काठमांडू : नेपाल के पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन मात्र 14 दिन पहले ही हुआ था. इस एयरपोर्ट को चीन ने तैयार किया था. नेपाली मीडिया के अनुसार इस एयरपोर्ट को नेपाल और चीन की दोस्ती का सुबूत कहा जाता था. नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने इस हवाई अड्डे का उद्घाटन किया था. इस मौके पर प्रचंड ने कहा था कि पोखरा एयरपोर्ट की मदद से हम क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत करेंगे.
दरअसल, यह एयरपोर्ट पहले भी विवादों में घिरा रहा है. नेपाल की पिछली सरकार, जिसके मुखिया शेर बहादुर देउबा थे, उनके समय में चीन ने इस पर काम शुरू किया था. चीन के विदेश मंत्री वांग पी ने उस समय कहा था कि वह इस एयरपोर्ट को नेपाल की सहूलियत के लिए बना रहे हैं. लेकिन विवाद उस समय उत्पन्न हो गया, जब चीन ने इस एयरपोर्ट को अपने बीआरआई (बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव) का हिस्सा बता दिया. काठमांडू स्थित चीनी दूतावास ने इसकी पुष्टि भी की. आश्चर्य इस बात का है कि चीन ने इसे बीआरआई का हिस्सा तब बताया, जब यह एयरपोर्ट बनकर तैयार हो गया.
नेपाल के पीएम प्रचंड ने उद्घाटन के मौके पर कहा था कि जब इस एयरपोर्ट की शुरुआत हुई थी, तब चीन ने इसे बीआरआई का हिस्सा नहीं कहा था, लेकिन अब इसे ऐसा बताया जा रहा है. उन्होंने एक तरीके से इस पर आश्चर्य व्यक्त किया.
बात इतनी भर नहीं है, चीन ने इस एयरपोर्ट के लिए नेपाल को कर्ज भी दिया है. चीन के एग्जिम बैंक ने नेपाल को कर्ज दिया था. नेपाली मीडिया में यह भी जानकारी दी गई है कि उद्घटान के दिन उसी विमान का डेमो दिया गया था, जो दुर्घटना का शिकार हुआ. यह चीन की नीति रही है कि वह कर्ज देकर दूसरे देशों में इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करता है और बाद में उसके जरिए ही उस देश को अपने कर्ज के जाल में फंसा लेता है.
रविवार को हुए विमान हादसे में 68 लोगों की मौत हो गई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 68 शव बरामद हो चुके हैं. एक जानकारी के मुताबिक विमान लैंडिंग के मात्र 10 सेकेंड पहले ही दुर्घटना का शिकार हो गया.
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