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MP Guard Over Shiva: महाशिवरात्रि पर खुलेंगे सोमेश्वर शिव के कपाट, भक्त सिर्फ 12 घंटे कर सकेंगे अभिषेक

महाशिवरात्रि को मात्र दो दिन बचे हैं. वहीं देश को आजाद हुए 75 वर्ष बीत चुके हैं. देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. बावजूद इसके विष पीकर नीलकंठ कहलाने वाले महादेव सदियां बीत जाने के बाद आज भी कैद हैं. सिर्फ महाशिवरात्रि के दिन 12 घंटे के लिए उनके दर्शन और अभिषेक की अनुमति प्रशासन द्वारा दी जाती है.

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Published : Feb 16, 2023, 6:36 PM IST

mp guard over Shiva
महाशिवरात्रि पर खुलेंगे सोमेश्वर शिव के कपाट

भोपाल। मध्यप्रदेश में कई प्रसिद्ध शिवमंदिर हैं. यहां एक ऐसा शिव मंदिर भी है, जिस पर जलाभिषेक करने के लिए भक्तों को पूरे एक साल का इंतजार करना पड़ता है. यह मंदिर साल में सिर्फ 12 घंटे के लिए ही खुलता है. प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 48 किलोमीटर दूर स्थित रायसेन जिले का यह सोमेश्वर शिव मंदिर है. महाशिवरात्रि पर इस मंदिर के पट सुबह छह बजे खुलेंगे और श्रद्धालु शाम 6 बजे तक यहां भोलेनाथ के दर्शन कर पाएंगे. 11वीं सदी के रायसेन के किले में स्थित यह मंदिर आजादी के बाद से ही धार्मिक विवाद में आ गया था.

mp guard over Shiva
भक्त सिर्फ 12 घंटे कर सकेंगे दर्शन और अभिषेक

ऐतिहासिक किले में है प्रसिद्ध मंदिरः करीब 1 हजार फीट ऊंचे पहाड़ पर स्थित रायसेन के किले में यह प्रसिद्ध सोमेश्वर मंदिर मौजूद है. 10वीं सदी का यह किला अपने अंदर कई ऐतिहासिक तथ्यों को समेटे है. इतिहासकारों के मुताबिक उस वक्त यहां परमारकालीन राजाओं का शासन हुआ करता था. उसी दौरान सोमेश्वर मंदिर का निर्माण कराया गया. रायसेन का यह किला अपनी भौगौलिक स्थिति के चलते हमेशा आक्रमणकारियों का शिकार होता रहा. 12वीं सदी के बाद यहां मुस्लिम शासकों के आक्रमण शुरू हो गए. 1283 में यहां जलालउद्दीन खिलजी काबिज हो गया. इसके बाद यहां मलिक काफूर, मोहम्मद शाह तुगलक, साहिब खान का कब्जा रहा.

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आजादी के समय हुआ था धार्मिक विवादः 1543 में Sher Shah Suri ने इस पर अपना कब्जा कर लिया. बताया जाता है कि इस दौरान इस मंदिर के पास मस्जिद का निर्माण किया गया. देश के आजादी के समय मंदिर को लेकर Religious controversy हुई थी और इसके चलते मंदिर में ताला लगा दिया गया था. इसके साथ ही लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई. इसके बाद यह मंदिर करीबन 24 सालों तक बंद रहा. साल 1974 में मंदिर को आम लोगों के लिए खोलने के लिए आंदोलन हुआ. इसके बाद तत्कालीन Chief Minister Prakashchandra Sethi ने मंदिर का ताला खुलवा दिया था. तब से सिर्फ महाशिवरात्रि पर लोगों को पूजा-पाठ की अनुमति दी जाती है.

mp guard over Shiva
भक्त सिर्फ 12 घंटे कर सकेंगे दर्शन और अभिषेक

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पुरातत्व विभाग करता है देख-रेखः आजादी के बाद से ही बंद यह मंदिर पिछले साल तब और चर्चाओं में आया जब Pandit Pradeep Mishra ने अपनी कथा में इस मंदिर का जिक्र किया. उन्होंने यहां तक कहा कि प्रदेश में शिवराज मुख्यमंत्री हैं और यहां शिव कैद में हैं. शिव मंदिर में ताला डला है और तुम दीवाली मना रहे हो. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री Uma Bharti मंदिर पहुंची और बाहर से ही मंदिर में जलाभिषेक किया. हालांकि उमा भारती के तीखे तेवर के बाद भी मंदिर का ताला नहीं खोला जा सका. उधर पुरातत्व विभाग के भोपाल सर्किल के निदेशक मनोज कुर्मी के मुताबिक मंदिर का ताला खोलने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार को फैसला करना है. हमारा काम ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण करना है, जो हम कर रहे हैं.

महाशिवरात्रि पर सुबह 6 बजे खुलेगा तालाः रायसेन के सोमेश्वर महादेव मंदिर का ताला इस बार भी महाशिवरात्री पर सुबह 6 बजे प्रशासन की मौजूदगी में खोला जाएगा। रायसेन कलेक्टर अरविंद दुवे के मुताबिक इस साल भी मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। इसको देखते हुए तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं। उधर स्थानीय लोगों द्वारा प्रसाद वितरण के लिए 5 क्विंटल खिचड़ी और फलाहार की व्यवस्था की जा रही है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में कई प्रसिद्ध शिवमंदिर हैं. यहां एक ऐसा शिव मंदिर भी है, जिस पर जलाभिषेक करने के लिए भक्तों को पूरे एक साल का इंतजार करना पड़ता है. यह मंदिर साल में सिर्फ 12 घंटे के लिए ही खुलता है. प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 48 किलोमीटर दूर स्थित रायसेन जिले का यह सोमेश्वर शिव मंदिर है. महाशिवरात्रि पर इस मंदिर के पट सुबह छह बजे खुलेंगे और श्रद्धालु शाम 6 बजे तक यहां भोलेनाथ के दर्शन कर पाएंगे. 11वीं सदी के रायसेन के किले में स्थित यह मंदिर आजादी के बाद से ही धार्मिक विवाद में आ गया था.

mp guard over Shiva
भक्त सिर्फ 12 घंटे कर सकेंगे दर्शन और अभिषेक

ऐतिहासिक किले में है प्रसिद्ध मंदिरः करीब 1 हजार फीट ऊंचे पहाड़ पर स्थित रायसेन के किले में यह प्रसिद्ध सोमेश्वर मंदिर मौजूद है. 10वीं सदी का यह किला अपने अंदर कई ऐतिहासिक तथ्यों को समेटे है. इतिहासकारों के मुताबिक उस वक्त यहां परमारकालीन राजाओं का शासन हुआ करता था. उसी दौरान सोमेश्वर मंदिर का निर्माण कराया गया. रायसेन का यह किला अपनी भौगौलिक स्थिति के चलते हमेशा आक्रमणकारियों का शिकार होता रहा. 12वीं सदी के बाद यहां मुस्लिम शासकों के आक्रमण शुरू हो गए. 1283 में यहां जलालउद्दीन खिलजी काबिज हो गया. इसके बाद यहां मलिक काफूर, मोहम्मद शाह तुगलक, साहिब खान का कब्जा रहा.

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महाशिवरात्रि पर सुबह 6 बजे खुलेगा तालाः रायसेन के सोमेश्वर महादेव मंदिर का ताला इस बार भी महाशिवरात्री पर सुबह 6 बजे प्रशासन की मौजूदगी में खोला जाएगा। रायसेन कलेक्टर अरविंद दुवे के मुताबिक इस साल भी मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। इसको देखते हुए तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं। उधर स्थानीय लोगों द्वारा प्रसाद वितरण के लिए 5 क्विंटल खिचड़ी और फलाहार की व्यवस्था की जा रही है.

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