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MHA ने कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान 13034 कॉल संभाले: रिपोर्ट

गृह मंत्रालय (MHA) के नियंत्रण कक्ष ने कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान कुल 13 034 संकट से जुड़े फोन कॉल्स को संभाला है. जिनमें से 854 कॉल आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं से संबंधित थीं.

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Published : Apr 26, 2022, 10:17 PM IST

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय (MHA) के नियंत्रण कक्ष ने कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान कुल 13 034 संकट कॉलों को संभाला है. जिनमें से 854 कॉल आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं से संबंधित थीं. एमएचए ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा कि 25 मार्च 2020 से 31 दिसंबर 2020 के बीच 11377 कॉल भोजन और आश्रय से संबंधित थीं. 129 कॉल उत्तर पूर्वी क्षेत्रों के लिए और 742 कॉल अन्य मुद्दों से जुड़ी थीं.

इसके अलावा 2 मई 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक कुल 295327 फंसे हुए व्यक्तियों ने श्रमिक विशेष ट्रेनों द्वारा आवाजाही के लिए कुल 32986 कॉल कीं. जिनमें से 271219 मजदूरों के लिए 5388 कॉलें आईं. छात्रों के लिए 1539 और पर्यटकों से जुड़ी 17052 फोन कॉल्स आये. इसके अलावा 296 कॉल उन व्यक्तियों से प्राप्त हुए जो विदेश से भारत आना चाहते थे. 265 उन व्यक्तियों से कॉल आये जो भारत से विदेश जाना चाहते थे.

आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना: पूरे देश में सभी आवश्यक वस्तुओं की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त/संयुक्त सचिव स्तर के क्षेत्रीय अधिकारियों को गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त किया गया था. उन्होंने आवंटित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकार के अधिकारियों के साथ बातचीत की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन, निर्माण और वितरण में कोई व्यवधान न हो. विशेष रूप से राशन, दवाएं, किराना, दूध, सब्जियां और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित रहे.

गृह मंत्रालय नियंत्रण कक्ष: 21 मार्च 2020 से प्रमुख केंद्रीय मंत्रालयों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ संयुक्त सचिवों/अतिरिक्त सचिवों के स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में एमएचए में नियंत्रण कक्षा का चौबीसों घंटे संचालन किया जा रहा है. हेल्पलाइनों की संख्या 7 से बढ़ाकर 66 कर दी गई है. जिनमें से 15 पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों को समर्पित हैं. नियंत्रण कक्ष ने लॉकडाउन उपायों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य मंत्रालयों के प्रश्नों का उत्तर दिया.

यह भी पढ़ें- वर्ष 2020 में 32.79 लाख विदेशी नागरिक भारत की यात्रा पर आये थे: गृह मंत्रालय

साथ ही अंतर-मंत्रालयों और अंतर राज्य समन्वय मुद्दों आदि को बेहतर तरीके से संबोधित किया. मंत्रालय ने कहा है कि 25 मार्च 2020 से राष्ट्रीय लॉकडाउन की घोषणा से पहले अधिकांश राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने-अपने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थितियों के आकलन के आधार पर पहले ही लॉकडाउन (पूरी तरह और आंशिक रूप से) घोषित कर दिया था.

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय (MHA) के नियंत्रण कक्ष ने कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान कुल 13 034 संकट कॉलों को संभाला है. जिनमें से 854 कॉल आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं से संबंधित थीं. एमएचए ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा कि 25 मार्च 2020 से 31 दिसंबर 2020 के बीच 11377 कॉल भोजन और आश्रय से संबंधित थीं. 129 कॉल उत्तर पूर्वी क्षेत्रों के लिए और 742 कॉल अन्य मुद्दों से जुड़ी थीं.

इसके अलावा 2 मई 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक कुल 295327 फंसे हुए व्यक्तियों ने श्रमिक विशेष ट्रेनों द्वारा आवाजाही के लिए कुल 32986 कॉल कीं. जिनमें से 271219 मजदूरों के लिए 5388 कॉलें आईं. छात्रों के लिए 1539 और पर्यटकों से जुड़ी 17052 फोन कॉल्स आये. इसके अलावा 296 कॉल उन व्यक्तियों से प्राप्त हुए जो विदेश से भारत आना चाहते थे. 265 उन व्यक्तियों से कॉल आये जो भारत से विदेश जाना चाहते थे.

आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना: पूरे देश में सभी आवश्यक वस्तुओं की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त/संयुक्त सचिव स्तर के क्षेत्रीय अधिकारियों को गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त किया गया था. उन्होंने आवंटित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकार के अधिकारियों के साथ बातचीत की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन, निर्माण और वितरण में कोई व्यवधान न हो. विशेष रूप से राशन, दवाएं, किराना, दूध, सब्जियां और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित रहे.

गृह मंत्रालय नियंत्रण कक्ष: 21 मार्च 2020 से प्रमुख केंद्रीय मंत्रालयों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ संयुक्त सचिवों/अतिरिक्त सचिवों के स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में एमएचए में नियंत्रण कक्षा का चौबीसों घंटे संचालन किया जा रहा है. हेल्पलाइनों की संख्या 7 से बढ़ाकर 66 कर दी गई है. जिनमें से 15 पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों को समर्पित हैं. नियंत्रण कक्ष ने लॉकडाउन उपायों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य मंत्रालयों के प्रश्नों का उत्तर दिया.

यह भी पढ़ें- वर्ष 2020 में 32.79 लाख विदेशी नागरिक भारत की यात्रा पर आये थे: गृह मंत्रालय

साथ ही अंतर-मंत्रालयों और अंतर राज्य समन्वय मुद्दों आदि को बेहतर तरीके से संबोधित किया. मंत्रालय ने कहा है कि 25 मार्च 2020 से राष्ट्रीय लॉकडाउन की घोषणा से पहले अधिकांश राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने-अपने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थितियों के आकलन के आधार पर पहले ही लॉकडाउन (पूरी तरह और आंशिक रूप से) घोषित कर दिया था.

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