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Kamal Nath Vs Akhilesh Yadav : कमलनाथ की सपा व अखिलेश यादव को लेकर बयानबाजी से INDIA गठबंधन पर मंडराया संकट

क्या पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का एक और बयान कांग्रेस के लिए बड़ा संकट बनने जा रहा है. संकट इतना बड़ा कि असर एमपी चुनाव से लेकर यूपी के चुनाव में भी होगा. एमपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से गठबंधन टूटने के साथ कमलनाथ ने जिस तरह से अखिलेश यादव को लेकर बयान दिया INDIA गठबंधन में भी बड़ी दरार की वजह बन सकता है.

Kamal Nath Vs Akhilesh Yadav
कमलनाथ की सपा व अखिलेश यादव को लेकर बयानबाजी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 21, 2023, 3:29 PM IST

Updated : Oct 21, 2023, 4:46 PM IST

कमलनाथ का अखिलेश का बयान

भोपाल। एमपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच की तकरार दरार बनकर यूपी लोकसभा चुनाव समेत क्या गठबंधन पर भी बड़ा असर डालने वाली है. अखिलेश यादव की नाराजगी तो इसी की तरफ इशारा कर रही है. बात केवल तय हुई 6 सीटों पर समझौते की. बाद में कांग्रेस के उम्मीदवार उतार दिए गए. आग में घी का काम उस बयान ने भी किया जिसमें मीडिया के सामने कमलनाथ ये कहा कि छोड़िए अखिलेश वखिलेश. इस बयान की प्रतिध्वनि लोकसभा चुनाव तक ना सुनी जाए.

  • हरदोई: समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- यह वही कांग्रेस पार्टी है जिसने जाति जनगणना के आंकड़े नहीं दिए थे यह एक 'चमत्कार' है क्योंकि अब हर कोई जानता है कि जब तक आपके पास नहीं होगा पिछड़ी जातियों के समर्थन से आप सफल नहीं होंगे#UttarPradesh #AkhileshYadav #HARDOI_NEWS pic.twitter.com/84IStNVeWX

    — NDV TODAY (@NdvToday) October 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कमलनाथ के बयान घातक साबित : बयान कितना और क्या असर डालते हैं, कमलनाथ से बेहतर ये कौन जानता है. सिंधिया के एक बयान पर कमलनाथ का पलटवार था कि फिर सड़क पर उतर आएं सिंधिया. और कमलनाथ की पूरी सरकार सड़क पर आ गई. सवाल सिर्फ मध्यप्रदेश के चुनाव का नहीं है. इसका असर लोकसभा चुनाव में यूपी तक जाएगा. अखिलेश यादव के तेवर ये बता रहे हैं. अखिलेश यादव ने यूपी में बयान दिया है कि जब एमपी में कांग्रेस को सरकार बनानी थी तो सुबह से शाम तक हमारे विधायक ढूंढ रहे थे. मीडिया ने उनसे कमलनाथ के अखिलेश वखिलेश कहने पर भी सवाल किया. और जवाब अखिलेश यादव ने दिया, उसके कई अर्थ निकाले जा सकते हैं. अखिलेश ने कहा कि जिनके नाम में कमल हो वो तो ऐसा कहेंगे ही.

रायबरेली व अमेठी में क्या करेगी कांग्रेस : सवाल ये है कि क्या एमपी में कांग्रेस-सपा एपीसोड के बाद यूपी में रायबरेली और अमेठी की सीट सपा कांग्रेस के लिए छोड़ पाएगी. अखिलेश यादव के कांग्रेस पर हमले बढ़ गए हैं. उन्होंने यूपी के हरदोई में दिए ताज़ा बयान में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने जाति जनगणना के आंकडे नहीं दिए. ये चमत्कार है. क्योंकि सबको अहसास हो गया जब तक पिछड़े, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक भाइयों का साथ नहीं लोगे, कामयाब नहीं होगे. कांग्रेस पार्टी चमत्कार में आ गई. क्योंकि वो जानती है कि वो वोट जो पार्टी ढूंढती थी, वो वोट अब उनके साथ नहीं है.

6 सीटों पर हुआ था समझौता : एमपी में मुद्दा 6 सीटों से शुरू हुआ था. सपा और कांग्रेस के बीच एमपी के विधानसभा चुनाव में 6 सीटें सपा दो देने पर सहमति बनी थी. इसे लेकर अखिलेश यादव और कमलनाथ के बीच चर्चा भी हो चुकी थी. हालांकि अखिलेश यादव ने दो सीटें बढ़ाते हुए आठ सीटें सपा को देने की मंशा भी जताई. लेकिन कांग्रेस 6 सीटें देने पर ही अड़ी थी. लिहाजा अखिलेश यादव ने भी नामों की सूची काग्रेस को सौंप दी. इस आग्रह के साथ जब सूची जारी हो तो उसमें इन नामों की जगह सपा के नाम लिखकर जारी कर दिए जाएं. लेकिन सूची जब जारी हुई तो इसमें कांग्रेस के ही नाम थे. ये पहला झटका था.

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छत्तीसगढ़ के सिंहदेव भी पीछे नहीं : कमलनाथ ने अखिलेश वखिलेश कहा तो अब छत्तीसगढ से कांग्रेस वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव का बयान भी इसी अंदाज का. मीडिया के सवाल पर पहले उन्होंने पूछा कौन अखिलेश यादव और फिर कहा कि उनकी सोच के लिए मैं क्या कर सकता हूं. वो पढ़े लिखे हैं. शायद मुख्यमंत्री भी रहे हैं. वहीं, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं कि कमलनाथ के बयान कांग्रेस का किस तरह संकट बढ़ाते हैं ये पार्टी पहले भी देख चुकी है. एमपी में कांग्रेस की सत्ता से जाने की वजह यही थी. फिर जिस तरह से अब समाजवादी पार्टी के साथ एमपी में हुआ और उसके बाद अखिलेश यादव को लेकर कमलनाथ का बयान ने कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी INDIA गठबंधन में.

कमलनाथ का अखिलेश का बयान

भोपाल। एमपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच की तकरार दरार बनकर यूपी लोकसभा चुनाव समेत क्या गठबंधन पर भी बड़ा असर डालने वाली है. अखिलेश यादव की नाराजगी तो इसी की तरफ इशारा कर रही है. बात केवल तय हुई 6 सीटों पर समझौते की. बाद में कांग्रेस के उम्मीदवार उतार दिए गए. आग में घी का काम उस बयान ने भी किया जिसमें मीडिया के सामने कमलनाथ ये कहा कि छोड़िए अखिलेश वखिलेश. इस बयान की प्रतिध्वनि लोकसभा चुनाव तक ना सुनी जाए.

  • हरदोई: समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- यह वही कांग्रेस पार्टी है जिसने जाति जनगणना के आंकड़े नहीं दिए थे यह एक 'चमत्कार' है क्योंकि अब हर कोई जानता है कि जब तक आपके पास नहीं होगा पिछड़ी जातियों के समर्थन से आप सफल नहीं होंगे#UttarPradesh #AkhileshYadav #HARDOI_NEWS pic.twitter.com/84IStNVeWX

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कमलनाथ के बयान घातक साबित : बयान कितना और क्या असर डालते हैं, कमलनाथ से बेहतर ये कौन जानता है. सिंधिया के एक बयान पर कमलनाथ का पलटवार था कि फिर सड़क पर उतर आएं सिंधिया. और कमलनाथ की पूरी सरकार सड़क पर आ गई. सवाल सिर्फ मध्यप्रदेश के चुनाव का नहीं है. इसका असर लोकसभा चुनाव में यूपी तक जाएगा. अखिलेश यादव के तेवर ये बता रहे हैं. अखिलेश यादव ने यूपी में बयान दिया है कि जब एमपी में कांग्रेस को सरकार बनानी थी तो सुबह से शाम तक हमारे विधायक ढूंढ रहे थे. मीडिया ने उनसे कमलनाथ के अखिलेश वखिलेश कहने पर भी सवाल किया. और जवाब अखिलेश यादव ने दिया, उसके कई अर्थ निकाले जा सकते हैं. अखिलेश ने कहा कि जिनके नाम में कमल हो वो तो ऐसा कहेंगे ही.

रायबरेली व अमेठी में क्या करेगी कांग्रेस : सवाल ये है कि क्या एमपी में कांग्रेस-सपा एपीसोड के बाद यूपी में रायबरेली और अमेठी की सीट सपा कांग्रेस के लिए छोड़ पाएगी. अखिलेश यादव के कांग्रेस पर हमले बढ़ गए हैं. उन्होंने यूपी के हरदोई में दिए ताज़ा बयान में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने जाति जनगणना के आंकडे नहीं दिए. ये चमत्कार है. क्योंकि सबको अहसास हो गया जब तक पिछड़े, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक भाइयों का साथ नहीं लोगे, कामयाब नहीं होगे. कांग्रेस पार्टी चमत्कार में आ गई. क्योंकि वो जानती है कि वो वोट जो पार्टी ढूंढती थी, वो वोट अब उनके साथ नहीं है.

6 सीटों पर हुआ था समझौता : एमपी में मुद्दा 6 सीटों से शुरू हुआ था. सपा और कांग्रेस के बीच एमपी के विधानसभा चुनाव में 6 सीटें सपा दो देने पर सहमति बनी थी. इसे लेकर अखिलेश यादव और कमलनाथ के बीच चर्चा भी हो चुकी थी. हालांकि अखिलेश यादव ने दो सीटें बढ़ाते हुए आठ सीटें सपा को देने की मंशा भी जताई. लेकिन कांग्रेस 6 सीटें देने पर ही अड़ी थी. लिहाजा अखिलेश यादव ने भी नामों की सूची काग्रेस को सौंप दी. इस आग्रह के साथ जब सूची जारी हो तो उसमें इन नामों की जगह सपा के नाम लिखकर जारी कर दिए जाएं. लेकिन सूची जब जारी हुई तो इसमें कांग्रेस के ही नाम थे. ये पहला झटका था.

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Last Updated : Oct 21, 2023, 4:46 PM IST
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