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इनकी अनूठी शिक्षण शैली ने बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर को किया कम

ओडिशा के एक प्रधानाध्यापक ने पढ़ाई में बच्चों की रुचि बढ़ाने के लिए एक अनूठी शिक्षण शैली पेश की जिसके साथ ही बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर में कमी आई है.

ajeet kumar sethi
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Published : Sep 7, 2021, 4:02 PM IST

Updated : Sep 7, 2021, 7:27 PM IST

बरहामपुर (ओडिशा): चार साल पहले, ओडिशा के गंजम जिले के एक उच्च प्राथमिक विद्यालय में बुनियादी ढांचे की कमी थी जिसके कारण छात्रों ने स्कूल जाना छोड़ दिया था, लेकिन 2021 में इस उच्च प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 1-4 तक की छात्र संख्या 50 से बढ़कर 107 हो गई है.

सरकार द्वारा संचालित यह स्कूल इस उपलब्धि का श्रेय इसके प्रधानाध्यापक अजीत कुमार सेठी को देता है, जिन्होंने अपनी अनूठी शिक्षण शैली के साथ यह परिवर्तन लाया.

शिक्षा मंत्रालय का ट्वीट
शिक्षा मंत्रालय का ट्वीट

अजीत सेठी देश भर के उन 44 शिक्षकों और राज्य के दो शिक्षकों में से एक हैं जिन्हें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शिक्षक दिवस पर स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और छात्रों के जीवन को समृद्ध बनाने में उनके योगदान के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया था.

2017 में स्कूल से जुड़ने वाले अजीत सेठी ने कहा, मैंने देखा कि स्कूल में बुनियादी ढांचे की कमी थी. मैंने छात्रों को स्कूल में वापस लाने की योजना पर काम किया, जिनमें से ज्यादातर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्र थे.

ग्रामीणों, पंचायत प्रमुख और अन्य की भागीदारी से स्कूल का विद्युतीकरण किया गया, लड़कों और लड़कियों के लिए अलग शौचालय परिसर बनाए गए, पानी की सुविधा दी गई और स्कूल परिसर में एक न्यूट्रिशन गार्डन विकसित किया गया.

सेठी ने छात्रों की पढ़ाई में रुचि बढ़ाने के लिए विभिन्न विषयों के अध्यायों को गा कर समझाया. उन्हें गीतों के माध्यम से बच्चों को पढ़ाना शुरू किया जिसके बाद बच्चों ने सीखने में गहरी रुचि दिखाई.

पढ़ें :- राष्ट्रपति कोविंद ने 44 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया

कोविड-19 महामारी के बीच, अजीत सेठी ने विभिन्न विषयों पर वीडियो बनाए और छात्रों को व्हाट्सएप, यूट्यूब और साथ ही मधु ऐप (जिसे गंजम जिला प्रशासन द्वारा विकसित किया गया है) पर उपलब्ध कराया.

उन्होंने संगीत के माध्यम से छात्रों में बाल विवाह और बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता भी फैलाई.

एक ट्वीट में, शिक्षा मंत्रालय ने सेठी को कला और संगीत शिक्षक के रूप में वर्णित किया, जो बच्चों को विज्ञान, गणित, भूगोल, को समझने में मदद करने के लिए अपने संगीत का उपयोग करते हैं.

सेठी ने कहा कि वह सिर्फ 13 साल की सेवा के बाद यह पुरस्कार पाकर खुश हैं. उन्होंने कहा कि यह कड़ी मेहनत की पहचान है. यह पुरस्कार उन्हें छात्रों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगा.

बरहामपुर (ओडिशा): चार साल पहले, ओडिशा के गंजम जिले के एक उच्च प्राथमिक विद्यालय में बुनियादी ढांचे की कमी थी जिसके कारण छात्रों ने स्कूल जाना छोड़ दिया था, लेकिन 2021 में इस उच्च प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 1-4 तक की छात्र संख्या 50 से बढ़कर 107 हो गई है.

सरकार द्वारा संचालित यह स्कूल इस उपलब्धि का श्रेय इसके प्रधानाध्यापक अजीत कुमार सेठी को देता है, जिन्होंने अपनी अनूठी शिक्षण शैली के साथ यह परिवर्तन लाया.

शिक्षा मंत्रालय का ट्वीट
शिक्षा मंत्रालय का ट्वीट

अजीत सेठी देश भर के उन 44 शिक्षकों और राज्य के दो शिक्षकों में से एक हैं जिन्हें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शिक्षक दिवस पर स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और छात्रों के जीवन को समृद्ध बनाने में उनके योगदान के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया था.

2017 में स्कूल से जुड़ने वाले अजीत सेठी ने कहा, मैंने देखा कि स्कूल में बुनियादी ढांचे की कमी थी. मैंने छात्रों को स्कूल में वापस लाने की योजना पर काम किया, जिनमें से ज्यादातर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्र थे.

ग्रामीणों, पंचायत प्रमुख और अन्य की भागीदारी से स्कूल का विद्युतीकरण किया गया, लड़कों और लड़कियों के लिए अलग शौचालय परिसर बनाए गए, पानी की सुविधा दी गई और स्कूल परिसर में एक न्यूट्रिशन गार्डन विकसित किया गया.

सेठी ने छात्रों की पढ़ाई में रुचि बढ़ाने के लिए विभिन्न विषयों के अध्यायों को गा कर समझाया. उन्हें गीतों के माध्यम से बच्चों को पढ़ाना शुरू किया जिसके बाद बच्चों ने सीखने में गहरी रुचि दिखाई.

पढ़ें :- राष्ट्रपति कोविंद ने 44 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया

कोविड-19 महामारी के बीच, अजीत सेठी ने विभिन्न विषयों पर वीडियो बनाए और छात्रों को व्हाट्सएप, यूट्यूब और साथ ही मधु ऐप (जिसे गंजम जिला प्रशासन द्वारा विकसित किया गया है) पर उपलब्ध कराया.

उन्होंने संगीत के माध्यम से छात्रों में बाल विवाह और बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता भी फैलाई.

एक ट्वीट में, शिक्षा मंत्रालय ने सेठी को कला और संगीत शिक्षक के रूप में वर्णित किया, जो बच्चों को विज्ञान, गणित, भूगोल, को समझने में मदद करने के लिए अपने संगीत का उपयोग करते हैं.

सेठी ने कहा कि वह सिर्फ 13 साल की सेवा के बाद यह पुरस्कार पाकर खुश हैं. उन्होंने कहा कि यह कड़ी मेहनत की पहचान है. यह पुरस्कार उन्हें छात्रों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगा.

Last Updated : Sep 7, 2021, 7:27 PM IST
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