नई दिल्ली : दिल्ली के नॉर्थ एवेन्यू में स्थित घर (House located in North Avenue Delhi) पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए रवि राणा ने कहा कि यह सारी अटकलें हैं कि मैं भाग रहा हूं और पुलिस मुझे ढूंढ रही है. ये सभी झूठे और निराधार आरोप हैं. देखिए अमरावती में क्या हुआ? शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर दुर्भाग्यपूर्ण राजनीति की जा रही है. यह बहुत ही चौंकाने वाला है और मुझे जानबूझकर इस मुद्दे में घसीटा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि उस घटना के समय मैं दिल्ली में था और तब भी मुझे पुलिस द्वारा फंसाया जा रहा है. मेरे खिलाफ धारा 307 लगाई गई है जो बहुत ही गंभीर अपराध है. मैं स्पष्ट कर दूं कि मैं भाग नहीं रहा हूं. मैं दिल्ली में हूं और अगर सीएम उद्धव ठाकरे को लगता है कि मुझे गिरफ्तार किया जाना चाहिए, तो कृपया पुलिस भेजें. अब तक मुझे पुलिस से कोई फोन नहीं आया है और अगर पुलिस मुझे बुलाएगी, तो मैं सबसे पहले अपने गृहनगर महाराष्ट्र जाऊंगा.
शिवसेना की सत्तारूढ़ सरकार पर कटाक्ष करते हुए राणा ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार ऐसे लोगों से भरी पड़ी है जो भ्रष्ट हैं. जो गरीबों, बेरोजगारों और किसानों की परवाह नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि यहां लोगों को बिना किसी अपराध के गिरफ्तार किया जा रहा है और जेल भेजा जा रहा है, यह कैसी स्थिति है.
ईटीवी भारत द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि महाराष्ट्र की सरकार स्थिर सरकार चलाने में असमर्थ है? उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ रहा है क्योंकि यहां की सरकार अप्रभावी है. हालांकि इस राज्य में हमारे पास सीएम हैं लेकिन आम लोग ऐसा नहीं सोचते. ऐसा लगता है कि प्रभावी सरकार चलाने के लिए कोई मुख्यमंत्री ही नहीं है. यह महाराष्ट्र राज्य की विफलता को प्रदर्शित करता है.
राणा ने कहा कि मेरे पास सीएम उद्धव के बहनोई की अवैध संपत्तियों के सबूत हैं और मैं ईडी को सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज सौंपूंगा. संजय राउत ने 3.5 लोगों का उल्लेख किया है और मेरे पास 4.75 लोगों का रिकॉर्ड है. इसे एक सीलबंद लिफाफे में ईडी को सौंप दूंगा. उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र बिहार जैसा बनता जा रहा है. लोग सत्तारूढ़ शिवसेना की सरकार की अक्षमता से तंग आ चुके हैं.
इन सभी विफलताओं के लिए सीएम उद्धव जिम्मेदार हैं और कम से कम उन्हें लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस तरह से उनकी पत्नी नवनीत राणा (सांसद) के साथ व्यवहार किया गया, वह बहुत अपमानजनक था. आने वाले दिनों में वह संसद में अपनी आवाज बुलंद करेंगी. उन्होंने कहा कि जो अधिकारी दोषी हैं उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए और वह संसद में यह मुद्दा उठाएंगी.
क्या है शिवाजी की मूर्ति हटाने का विवाद
कहा जा रहा है कि अमरावती के विधायक रवि राणा ने शिवाजी महाराज की मूर्ति लगाई जिसे निगम ने हटा दिया. इससे शहर में तनाव की स्थिति है. जानकारी के अनुसार मूर्ति लगाने वाले रवि राणा के घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है. शिवाजी महाराज की मूर्ति लगाने और फिर हटाने के बाद शहर की राजनीति गर्मा गई है. बताया जा रहा है कि 13 जनवरी की रात विधायक रवि राणा और उनके समर्थकों ने बिना प्रशासन की अनुमति के राजापेठ फ्लाईओवर पर छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति स्थापित कर दी. सूचना के बाद अमरावती नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और मूर्ति को वहां से हटा दिया. मूर्ति हटाए जाने के बाद शहर में तनाव की स्थिति बनी हुई है. विधायक रवि राणा सांसद नवनीत राणा के पति हैं.
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क्या है स्याही फेंकने का विवाद
महाराष्ट्र के नासिक में मराठी अखबार के संपादक गिरीश कुबेर के चेहरे पर काली स्याही फेंकी गई थी. संभाजी ब्रिगेड नामक संगठन पर आरोप लगाया गया. यह संगठन गिरीश कुबेर की लिखी हुई किताब रेनेसान्स स्टेट: द रिटन स्टोरी ऑफ द मेकिंग ऑफ महाराष्ट्र को बैन करने की मांग कर रहा है. संगठन का आरोप है कि इस किताब में कुछ ऐसी बातें लिखी हैं जिनसे छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे छत्रपति संभाजी महाराज की छवि खराब होती है. यह घटना 94वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के दौरान हुई. स्याही फेंकने वाले दो संदिग्ध लोगों को पकड़ लिया गया था.