और वह सभापति के आसन के निकट आ गए.

भाजपा सांसद ने कश्मीरी पंडितों का मुद्दा उठाया : सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि वे शून्यकाल में अपने मुद्दे उठाने के लिए उन्हें मजबूर नहीं कर सकते. इसके बाद भी हंगामा जारी रहा. इस पर सभापति ने कहा, 'सत्र के आखिरी दिन आप देश में यही संदेश देना चाहते हैं... इससे सदन की गरिमा को ठेस पहुंचेगी.' हंगामे के बीच ही भाजपा के सुशील कुमार मोदी ने कश्मीरी पंडितों का मुद्दा उठाया और सरकार से मांग की कि उनके खिलाफ हुए 'जघन्य' अपराधों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में विशेष जांच दल का गठन किया जाए.

यह भी पढ़ें- संसद में कश्मीरी पंडितों का मुद्दा गूंजा, भाजपा सांसद की मांग- बिट्टा कराटे और यासीन मलिक को मिले सजा

बिहार के कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग : इस दौरान सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी था. कुछ सदस्य आसन के समक्ष आ कर नारे लगा रहे थे. सभापति ने इन सदस्यों से कहा कि उनके आचरण से गलत संदेश जा रहा है. उन्होंने सदस्यों से बार-बार आग्रह किया कि वे अपने-अपने स्थानों पर लौट जाएं, हंगामा ना करें और कार्यवाही को आगे बढ़ने दें. हंगामे के बीच ही समाजवादी पार्टी के विशम्भर प्रसाद निषाद ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने का मुद्दा उठाया.

सदन की गरिमा को ठेस, सभापति ने जाहिर किया दुख : नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से बार-बार अनुरोध किया कि वह अपने स्थानों पर लौट जाएं. लेकिन सदस्यों ने उनकी एक ना सुनी. सदस्यों के इस आचरण पर नाखुशी जाहिर करते हुए नायडू ने कहा, 'यह पूरी तरह लोकतांत्रिक भावना के खिलाफ है...यह नियमों के खिलाफ है...यह सदन की गरिमा के विपरित है. मैं इससे बहुत दुखी हूं.' उन्होंने कहा, 'सत्र के आखिरी दिन अगर कुछ सदस्य सदन में व्यवधान डालना तय कर चुके है...मैं कुछ नहीं कर सकता.'

आप चाहते हैं सभापति कार्रवाई करें, मैं नहीं करना चाहता : इसके बाद डेरेक ओब्रायन ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से विपक्षी सदस्य महंगाई का मुद्दा उठाना चाह रहे हैं लेकिन इसकी अनुमति नहीं दी जा रही है. इस पर नायडू ने सवाल किया कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है? कौन सदन में व्यवधान डाल रहा है? उन्होंने कहा, 'उन्हें पता है कि आज आखिरी दिन है सत्र का. इसलिए ऐसी स्थिति पैदा कर दो ताकि सभापति कार्रवाई करें. मैं यह करना नहीं चाहता. कार्रवाई कर मैं आपकी मदद नहीं करने वाला हूं.'

यह भी पढ़ें- संसद का बजट सत्र समाप्त, लोक सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

इससे पहले लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद दो चरणों में आयोजित हुए संसद के बजट सत्र के दौरान निष्पादित विधायी कामकाज का ब्यौरा पढ़ा. उन्होंने सदन की सुचारू कार्यवाही में सहयोग करने के लिए लोक सभा के अधिकारियों, सचिवालय के लोगों और सांसदों का आभार प्रकट किया. बजट सत्र में लोक सभा की कार्य उत्पादकता 129 प्रतिशत रही.

(इनपुट-पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : राज्य सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. इसी के साथ संसद का बजट सत्र समाप्त हो गया. सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि आज सभा की कार्यवाही का अंतिम दिन है, ऐसे में तारांकित और अतारांकित सवालों के जवाब सदन के पटल पर रखे हुए माने जाएंगे. उन्होंने सांसदों को शून्यकाल में लोक महत्व के अविलंबनीय मुद्दों को उठाने की अनुमति दी. हालांकि, विपक्षी दलों की ओर से नारेबाजी और हंगामा किया गया, जिस पर सभापति ने नाराजगी प्रकट की.

गौरतलब है कि संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ था और इसका प्रथम चरण 11 फरवरी तक चला. प्रथम चरण में केंद्रीय बजट पेश किया गया था. बजट सत्र का दूसरा चरण 14 मार्च से शरू हुआ था. गुरुवार को कांग्रेस और शिव सेना सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों के भारी हंगामे के बीच, राज्यसभा की बैठक निर्धारित तिथि से एक दिन पहले ही बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. हंगामे के कारण सभापति एम वेंकैया नायडू अपना पारंपरिक समापन संबोधन भी नहीं दे सके.

महाराष्ट्र में दर्ज धोखाधड़ी का मामला : आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के बाद सभापति नायडू ने सभी सदस्यों को अवगत कराया कि आज बजट सत्र का आखिरी दिन है और वह कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस वजह से वह कोई भी नोटिस स्वीकार नहीं कर रहे हैं. इसी दौरान, शिव सेना के सदस्यों ने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए एकत्रित की गई निधि में कथित अनियमितता को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया और उनके बेटे नील के खिलाफ मुंबई पुलिस की ओर से दर्ज किए गए धोखाधड़ी का मामला उठाना चाहा.

राज्य सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, एक दिन पहले ही खत्म हुआ बजट सत्र

हंगामे पर भड़के सभापति, कहा- सदन के बाहर जहां चाहें, मुद्दा उठाएं : कांग्रेस के सदस्यों ने भी इस मुद्दे पर शिव सेना का साथ दिया. सभापति ने हालांकि सदस्यों को इस मामले को उठाने की अनुमति नहीं दी. लिहाजा, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा आरंभ कर दिया. सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि वह इस मामले को जहां चाहे उठा सकते हैं लेकिन सदन में नहीं क्योंकि उन्होंने अनुमति नहीं दी है. इसके बाद उन्होंने शून्यकाल आरंभ कराया और इसके तहत तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन से उनका मुद्दा उठाने के लिए कहा.

आक्रामक तेवर दिखा रहे सांसद सभापति के आसन के करीब पहुंचे : हंगामे के बीच ही डेरेक ने सामाजिक सद्भाव के विषय से जुड़ा एक मुद्दा उठाया. वह अभी अपना मुद्दा ही उठा ही रहे थे कि शिव सेना के सं राउत ने उन्हें टोकते हुए कहा कि वह उससे भी महत्वपूर्ण मुद्दा उठा रहे हैं. इसके बाद डेरेक अपनी सीट पर बैठ गए लेकिन सभापति ने उनसे कहा कि राउत जो विषय उठाना चाह रहे हैं, उसकी अनुमति उन्होंने नहीं दी है. इसके बाद शिव सेना और कांग्रेस सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य ने हंगामा तेज कर दिया और वह सभापति के आसन के निकट आ गए.

भाजपा सांसद ने कश्मीरी पंडितों का मुद्दा उठाया : सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि वे शून्यकाल में अपने मुद्दे उठाने के लिए उन्हें मजबूर नहीं कर सकते. इसके बाद भी हंगामा जारी रहा. इस पर सभापति ने कहा, 'सत्र के आखिरी दिन आप देश में यही संदेश देना चाहते हैं... इससे सदन की गरिमा को ठेस पहुंचेगी.' हंगामे के बीच ही भाजपा के सुशील कुमार मोदी ने कश्मीरी पंडितों का मुद्दा उठाया और सरकार से मांग की कि उनके खिलाफ हुए 'जघन्य' अपराधों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में विशेष जांच दल का गठन किया जाए.

यह भी पढ़ें- संसद में कश्मीरी पंडितों का मुद्दा गूंजा, भाजपा सांसद की मांग- बिट्टा कराटे और यासीन मलिक को मिले सजा

बिहार के कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग : इस दौरान सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी था. कुछ सदस्य आसन के समक्ष आ कर नारे लगा रहे थे. सभापति ने इन सदस्यों से कहा कि उनके आचरण से गलत संदेश जा रहा है. उन्होंने सदस्यों से बार-बार आग्रह किया कि वे अपने-अपने स्थानों पर लौट जाएं, हंगामा ना करें और कार्यवाही को आगे बढ़ने दें. हंगामे के बीच ही समाजवादी पार्टी के विशम्भर प्रसाद निषाद ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने का मुद्दा उठाया.

सदन की गरिमा को ठेस, सभापति ने जाहिर किया दुख : नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से बार-बार अनुरोध किया कि वह अपने स्थानों पर लौट जाएं. लेकिन सदस्यों ने उनकी एक ना सुनी. सदस्यों के इस आचरण पर नाखुशी जाहिर करते हुए नायडू ने कहा, 'यह पूरी तरह लोकतांत्रिक भावना के खिलाफ है...यह नियमों के खिलाफ है...यह सदन की गरिमा के विपरित है. मैं इससे बहुत दुखी हूं.' उन्होंने कहा, 'सत्र के आखिरी दिन अगर कुछ सदस्य सदन में व्यवधान डालना तय कर चुके है...मैं कुछ नहीं कर सकता.'

आप चाहते हैं सभापति कार्रवाई करें, मैं नहीं करना चाहता : इसके बाद डेरेक ओब्रायन ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से विपक्षी सदस्य महंगाई का मुद्दा उठाना चाह रहे हैं लेकिन इसकी अनुमति नहीं दी जा रही है. इस पर नायडू ने सवाल किया कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है? कौन सदन में व्यवधान डाल रहा है? उन्होंने कहा, 'उन्हें पता है कि आज आखिरी दिन है सत्र का. इसलिए ऐसी स्थिति पैदा कर दो ताकि सभापति कार्रवाई करें. मैं यह करना नहीं चाहता. कार्रवाई कर मैं आपकी मदद नहीं करने वाला हूं.'

यह भी पढ़ें- संसद का बजट सत्र समाप्त, लोक सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

इससे पहले लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद दो चरणों में आयोजित हुए संसद के बजट सत्र के दौरान निष्पादित विधायी कामकाज का ब्यौरा पढ़ा. उन्होंने सदन की सुचारू कार्यवाही में सहयोग करने के लिए लोक सभा के अधिकारियों, सचिवालय के लोगों और सांसदों का आभार प्रकट किया. बजट सत्र में लोक सभा की कार्य उत्पादकता 129 प्रतिशत रही.

(इनपुट-पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Apr 7, 2022, 2:21 PM IST
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