हैदराबाद: केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मेडिसिन फ्रॉम द स्काई (आसमान से दवाएं) परियोजना के तहत ड्रोन की मदद से दवाओं और टीके की आपूर्ति की शुरुआत पायलट परियोजना के तहत तेलंगाना के 16 ग्रीन जोन से की जाएगी.
उन्होंने कहा कि पायलट परियोजना के आंकड़ों के आधार पर इसका विस्तार राष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा.
यहां मेडिसिन फ्रॉम द स्काई परियोजना की शुरुआत करते हुए सिंधिया ने कहा कि केंद्र की राजग नीत सरकार की नई ड्रोन नीति ने नियमों में कुछ ढील देते हुए देश में ड्रोन के उपयोग को आसान बना दिया है. नई नीति के तहत ड्रोन के संचालन के लिए पहले के 25 फॉर्म के मुकाबले अब महज पांच फॉर्म भरने पड़ेंगे वहीं पहले जहां 72 प्रकार का शुल्क लिया जाता था.
अब संचालक को महज चार प्रकार का शुल्क देना होगा. ग्रीन जोन के तहत ड्रोन के संचालन/उड़ान के लिए किसी पूर्वानुमति की आवश्यकता नहीं होगी. वहीं येलो जोन में ड्रोन उड़ाने के लिए पूर्वानुमति लेनी होगी जबकि रेड जोन नो फ्लाई जोन होगा और वहां ड्रोन नहीं उड़ाए जा सकेंगे.
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मंत्री ने कहा तेलंगाना के 16 ग्रीन जोन में मेडिसिन फ्रॉम द स्काई परियोजना शुरू की जाएगी. इसके आंकड़ों का विश्लेषण तीन महीने तक किया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्रालय, आईटी मंत्रालय, राज्य सरकार और केन्द्र के साथ मिलकर हम लोग आंकड़ों का विश्लेषण करेंगे और पूरे देश के लिए मॉडल विकसित करेंगे.
तेलंगाना नहीं बल्कि पूरे देश के लिए क्रांति का दिन का है. सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदृष्टि वाले नेतृत्व में नई ड्रोन नीति बनाई गई है. मेडिसिन फ्रॉम द स्काई को तेलंगाना ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम नीति आयोग और हेल्थनेट ग्लोबल (अपोलो अस्पताल) के साथ मिलकर शुरू किया है.
(पीटीआई-भाषा)