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जम्मू-कश्मीर को रियल एस्टेट निवेशकों के लिए खोलने पर उमर, महबूबा और बुखारी ने नाराजगी जताई - जम्मू-कश्मीर को रियल एस्टेट का मामला

उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के अलावा अपनी पार्टी के अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने केंद्र शासित प्रदेश को रियल एस्टेट निवेशकों के लिए खोलने को लेकर प्रशासन पर निशान साधा. इन नेताओं ने जम्मू कश्मीर में क्षेत्र की जनसांख्यिकी को बदलने का भी आरोप लगाया.

Omar, Mehbooba, Bukhari
उमर, महबूबा और बुखारी (फाइल फोटो)
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Published : Dec 27, 2021, 9:02 PM IST

Updated : Dec 27, 2021, 10:31 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के अलावा अपनी पार्टी के अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने केंद्र शासित प्रदेश को रियल एस्टेट निवेशकों के लिए खोलने को लेकर सोमवार को प्रशासन पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि क्षेत्र की जनसांख्यिकी को बदलने के लिए ऐसा किया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश में आवास और वाणिज्यिक परियोजनाओं के विकास के लिए देश के रियल एस्टेट निवेशकों के साथ 18,300 करोड़ रुपये के 39 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके बाद इन दोनों नेताओं ने टिप्पणी की है.

जानिए क्या कहा अपनी पार्टी के अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने.

उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने ट्विटर पर लिखा, 'एक बार फिर सरकार की असली मंशा सामने आ गई है. लद्दाख के लोगों की जमीन, नौकरी, अधिवास कानून और पहचान को सुरक्षित रखते हुए, जम्मू-कश्मीर को बिक्री के लिए रखा जा रहा है. जम्मू के लोगों को सावधान रहना चाहिए. 'निवेशक' कश्मीर से बहुत पहले जम्मू में जमीन खरीदेंगे.'

ये भी पढ़ें - Jammu Kashmir AFSPA review: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा- जरूरत महसूस नहीं होती

वहीं महबूबा महबूबा (Mehbooba Mufti) ने ट्वीट किया, 'भारत के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य को अमानवीय बनाने, अलग-थलग करने और कमजोर करने के लिए जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को अवैध रूप से रद्द कर दिया गया था. भारत सरकार की खुलेआम लूट और हमारे संसाधनों की बिक्री से पता चलता है कि इसका एकमात्र मकसद हमारी पहचान को खत्म करना और जनसांख्यिकी को बदलना है.'

इसी क्रम में अपनी पार्टी के अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी (Jammu and Kashmir party president Syed Altaf Bukhari) ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा जम्मू-कश्मीर के जनसांख्यिकी के साथ खिलवाड़ करने का विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी हमेशा जम्मू-कश्मीर में प्रगति और समृद्धि को बढ़ावा देने वाले किसी भी प्रयास का स्वागत करेगी. लेकिन साथ ही हम ऐसी किसी भी योजना का विरोध करेंगे जो लोगों के जमीन और नौकरियों पर उनके विशेष अधिकारों को खत्म कर देगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को गैर-कृषि की बिक्री पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने चाहिए.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के अलावा अपनी पार्टी के अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने केंद्र शासित प्रदेश को रियल एस्टेट निवेशकों के लिए खोलने को लेकर सोमवार को प्रशासन पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि क्षेत्र की जनसांख्यिकी को बदलने के लिए ऐसा किया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश में आवास और वाणिज्यिक परियोजनाओं के विकास के लिए देश के रियल एस्टेट निवेशकों के साथ 18,300 करोड़ रुपये के 39 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके बाद इन दोनों नेताओं ने टिप्पणी की है.

जानिए क्या कहा अपनी पार्टी के अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने.

उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने ट्विटर पर लिखा, 'एक बार फिर सरकार की असली मंशा सामने आ गई है. लद्दाख के लोगों की जमीन, नौकरी, अधिवास कानून और पहचान को सुरक्षित रखते हुए, जम्मू-कश्मीर को बिक्री के लिए रखा जा रहा है. जम्मू के लोगों को सावधान रहना चाहिए. 'निवेशक' कश्मीर से बहुत पहले जम्मू में जमीन खरीदेंगे.'

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वहीं महबूबा महबूबा (Mehbooba Mufti) ने ट्वीट किया, 'भारत के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य को अमानवीय बनाने, अलग-थलग करने और कमजोर करने के लिए जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को अवैध रूप से रद्द कर दिया गया था. भारत सरकार की खुलेआम लूट और हमारे संसाधनों की बिक्री से पता चलता है कि इसका एकमात्र मकसद हमारी पहचान को खत्म करना और जनसांख्यिकी को बदलना है.'

इसी क्रम में अपनी पार्टी के अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी (Jammu and Kashmir party president Syed Altaf Bukhari) ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा जम्मू-कश्मीर के जनसांख्यिकी के साथ खिलवाड़ करने का विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी हमेशा जम्मू-कश्मीर में प्रगति और समृद्धि को बढ़ावा देने वाले किसी भी प्रयास का स्वागत करेगी. लेकिन साथ ही हम ऐसी किसी भी योजना का विरोध करेंगे जो लोगों के जमीन और नौकरियों पर उनके विशेष अधिकारों को खत्म कर देगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को गैर-कृषि की बिक्री पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने चाहिए.

Last Updated : Dec 27, 2021, 10:31 PM IST
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